Women's Day 2023 : कहानी देश की पहली नेत्रहीन IAS प्रांजल पाटिल की, बिना कोचिंग क्रैक किया UPSC Exam, जिंदगी से कभी शिकायत नहीं की
करियर डेस्क : महिला दिवस पर कहानी देश की पहली नेत्रहीन IAS प्रांजल पाटिल (Pranjal Patil) की। 6वीं में ही उनकी आंखों की रोशनी छिन गई लेकिन उनका हौसला नहीं छिन सका। आंखें न होने के बावजूद भी उन्होंने चुनौतियों से हार नहीं मानी और आज इस मुकाम पर हैं।
Satyam Bhardwaj | Published : Mar 7, 2023 12:43 PM IST / Updated: Mar 07 2023, 09:50 PM IST
प्रांजल पाटिल महाराष्ट्र के उल्लास नगर की हैं। बचपन से ही वह काफी इंटेलिजेंट थीं। स्कूल में एक हादसे ने उनकी पूरी जिंदगी ही बदलकर रख दी थी। जब प्रांजल क्लास 6th में पढ़ रही थीं, तब क्लास की स्टूडेंट की पेंसिल गलती से उनकी आंख में लग गई और उनकी आंखों की रोशनी चली गई। इस हादसे से प्रांजल को अंदर तक झकझोर दिया लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
प्रांजल की आगे की पढ़ाई ब्रेन लिपि से हुई। कमाल का हौसला और दृढ़ संकल्प के दम पर उन्होंने जिंदगी में कुछ बड़ा करने का सोचा। उनकी पढ़ाई का तरीका बदल चुका था लेकिन लगन वैसी की वैसी ही थी। प्रांजल ने एक ऐसे सॉफ्टवेयर की मदद से पढ़ाई की, जो उन्हें पूरी किताब पढ़कर सुनाता था।
प्रांजल ने कई प्रतियोगी परीक्षाएं दी लेकिन मन UPSC में ही लगा रहा। फिर उन्होंने पूरे मन से तैयारी शुरू की और नजीजा रहा कि 2016 में उन्होंने यूपीएससी पास कर ली। उन्हें 733वीं रैंक मिली लेकिन अपनी रैंक से प्रांजल खुश नहीं थीं।
एक साल बाद 2017 में उन्होंने दोबारा सिविल सर्विसेज एग्जाम दिया और इस बार उनकी रैंक 124वीं आई। प्रांजल इस बार रैंक से काफी संतुष्ट थी और उन्होंने अपनी पोस्ट जॉइन की। वर्तमान में उनकी पोस्टिंग केरल में है।
प्रांजल पाटिल ने यूपीएससी के लिए कभी भी कोचिंग नहीं की। सेल्फ स्टडी के दम पर उन्होंने देश की सबसे कठिन परीक्षा पास की। उनकी कहानी हर किसी को मोटिवेट करती है। IAS प्रांजल पाटिल खुद भी कहती हैं कि डिसएबिलिटी शरीर की होती है, उसे दिमाग में न लाए और आगे बढ़ने के लिए मेहनत करते रहें।