Kerala Government Decision: साल में कम से कम 210 दिन चलेंगे स्कूल, क्लासरूम भी टेक्नोलॉजी फ्रेंडली

Kerala Government Decision: केरल सरकार ने बड़ा निर्णय लेते हुए साल में कम से कम 210 दिन स्कूल खोलने का निर्णय लिया है। 210 दिन अब स्कूलों में काम होगा. इसके साथ ही स्कूलों में क्लास रूम को भी टेक्नोलॉजी फ्रेंडली बनाया गया है।

एजुकेशन डेस्क। अब केरल में स्कूलों को 365 दिनों में से कम से कम 210 दिन खोलने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश के स्कूलों में अच्छी शिक्षा देने के लिए क्लास रूम को भी टेक्नोलॉजी फ्रेंडली बनाया गया है। इसके अलावा केरल को नीति आयोग के स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इनडेस्क में भी टॉप रैंकिंग मिली है।  

210 working days in kerla schools: केरल के शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने मलयिंकीझू सरकारी स्कूल के एंट्रेंस सेरेमनी में अपने भाषण के दौरान कहा कि प्रदेश के पब्लिक एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन एकेडमिक ईयर 2023-24 के लिए 210 वर्किंग डेज बनाए रखने के प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि अब से मिड समर वैकेशन 6 अप्रैल से शुरू होगा। इससे पहले 31 मार्च को स्कूल बंद हुआ था। 

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सरकार स्कूल के इनफ्रास्ट्रक्चर को भी डेवेलप करने को लेकर काम कर रही है ताकि यह एकेडमिक ईयर में कई सारे जरूरी बदलाव कर सकेंगे। केआईआईएफबी (KIIFB) के कुल 2309 करोड़ से 973 स्कूलों में कंटेमपरेरी बिल्डिंग्स बनाई गई है। सौ करोड़ रुपये खर्च कर 1300 स्कूलों को कई सुविधाओं से लैस  और हाईटेक बनाया जाएगा। 

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kerla education minister V Sivankutty बोले टेक्नोलॉजी फ्रेंडली हैं 45 हजार क्लासरूम
शिक्षा मंत्री ने बताया कि 8वीं से 12वीं क्लास तक की 45000 क्लासरूम को टेक्नोलॉजी फ्रेंडली बनाया गया है। सभी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में कंप्यूटर लेबोरेटरी हैं। उन्होंने दावा किया कि केरल पूरी तरह से डिजिटल होने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है। सभी क्लासरूम में टेक्नोलॉजी का यूज करते हुए एक फुल फ्लैश पोर्टल बनाया गया है। कई एकेडमिक अपग्रेडेशन को लेकर भी अभी काम किए जाने हैं जिसे आगे किया जाएगा। 

केरल के स्कूलों में स्पेशल प्रोग्राम स्टार्ट
मंत्री ने बताया कि जिन बच्चों को लैंग्वेज, साइंस, सोशल साइंस और मैथ्स में प्रॉब्लम हैं और उन्हें हेल्प की जरूरत है, उनके लिए स्पेशल प्रोग्राम डेवलप किया है। इसके साथ ही दिव्यांगों के लिए भी स्कूलों में स्पेशल लर्निंग प्रोग्राम बनाया जा रहा है।

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