Atiq Ahmed Son Asad Encounter : अतीक अहमद के बेटे का एनकाउंटर करने वाली यूपी STF के बारें में जानें सब कुछ

यूपी एसटीएफ ह्यूमन इंटेलिजेंस, टेक्नोलॉजी और खास रणनीति पर किसी ऑपरेशन को अंजाम देती है। 5 खास उद्देश्य के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन हुआ था। इसके पास राज्य में कहीं भी एक्शन लेने का अधिकार है।

करियर डेस्क : उत्‍तर प्रदेश के प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्‍याकांड के मुख्य आरोपी माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और उसके साथी शूटर गुलाम अहमद को यूपी एसटीएफ ने मार (Atiq Ahmed Son Asad Encounter) गिराया है। UP STF टीम के दो होनहार अफसर डीएसपी नवीन और डीएसपी विमल के नेतृत्‍व में एनकाउंटर को अंजाम तक पहुंचाया गया। इससे पहले यूपी एसटीएफ कानपुर के गैंगस्‍टर विकास दुबे का एनकाउंटर कर चर्चा में थी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर एसटीएफ क्या है, इसका गठन कब किया गया, इसका उद्देश्य क्या है, यह किस तरह किसी भी ऑपरेशन को पूरा करती है? आइए जानते हैं...

STF क्या है

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एसटीएफ का पूरा नाम स्पेशल टास्क फोर्स होता है। यह पुलिस विभाग की बेहद खास यूनिट होती है। यूपी में खास कामों को पूरा करने के मकसद से एसटीएफ का गठन 4 मई, 1998 को राज्य की राजधानी लखनऊ में किया गया था। कुख्यात माफिया श्रीप्रकाश शुक्ला और उसकी गैंग को रोकने के लिए सबसे पहले इस खास यूनिट का विचार आया था।

एसटीएफ किसी ऑपरेशन को कैसे पूरा करती है

STF की कमान अतिरिक्त महानिदेशक (ADG) रैंक के अधिकारी के हाथ होता है। उसकी मदद के लिए एक पुलिस महानिरीक्षक (IG) रैंक का अधिकारी होता है। एसटीएफ कई टीम के तौर पर काम करती है। हर टीम को डिप्‍टी एसपी या एसपी लीड करते हैं। एसटीएफ के सभी तरह के काम का प्रभार एसएसपी के हाथ होता है। ‍स्पेशल टास्‍क फोर्स यानी एसटीएफ को राज्य में किसी भी हर जगह पर एक्शन लेने का अधिकार होता है। एसटीएफ की टीम प्रदेश से बाहर भी जाकर कार्रवाई कर सकती हैं। हालांकि, जब दूसरे राज्य में ऑपरेशन चलता है, तब वहां की पुलिस की मदद भी लेनी होती है।

एसटीएफ का उद्देश्‍य

यूपी एसटीएफ अपने लक्ष्य को पाने के लिए ह्यूमन इंटेलिजेंस, टेक्नोलॉजी और खास रणनीति पर काम करती है। 5 खास उद्देश्य के लिए यूपी एसटीएफ का गठन हुआ था।

1.माफिया गिरोह की जानकारी जुटाकर एक्शन लेना।

2. ISI एजेंट जैसों के खिलाफ कार्रवाई करना।

3. जिला पुलिस के साथ मिलकर लिस्टेड बदमाशों और गिरोहों पर कार्रवाई करना।

4. डकैतों के गिरोह को नेस्तनाबूद करना यानी उनके खिलाफ एक्शन लेना।

5. जिले में संगठित अपराध चलाने वालों पर कार्रवाई करना।

यूपी एसटीएफ का टारगेट

एटीएस के गठन के बाद ISI एजेंट के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार अब एसटीएफ के पास नहीं है। यूपी एसटीएफ की टीम ने अब तक कई कुख्यात गैंगस्टर्स का सफाया किया है। उनका खौफ अपराधियों में काफी है। एसटीएफ के निशाने पर डकैत, जिला स्तर के अपराधी, संगठित अपराध करने वाले, शराब माफिया, चोरी-छिनैती वाले अपराधी, फिरौती गिरोह वाले अपराधी रहते हैं।

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