
Madhya Pradesh Colleges Admission Crisis: मध्य प्रदेश में कॉलेजों में 55 प्रतिशत से अधिक सीटें अभी भी खाली पड़ी हैं, लेकिन उच्च शिक्षा विभाग ने नई एडमिशन प्रक्रिया की शुरुआत नहीं की है। इसके कारण, कई छात्रों का भविष्य अनिश्चित और निराशाजनक हो गया है। कक्षा 12वीं में अच्छे अंक लाने के बावजूद, कई छात्रों को अपनी पसंद के कोर्स में प्रवेश नहीं मिल पा रहा है। सरकारी पहल के बावजूद, खाली सीटों की भरपाई के लिए नई भर्ती प्रक्रिया का इंतजार किया जा रहा है।
अच्छे अंक लाने वाले भी परेशान
कक्षा 12वीं में अच्छे अंक लाने के बावजूद, हजारों छात्रों को अपनी इच्छित कोर्स में प्रवेश नहीं मिल पाया है। खासकर वे छात्र जो कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) में अपनी रैंकिंग पर निर्भर हैं, वे भी परेशान हैं और अभी भी यह साफ नहीं है कि वे इस शैक्षणिक वर्ष में किसी कॉलेज में दाखिला ले पाएंगे या नहीं।
फिर भी सीटें खाली
राज्य में इंदौर समेत कई कॉलेजों में 50 प्रतिशत से अधिक सीटें खाली पड़ी हैं। इसके बावजूद, उच्च शिक्षा विभाग ने नई भर्ती प्रक्रिया की घोषणा नहीं की है। पिछले दौर की समाप्ति को लगभग दो हफ्ते हो चुके हैं और छात्र लगातार कॉलेजों का दौरा कर रहे हैं, लेकिन नई भर्ती प्रक्रिया की जानकारी के बिना वे चिंतित हैं।
सरकारी पहल और हकीकत
राज्य सरकार ने उच्च शिक्षा में दाखिला बढ़ाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जैसे कि लाड़ली लक्ष्मी-2, मेधावी और गांव की बेटी। इसके बावजूद दाखिले बंद हैं और हजारों सीटें अब भी खाली हैं। मध्य प्रदेश में कुल 8.3 लाख अंडरग्रेजुएट सीटों में से सिर्फ 3.7 लाख ही भरी गई हैं। पोस्टग्रेजुएट (PG) कोर्सेस में भी स्थिति बेहतर नहीं है, 2.15 लाख सीटों में से केवल 97,000 ही भरी गई हैं।
इंदौर में भी हालत खराब
इंदौर में अकेले 98,000 अंडरग्रेजुएट सीटों में से सिर्फ 45,000 भरी गई हैं और 20,000 PG सीटों में से केवल 4,000 ही भरी गई हैं। ISBA कॉलेज के निदेशक गौरव चौधरी के अनुसार इंदौर में लगभग 15,000 छात्र अब भी दाखिले का इंतजार कर रहे हैं और सरकार को तुरंत कदम उठाने की जरूरत है।
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