NCERT: अब रामायण, महाभारत भी पढ़ेंगे स्कूली छात्र, सोशल साइंस के टेक्स्टबुक में होगा शामिल

Published : Nov 22, 2023, 11:30 AM ISTUpdated : Nov 22, 2023, 11:33 AM IST
ramayana mahabharata school social sciences textbooks

सार

एनसीईआरटी द्वारा गठित 7 सदस्यीय समिति ने सोशल साइंस पेपर के लिए कई सिफारिशें की हैं। जिसमें टेक्स्टबुक में रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों को शामिल करने की बात कही गई है। डिटेल आगे पढ़ें।

NCERT: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा गठित एक उच्च स्तरीय समिति ने सोशल साइंस टेक्स्टबुक में रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों को शामिल करने की सिफारिश की है। समिति के अध्यक्ष सीआई इस्साक के अनुसार पिछले साल गठित सात सदस्यीय समिति ने सोशल साइंस टेक्सटबुक सिलेबस के लिए कई सिफारिशें की हैं, जो नई एनसीईआरटी टेक्स्ट बुक डेवलप करने के लिए एक महत्वपूर्ण इंस्ट्रक्शनल डॉक्यूमेंट्स है।

जुलाई में अंतिम रूप

समिति की सिफारिश पर अब इन कक्षाओं के लिए सिलेबस, टेक्स्ट बुक्स और टीचिंग मटेरिअल को अंतिम रूप देने के लिए जुलाई में अधिसूचित 19-सदस्यीय राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और शिक्षण सामग्री समिति (एनएसटीसी) द्वारा विचार किया जा सकता है। एनएसटीसी ने हाल ही में सिलेबस और टीचिंग मटेरिअल डेवलप करने के लिए सोशल साइंस के लिए एक पाठ्यचर्या क्षेत्र समूह (सीएजी) का गठन किया है।

कक्षा 7 से 12 तक के सिलेबस में होगा शामिल

इस बात पर जोर देते हुए कि कक्षा 7 से 12 तक के छात्रों को रामायण और महाभारत पढ़ाना महत्वपूर्ण है, इस्साक के अनुसार समिति ने छात्रों को सोशल साइंस सिलेबस में रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों को पढ़ाने पर जोर दिया है। इसके पीछे सोच यह है कि किशोरावस्था में छात्र में अपने राष्ट्र के लिए आत्म-सम्मान, देशभक्ति और गौरव का निर्माण होता है। हर साल हजारों छात्र देश छोड़कर दूसरे देशों में नागरिकता चाहते हैं क्योंकि उनमें देशभक्ति की कमी है। इसलिए उनके लिए अपनी जड़ों को समझना और अपने देश और अपनी संस्कृति के प्रति प्रेम विकसित करना महत्वपूर्ण है।

संविधान की प्रस्तावना कक्षाओं की दीवारों पर

पिछले साल बनी सात सदस्यीय कमेटी ने अन्य कई सिफारिशें की हैं। बता दें कि इसी पैनल ने देश का नाम बदलने की भी सिफारिश की थी जिसके अनुसार टेक्स्ट बुक्स में 'इंडिया' की जगह 'भारत', प्राचीन इतिहास की जगह 'शास्त्रीय इतिहास' लिखने की सिफारिश की थी। कक्षा 3 से 12 तक की किताबों में "हिंदू जीत" पर प्रकाश डालना शामिल था। साथ ही "हमारी प्रस्तावना लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता सहित सामाजिक मूल्यों को महत्व देती है इसलिए, इसे कक्षाओं की दीवारों पर लिखने की सिफारिश की है ताकि हर छात्र इसे समझ और सीख सकें। उल्लेखनीय है कि एनसीईआरटी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुरूप स्कूली सिलेबस में संशोधन कर रहा है।

ये भी पढ़ें

SBI CBO Recruitment 2023: 5280 सर्किल ऑफिसर पोस्ट के लिए आवेदन शुरू, डायरेक्ट लिंक से करें अप्लाई, डिटेल्स

RPSC RO grade 2, EO grade 4 results 2022 जारी, यहां डायरेक्ट लिंक से चेक करें, कटऑफ मार्क्स

PREV
AT
About the Author

Anita Tanvi

अनीता तन्वी। मीडिया जगत में 15 साल से ज्यादा का अनुभव। मौजूदा समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर एजुकेशन सेगमेंट संभाल रही हैं। इन्होंने जुलाई 2010 में मीडिया इंडस्ट्री में कदम रखा और अपने करियर की शुरुआत प्रभात खबर से की। पहले 6 सालों में, प्रभात खबर, न्यूज विंग और दैनिक भास्कर जैसे प्रमुख प्रिंट मीडिया संस्थानों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, ह्यूमन एंगल और फीचर रिपोर्टिंग पर काम किया। इसके बाद, डिजिटल मीडिया की दिशा में कदम बढ़ाया। इन्हें प्रभात खबर.कॉम में एजुकेशन-जॉब/करियर सेक्शन के साथ-साथ, लाइफस्टाइल, हेल्थ और रीलिजन सेक्शन को भी लीड करने का अनुभव है। इसके अलावा, फोकस और हमारा टीवी चैनलों में इंटरव्यू और न्यूज एंकर के तौर पर भी काम किया है।Read More...

Recommended Stories

अमेरिका में 10000 डॉलर मंथली सैलरी वाले कितना बचा पाते हैं?
अमेरिका में खटिया कितने की मिलती है? जानकर दंग रह जाएंगे