अर्थ डे पर स्कूल-कॉलेज के स्टूडेंट्स, समाजिक संस्थाएं लोगों के साथ मिलकर पेड़ लगाते हैं। पब्लिक प्लेस से कचरा साफ करते हैं। नदी की सफाई करते हैं। पर्यावरण को बचाने के लिए तरह-तरह के कार्यक्रम चलाए जाते हैं।
करियर डेस्क : आज पूरी दुनिया पृथ्वी दिवस (World Earth Day 2023) मना रही है। हर साल 22 अप्रैल को इस दिन को बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। इसे 'इंटरनेशनल मदर अर्थ डे' के नाम से भी जाना जाता है। इस बार 53वीं बार अर्थ-डे मनाया जा रहा है। पृथ्वी दिवस मनाने के पीछे का जो उद्देश्य है, वह यह कि हम सभी अपनी धरती के महत्व को समझें और पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएं। ताकि क्लाइमेट चेंज, ग्लोबल वार्मिंग और प्रदूषण से निपटने में मदद मिल सके।
22 अप्रैल को ही अर्थ डे क्यों
अमेरिकी सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने पर्यावरण को लेकर काफी प्रयास किया था। उनका मकसद था कि इस कैंपेस से कॉलेज के ज्यादा से ज्यादा छात्र जुड़ें, ताकि इसका बड़े स्तर पर फायदा मिल सके। इसके लिए उन्होंने सबसे सही वक्त 19 से 25 अप्रैल का बताया था। ऐसा इसलिए क्योंकि यह ऐसा समय होता है, जब कॉलेज में एग्जाम भी नहीं होते हैं और छुट्टियां भी नहीं रहती है। इस दौरान ना ही कोई फेस्टिवल रहता है और किसी तरह की बाधाएं भी नहीं आती है। इस कैंपेन से ज्यादा छात्र जुड़ सकें, इसलिए उन्होंने पृथ्वी दिवस को मनाने के लिए 22 अप्रैल का दिन चुना। तभी से हर साल यही तारीख तय हो गई।
पृथ्वी दिवस 2023 की थीम
इस बार यानी पृथ्वी दिवस 2023 की थीम 'Invest in our planet' रखा गया है। इसका मतलब यह हुआ कि हमारी पृथ्वी को बचाने के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाएं और पर्यावरण संरक्षण की चुनौतियों को खत्म करने का प्रयास करें।
53 साल पहले पहली बार मनाया गया था पृथ्वी दिवस
पृथ्वी दिवस को पूरी दुनिया मनाती है। ग्लोवल लेवल पर 192 देशों में अर्थ डे मनाया जाता है। 60-70 के दशक में जंगलों और पेड़ों की खूब कटाई हो रही थी। इन्हें बचाने और पर्यावरण की रक्षा के लिए सितंबर 1969 में वाशिंगटन के सिएटल में एक सम्मलेन का आयोजन किया गया था। इसमें 20 हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए थे। तब विस्कोंसिन के अमेरिकी सीनेटर जेराल्ड नेल्सन ने अर्थ डे मनाने का सुझाव दिया और 1970 से यह दिन दुनियाभर में मनाया जाने लगा। जब पृथ्वी दिवस पहली बार मनाया गया था, तब अमेरिका में यह जन आंदोलन बन गया था और इसमें बड़ी संख्या में अमेरिकी स्कूल और कॉलेजों के छात्र-छात्रों ने हिस्सा लिया था।
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