
Lalu Yadav Children: बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी का परिवार हमेशा सुर्खियों में रहा है। 1973 में शादी के बाद दोनों ने नौ बच्चों की परवरिश की, सात बेटियां और दो बेटे। इन्हीं बच्चों के आसपास लालू परिवार की पूरी राजनीतिक और सामाजिक पहचान खड़ी हुई है। लेकिन हाल के चुनाव नतीजों और परिवार के भीतर चल रही खींचतान ने इस बड़े राजनीतिक घराने में गंभीर तनाव पैदा कर दिया है। जानिए लालू यादव और राबड़ी देवी के 9 बच्चों के बारे में पूरी डिटेल।
सबसे बड़ी बेटी मिसा भारती डॉक्टर हैं और राजनीति में भी सक्रिय रही हैं। पाटलिपुत्र से सांसद रह चुकीं मिसा की शादी कंप्यूटर इंजीनियर शैलेश कुमार से हुई है। उनका नाम भी अपने आप में इतिहास से जुड़ा है, ये नाम उन दिनों के ‘MISA कानून’ से प्रेरित है, जिसके तहत लालू को इमरजेंसी के दौरान जेल भेजा गया था।
दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य भी डॉक्टर हैं और सिंगापुर में रहती हैं। रोहिणी ने 2022 में अपने पिता लालू को किडनी दान देकर पूरे देश से सम्मान पाया था। लेकिन हाल ही में उन्होंने साफ कहा कि वे राजनीति से दूरी बना रही हैं और परिवार से भी अलग हो रही हैं। इसी बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी।
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37 साल के लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव कई बार मंत्री रह चुके हैं, लेकिन 2025 में माहौल तब बिगड़ा जब लालू ने खुद उन्हें गैरजिम्मेदार व्यवहार के कारण परिवार और पार्टी, दोनों से बाहर कर दिया।
लालू यादव के सबसे छोटे बेटे 35 साल के तेजस्वी यादव को लालू का असली राजनीतिक उत्तराधिकारी माना जाता है। 12वीं के बाद पढ़ाई छोड़ देने के बावजूद वे बिहार के डिप्टी सीएम भी रह चुके हैं। उनकी शादी राजश्री यादव से हुई है और दो बच्चे हैं। पिछले कुछ सालों में तेजस्वी ने पार्टी पर अपनी पकड़ और मजबूत कर ली, पर इसी को लेकर परिवार भीतर ही भीतर नाराज होता रहा।
चुनावों में RJD को काफी खराब प्रदर्शन करना पड़ा। उन्हें 143 सीटों में से सिर्फ 25 मिलीं। इसके बाद पार्टी के अंदर सवाल उठने लगे कि फैसले कैसे लिए जा रहे हैं और तेजस्वी के सलाहकारों की भूमिका आखिर क्या है। इसी माहौल के बीच रोहिणी आचार्य ने आरोप लगाया कि उन्हें परिवार में अपमानित किया गया और तेजस्वी के करीबियों द्वारा उन्हें निशाना बनाया गया। उनके इस बयान के बाद माहौल और बिगड़ गया। रोहिणी के समर्थन में उनकी तीन बहनों, रागिनी, चंदा और राज लक्ष्मी ने भी कदम उठाया और अपने माता-पिता के पटना वाले घर से बाहर चली गईं। इससे साफ हो गया कि परिवार में दरार काफी गहरी हो चुकी है। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि तेज प्रताप, जो पहले खुद परिवार और RJD से बाहर हो चुके थे, भी रोहिणी के बचाव में सामने आए और बोले कि उनके साथ अन्याय हुआ है।
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इस पूरे विवाद पर लालू और तेजस्वी दोनों ने अब तक चुप्पी साध रखी है। पार्टी के अंदरूनी हलकों में भी माना जा रहा है कि ये तनाव महीनों से बढ़ रहा था और चुनावी हार ने इसे और उजागर कर दिया।