Muhavare in hindi: हिंदी मुहावरों का संसार रोचक और ज्ञानवर्धक है। नकली सोने की चमक से लेकर दीन-दुनिया से बेखबर तक, ये मुहावरे जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हैं और हमारी भाषा को समृद्ध बनाते हैं।
Muhavare in hindi: मुहावरे किसी भी भाषा के अहम हिस्से होते हैं, जो हमारे विचारों और भावनाओं को संक्षेप और प्रभावशाली तरीके से व्यक्त करने में मदद करते हैं। हिंदी में भी कई ऐसे मुहावरे हैं, जो न केवल हमारी भाषा को सजीव बनाते हैं, बल्कि जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझाने का एक दिलचस्प तरीका भी प्रदान करते हैं। इन मुहावरों के माध्यम से हम सामान्य वाक्यों को दिलचस्प और गहरे अर्थों से जोड़ सकते हैं। जानिए ऐसे ही कुछ रोचक मुहावरे और उनके अर्थ।
मुहावरे का अर्थ: जो दिखने में अच्छा लगे, लेकिन असल में वह सच्चा या वास्तविक नहीं हो। इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब कोई चीज बाहर से तो आकर्षक लगे, लेकिन उसकी असलियत में कोई खास बात न हो। जैसे नकली आभूषण सोने जैसा दिखते हैं, लेकिन उनका वास्तविक मूल्य कम होता है।
मुहावरे का अर्थ: ऐसे व्यक्ति जो अपनी दुनिया में ही खोए रहते हैं और बाहर की किसी स्थिति की परवाह नहीं करते। जब कोई व्यक्ति अपनी धुन में इतना खो जाता है कि उसे अपने आसपास की घटनाओं या दुनिया की परेशानियों की कोई खबर नहीं होती, तो उसे "दीन-दुनिया से बेखबर" कहा जाता है। उदाहरण के लिए, कोई व्यक्ति जो अपनी किताबों में खोया रहता है और समाज के मुद्दों से दूर रहता है।
मुहावरे का अर्थ: किसी चीज को घटा देना या उसकी असली महत्ता को कम करना। इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी चीज में मिलावट की जाती है या कोई चीज कमजोर होती है। जैसे अगर दूध में पानी मिला दिया जाए तो वह असली दूध की तरह नहीं रहता, ठीक वैसे ही किसी चीज में मिलावट करने से उसकी असल गुणवत्ता में कमी आती है।
मुहावरे का अर्थ: किसी के पास जो समय या संसाधन होते हैं, उनका सही उपयोग न करना। जब कोई व्यक्ति अपनी जवानी या अच्छे वक्त को सही तरीके से उपयोग नहीं करता और बाद में उसे इसका पछतावा होता है, तो इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। यह मुहावरा यह बताता है कि हमें अपने अच्छे समय की अहमियत समझनी चाहिए।
मुहावरे का अर्थ: जो चीज उधार ली जाती है, उसकी देखभाल ठीक से नहीं होती और वह जल्दी खराब हो जाती है। यह मुहावरा तब प्रयोग होता है जब कोई चीज किसी दूसरे से उधार ली जाती है और वह सही तरीके से संभाली नहीं जाती, जिससे वह जल्दी खराब हो जाती है। यह मुहावरा यह भी संकेत करता है कि हमें किसी भी चीज को उधारी में लेने से पहले उसकी पूरी जिम्मेदारी समझनी चाहिए।
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