मेजर प्रिया झिंगन: लेडी कैडेट नंबर 1, जिनकी चिट्ठी से खुला महिलाओं के लिए भारतीय सेना का रास्ता

Published : Nov 05, 2025, 06:54 PM IST
Major Priya Jhingan

सार

Major Priya Jhingan Success Story: मेजर प्रिया झिंगन को भारतीय सेना की पहली महिला ऑफिसर बनने का गौरव हासिल है। उनकी हिम्मत और एक चिट्ठी से शुरू हुआ सफर आज लाखों बेटियों के लिए प्रेरणा बन चुका है। जानिए मेजर प्रिया झिंगन की सफलता की कहानी।

First Woman Officer Indian Army: साल 1992 से पहले भारतीय सेना में महिलाएं केवल डॉक्टर या नर्स की भूमिका में ही सेवा दे सकती थीं। मगर हिमाचल प्रदेश की एक लॉ ग्रेजुएट युवा महिला ने सोचा कि मै भी वर्दी क्यों नहीं पहन सकती? यह महिला थीं प्रिया झिंगन, जिन्होंने भारतीय सेना के तत्कालीन प्रमुख जनरल सुनीथ फ्रांसिस रॉड्रिग्स को एक पत्र लिखा और अनुरोध किया कि महिलाओं को भी सेना में अधिकारी बनने का मौका दिया जाए। कुछ महीनों बाद उन्हें जो जवाब मिला, उसने इतिहास बदल दिया। सेना ने शॉर्ट सर्विस कमीशन (SSC) के तहत महिलाओं के लिए दरवाजे खोल दिए।

मेजर प्रिया झिंगन की ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी जर्नी

साल 1992, चेन्नई के ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (OTA) के परेड ग्राउंड पर उस सुबह कुछ ऐतिहासिक होने वाला था। सूरज की रोशनी में चमकते उस मैदान पर एक युवती कदम बढ़ा रही थी और उसी पल भारतीय सेना के इतिहास में एक नया अध्याय लिखा जा रहा था। उनका नाम था मेजर प्रिया झिंगन, जिन्हें हमेशा याद किया जाएगा लेडी कैडेट नंबर 1 के रूप में। वो भारतीय सेना में नॉन मेडिकल रोल में शामिल होने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं।

पहली लेडी कैडेट प्रिया झिंगन को JAG ब्रांच में मिला कमीशन

21 सितंबर 1992 को जब OTA में पहली बार 25 महिला कैडेट्स ने ट्रेनिंग शुरू की, तो सबसे आगे खड़ी थीं कैडेट नंबर 001- प्रिया झिंगन। उनका सपना था, एक अलग और खास जिंदगी जीने का। कठिन ट्रेनिंग के बाद उन्हें जज एडवोकेट जनरल (JAG) ब्रांच में कमीशन मिला, जो सेना के कानूनी मामलों से जुड़ी होती है। अगले दस सालों तक उन्होंने वर्दी में रहकर देश की सेवा की और फिर मेजर के पद से रिटायर हुईं।

ये भी पढ़ें- बेहद खूबसूरत हैं जोहरान ममदानी की पत्नी रामा दुवाजी, कितनी पढ़ी-लिखी? 

प्रिया झिंगन के बाद भारतीय सेना में शामिल हुईं कई महिला ऑफिसर्स

रिटायरमेंट के बाद भी प्रिया झिंगन का जुनून खत्म नहीं हुआ। उन्होंने पत्रकारिता और अध्यापन का रास्ता चुना और नई पीढ़ी की महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गईं। वो कहती हैं, वर्दी कभी आपको छोड़ती नहीं है, वो आपकी पहचान बन जाती है। उन्होंने भारतीय सेना में महिलाओं की इंट्री का रास्ता खोला और उनके बाद कई महिलाएं आईं, जिसमें- चीन बॉर्डर पर आर्मी यूनिट की कमान संभालने वाली पहली महिला कर्नल गीता राणा। गणतंत्र दिवस पर ऑल-मेल कंटिंजेंट का नेतृत्व करने वाली पहली महिला लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी। आर्मी डे परेड की पहली महिला परेड एडजुटेंट कैप्टन तानिया शेरगिल। भारतीय सशस्त्र बलों में तीन-स्टार रैंक पाने वाली सिर्फ तीन महिलाओं में से एक लेफ्टिनेंट जनरल माधुरी कानितकर।

ये भी पढ़ें- जानिए कितने पढ़े-लिखे हैं जोहरान ममदानी, बोलते हैं फर्राटेदार हिंदी

PREV
AT
About the Author

Anita Tanvi

अनीता तन्वी। मीडिया जगत में 15 साल से ज्यादा का अनुभव। मौजूदा समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर एजुकेशन सेगमेंट संभाल रही हैं। इन्होंने जुलाई 2010 में मीडिया इंडस्ट्री में कदम रखा और अपने करियर की शुरुआत प्रभात खबर से की। पहले 6 सालों में, प्रभात खबर, न्यूज विंग और दैनिक भास्कर जैसे प्रमुख प्रिंट मीडिया संस्थानों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, ह्यूमन एंगल और फीचर रिपोर्टिंग पर काम किया। इसके बाद, डिजिटल मीडिया की दिशा में कदम बढ़ाया। इन्हें प्रभात खबर.कॉम में एजुकेशन-जॉब/करियर सेक्शन के साथ-साथ, लाइफस्टाइल, हेल्थ और रीलिजन सेक्शन को भी लीड करने का अनुभव है। इसके अलावा, फोकस और हमारा टीवी चैनलों में इंटरव्यू और न्यूज एंकर के तौर पर भी काम किया है।Read More...
Read more Articles on

Recommended Stories

Ceasefire से Mayday तक... गूगल पर 2025 में सबसे ज्यादा सर्च हुए इन 10 शब्दों के मतलब क्या आप जानते हैं?
UP Holiday Calendar 2026: जानें नए साल में कब-कब बंद रहेंगे स्कूल, बैंक और दफ्तर