आप जानते हैं "पल में तोला, पल में माशा" का मतलब? 5 जबरदस्त मीनिंग वाले मुहावरे

Published : Dec 13, 2024, 10:00 AM IST
Muhavare in Hindi

सार

Muhavare in Hindi: परीक्षाओं में पूछे जाने वाले चुनिंदा क्षेत्रीय मुहावरों और उनके अर्थ जानें। रोज़मर्रा के जीवन में उपयोगी, ये मुहावरे आपकी भाषा और समझ को समृद्ध करेंगे।

Muhavare in Hindi: भारत की विविध भाषाएं और बोलियां हमारी सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा हैं। इन्हीं भाषाओं से जुड़े क्षेत्रीय मुहावरे न केवल हमारी अभिव्यक्ति को सरल और प्रभावशाली बनाते हैं, बल्कि इनके माध्यम से हमारी सोच और भाषा की समझ भी विकसित होती है। प्रतियोगी परीक्षाओं में अक्सर ऐसे कठिन और रोचक मुहावरे पूछे जाते हैं, जिनका अर्थ और उपयोग समझना जरूरी होता है। ये मुहावरे केवल परीक्षा में नंबर लाने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि हमारे दैनिक जीवन में भी गहराई और समझ बढ़ाने का काम करते हैं। जानिए कुछ चुनिंदा क्षेत्रीय मुहावरे और उनके अर्थों को विस्तार से, जो न केवल आपके ज्ञान को बढ़ाएंगे, बल्कि आपको परीक्षाओं में एक अतिरिक्त बढ़त भी दिलाएंगे।

मुहावरा- "दोनों हाथों में लड्डू"

मुहावरे का अर्थ: एक साथ दो लाभ प्राप्त होना। जब किसी व्यक्ति को एक ही समय में दो अच्छे अवसर या लाभ मिलें, तो यह मुहावरा उपयुक्त होता है। उदाहरण: अगर किसी को प्रमोशन और बोनस दोनों मिल जाएं।

मुहावरा- "जैसा बोओगे वैसा काटोगे"

मुहावरे का अर्थ: कर्मों का फल अवश्य मिलता है। यह मुहावरा बताता है कि किसी व्यक्ति को उसके कार्यों के अनुरूप ही परिणाम मिलता है। यदि मेहनत और ईमानदारी से काम किया जाए, तो अच्छा फल मिलेगा।

मुहावरा- "पल में तोला, पल में माशा"

मुहावरे का अर्थ: जल्दी-जल्दी निर्णय बदलना। जब किसी व्यक्ति की राय या व्यवहार बार-बार बदलता है, तो यह मुहावरा इस्तेमाल होता है।

मुहावरा- "अब पछताए होत क्या, जब चिड़िया चुग गई खेत"

मुहावरे का अर्थ: समय निकल जाने के बाद पछताने से कोई लाभ नहीं। यह मुहावरा बताता है कि किसी अवसर को खो देने या गलती करने के बाद पछताने का कोई फायदा नहीं होता। उदाहरण: परीक्षा की तैयारी समय पर न करने के बाद असफलता पर पछताना।

मुहावरा- "भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं"

मुहावरे का अर्थ: न्याय मिलने में समय लग सकता है, लेकिन वह अवश्य मिलता है। यह मुहावरा भरोसा दिलाता है कि कठिन समय के बाद अच्छा समय जरूर आएगा। जैसे, मेहनत और संघर्ष के बाद सफलता मिलना।

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Anita Tanvi

अनीता तन्वी। मीडिया जगत में 15 साल से ज्यादा का अनुभव। मौजूदा समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर एजुकेशन सेगमेंट संभाल रही हैं। इन्होंने जुलाई 2010 में मीडिया इंडस्ट्री में कदम रखा और अपने करियर की शुरुआत प्रभात खबर से की। पहले 6 सालों में, प्रभात खबर, न्यूज विंग और दैनिक भास्कर जैसे प्रमुख प्रिंट मीडिया संस्थानों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, ह्यूमन एंगल और फीचर रिपोर्टिंग पर काम किया। इसके बाद, डिजिटल मीडिया की दिशा में कदम बढ़ाया। इन्हें प्रभात खबर.कॉम में एजुकेशन-जॉब/करियर सेक्शन के साथ-साथ, लाइफस्टाइल, हेल्थ और रीलिजन सेक्शन को भी लीड करने का अनुभव है। इसके अलावा, फोकस और हमारा टीवी चैनलों में इंटरव्यू और न्यूज एंकर के तौर पर भी काम किया है।Read More...

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