
Richest Female Farmer Nituben Patel Success Story: भारत में किसानों की जिंदगी आसान नहीं होती। कभी फसल का सही दाम नहीं मिलता, तो कभी मौसम धोखा दे देता है। सूखा हो या बाढ़ हर बार नुकसान उठाने के बाद भी किसान मेहनत से पीछे नहीं हटते। लेकिन कभी-कभी हालात इतने बिगड़ जाते हैं कि कुछ किसान हताश होकर आत्महत्या तक कर लेते हैं। ऐसे ही मुश्किल हालातों के बीच एक महिला ने हिम्मत दिखाई, हार नहीं मानी और ऐसा इतिहास रच दिया जो आज लाखों लोगों के लिए मिसाल बन गया है। हम बात कर रहे हैं गुजरात के राजकोट की रहने वाली नितुबेन पटेल की, जो आज भारत की सबसे अमीर किसान मानी जाती हैं। उन्होंने एक ऐसा मुकाम हासिल किया है जो अब तक सिर्फ पुरुषों के नाम होता था।
नितुबेन पटेल को 2024 में “मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया” (MFOI) अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। खास बात ये रही कि ये अवॉर्ड पाने वाली वो देश की पहली महिला बनीं। उनके काम की खासियत रही उनकी दो यूनिक तकनीकें हैं- पहला- अमृत कृषि और दूसरा- मैजिकल मिट्टी। अमृत कृषि एक नेचुरल फॉर्मिंग टेक्निक है जिसमें मिट्टी की ताकत बढ़ाने और जैविक तरीकों से ज्यादा उत्पादन लेने पर जोर दिया जाता है। वहीं, मैजिकल मिट्टी नितुबेन की अपनी तकनीक है, जिसमें मिट्टी को इस तरह तैयार किया जाता है कि वो बिना केमिकल के भी उपजाऊ बनी रहती है।
उनके फार्म में ऑर्गेनिक सब्जियां, फल, खापली गेहूं, सरसों का तेल, देसी घी जैसे उत्पाद उगाए और बनाए जाते हैं। ये प्रोडक्ट देशभर में ऑनलाइन बिकते हैं। उनकी खासियत यह है कि ये प्रोडक्ट पूरी तरह नेचुरल, ऑर्गेनिक और मेडिसिनल गुणों से भरपूर होते हैं। उनकी खेती सिर्फ मुनाफे के लिए नहीं, बल्कि स्वास्थ्य, पर्यावरण और आत्मनिर्भरता को ध्यान में रखते हुए की जाती है। यही वजह है कि लोग उनके प्रोडक्ट्स पर आंख बंद करके भरोसा करते हैं।
नितुबेन ने 20 साल की मेहनत से अपने फार्म को इस मुकाम पर पहुंचाया है कि अब वो हर साल 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का टर्नओवर करती हैं। उनकी पहल "ऋषि कृषि" के तहत देशभर में 10,000 से ज्यादा किसानों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है, जिसमें जैविक खेती, बिना जहर के उत्पादन और मिट्टी के संरक्षण पर जोर दिया जाता है।
नितुबेन ने Sajeevan Life Private Limited नाम की कंपनी भी बनाई है। यह किसानों को नेचुरल फॉर्मिंग, ऑर्गेनिक प्रोडक्शन, क्लाइमेट-फ्रेंडली टेक्निक और कार्बन क्रेडिट फार्मिंग जैसी नई चीजें सिखा रही है। ये कंपनी ना सिर्फ खेती से जुड़े प्रोडक्ट बेचती है, बल्कि "फार्म टू फोर्क" मॉडल को अपनाकर ग्राहकों को 100 प्रतिशत शुद्ध फूड आइटम उपलब्ध कराती है। इस पहल के तहत उन्होंने गुजरात में 45 दिनों में 84 किसान उत्पादक संगठन (FPOs) भी रजिस्टर किए। ये FPOs किसानों को सरकारी योजनाओं का फायदा दिलाने और खेती के नए तरीकों की जानकारी देने में मदद करते हैं।
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जहां एक तरफ देश के किसान मदद और उम्मीद की राह देख रहे हैं, वहीं नितुबेन पटेल ने दिखा दिया कि अगर इरादे पक्के हों तो हर चुनौती को मौका बनाया जा सकता है। उन्होंने न सिर्फ खुद को स्थापित किया, बल्कि हजारों किसानों के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शक भी बन गईं। आज उनकी पहचान सिर्फ एक सफल किसान की नहीं, बल्कि एक Agri Entrepreneur, सोशल वर्कर और नेचुरल फार्मिंग की ब्रांड एम्बेसडर के रूप में बन चुकी है।
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