क्या आप जानते हैं "बगैर मूली के पराठा" का मतलब?

Published : Sep 17, 2024, 10:08 AM IST
Interesting muhavare

सार

Muhavare In Hindi: मुहावरे बड़े रोचक होते हैं। ये न केवल आपकी भाषा को मजेदार बनाते हैं बल्कि आपकी सांस्कृतिक समझ को भी बढ़ाते हैं। स्कूल-कॉलेज की परीक्षाएं, कंपीटिटिव एग्जाम्स में भी मुहावरे और अर्थ पूछे जाते हैं। अपना ज्ञान बढ़ाने के लिए पढ़ें।

Muhavare In Hindi: मुहावरे वो लाइनें हैं जो हमारी रोजमर्रा की भाषा को मजेदार बना देते हैं। ये न सिर्फ हमारी बातों में तड़का लगाते हैं, बल्कि हमारी संस्कृति और सोच को भी दर्शाते हैं। यहां जानिए कुछ अनसुने और क्षेत्रीय मुहावरे, जो शायद आपने पहले नहीं सुने होंगे। ये मुहावरे आपके हिंदी ज्ञान को निखारेंगे और आपकी बातचीत को और भी दिलचस्प बनाएंगे। स्कूल के हिंदी भाषा परीक्षाओं और कंपीटिटिव एग्जाम्स में भी अक्सर मुहावरे और उसके अर्थ पूछे जाते हैं। ऐसे में ये मुहावरे आपकी मदद करें। जानिए

"बगैर मूली के पराठा" (पंजाबी)

अर्थ: इस मुहावरे का मतलब है कि किसी चीज में उसकी मेन चीज की कमी होना। इसे तब कहा जाता है जब किसी चीज से उसकी खासियत ही गायब हो या उसकी कमी हो।

खिसियानी बिल्ली खम्बा नोचे" (हिंदी) 

अर्थ: इस मुहावरे का मतलब है कि जब कोई व्यक्ति अपनी असफलता या असंतोष को छुपाने के लिए बेकार के काम करता है और क्रोध दिखाता है। इसे तब कहा जाता है जब कोई अपनी स्थिति की शिकायत छुपाने के लिए अजीब हरकतें करता है।

"सुतल पिया को कांधा" (बिहारी) 

अर्थ: इस मुहावरे का मतलब है किसी व्यक्ति की हर बात की बहुत अधिक प्रशंसा करना या किसी की बहुत अधिक चापलूसी करना, भले ही वह गलत ही क्यों न हो। इसे तब कहा जाता है जब कोई किसी को बहुत ही ज्यादा आदर और सम्मान दे और उसकी कोई भी चीज कभी गलत न लगे। 

"काला हिरण और बंदूक" (उड़ीया) 

अर्थ: इस मुहावरे का मतलब है कि कोई चीज या व्यक्ति की बात असल में निराधार हो। इसे तब कहा जाता है जब कोई चीज दिखावे की होती है और वास्तविकता में कुछ नहीं होती।

"सप्पा का बाप" (राजस्थानी) 

अर्थ: इस मुहावरे का मतलब है कि कोई व्यक्ति बहुत ही अच्छा या सक्षम है। इसे मुहावरे का प्रयोग किसी को सम्मानित करने या किसी की तारीफ करने के लिए किया जाता है।

"नकली शेर का बकरा" (हिंदी) 

अर्थ: इस मुहावरे का मतलब है कि कोई सिर्फ दिखावे का शेर है, जबकि असल में वह कमजोर होता है। इसे तब कहा जाता है जब कोई व्यक्ति बड़ा दिखावा करता है लेकिन असल में उसके पास उतनी पावर या शक्ति नहीं होती है।

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Anita Tanvi

अनीता तन्वी। मीडिया जगत में 15 साल से ज्यादा का अनुभव। मौजूदा समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर एजुकेशन सेगमेंट संभाल रही हैं। इन्होंने जुलाई 2010 में मीडिया इंडस्ट्री में कदम रखा और अपने करियर की शुरुआत प्रभात खबर से की। पहले 6 सालों में, प्रभात खबर, न्यूज विंग और दैनिक भास्कर जैसे प्रमुख प्रिंट मीडिया संस्थानों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, ह्यूमन एंगल और फीचर रिपोर्टिंग पर काम किया। इसके बाद, डिजिटल मीडिया की दिशा में कदम बढ़ाया। इन्हें प्रभात खबर.कॉम में एजुकेशन-जॉब/करियर सेक्शन के साथ-साथ, लाइफस्टाइल, हेल्थ और रीलिजन सेक्शन को भी लीड करने का अनुभव है। इसके अलावा, फोकस और हमारा टीवी चैनलों में इंटरव्यू और न्यूज एंकर के तौर पर भी काम किया है।Read More...

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