
Real Money Gaming Ban India jobs Impact: भारत में ऑनलाइन रियल-मनी गेमिंग पर लगाई गई नई रोक ने इंडस्ट्री और जॉब मार्केट में तहलका मचा दिया है। गेमिंग बिल 2025 के लागू होते ही कई सवाल खड़े हो गए हैं, जैसे क्या ये कदम सही था या इससे बचाव के और भी तरीके हो सकते थे? विनायक सेठ, जो दिल्ली बेस्ड स्टार्टअप प्रोफेशनल, कंटेंट क्रिएटर, इनवेस्टर और पर्सनल फाइनेंस एजुकेटर भी हैं ने अपने linkedin पोस्ट के जरिए इस बैन का असली असर समझाने की कोशिश की है। जानिए उन्होंने क्या कहा और उनके इस पोस्ट के बाद यूजर्स का क्या रिएक्शन है?
विनायक सेठ अपने linkedin पोस्ट में कहते हैं कि टेक, ऑपरेशन और मार्केटिंग सेक्टर में 2 लाख से ज्यादा जॉब्स सीधे तौर पर प्रभावित होने वाले हैं। बड़ी गेमिंग कंपनियां शायद अपने कर्मचारियों का सिर्फ़ 10-20% ही रख पाएंगी, जबकि छोटी कंपनियां पूरी तरह बंद होने के कगार पर हैं। इस समय, जब AI और ऑटोमेशन पहले ही कई जॉब्स को खत्म कर रहे हैं, ऐसे में गेमिंग बैन इंडियन जॉब मार्केट के लिए और भी बड़ा झटका बन गया है। नीचें देखें पोस्ट-
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गेमिंग इंडस्ट्री हर साल लगभग 20,000 करोड़ GST भर रही थी। अब बैन के बाद ये राजस्व गायब हो जाएगा। सवाल यह है कि क्या सरकार कहीं और से टैक्स बढ़ाकर इसे पूरा करेगी? इस पोस्ट पर कई यूजर्स ने कमेंट किए हैं-
नैन्सी शर्मा, हॉलिस्टर ग्लोबल बिजनेस सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में टैक्स और टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट हैं, लिखती हैं कि पूरी तरह से प्रतिबंध लगाना कभी कारगर नहीं होता। ये यूजर को अवैध गेमिंग और सट्टेबाजी ऐप्स की ओर धकेलते हैं। वास्तव में यह कदम एक बड़ा काला बाजारी की समस्या पैदा कर सकता है।
दिल्ली के रेडियोलॉजिस्ट करन कपूर ने लिखा कि बैन के बजाय एज लिमिट, दैनिक खर्च की लिमिट या कड़ी KYC नियम लगाए जा सकते थे।
अमित दास ने लिखा- 2 लाख टेक और ऑप्स जॉब्स का नुकसान कोई छोटी बात नहीं है, यह सभी IT ले-ऑफ से भी बड़ी है।
नीलाक्ष शर्मा लिखते हैं- मैं जानता हूं कुछ दोस्त गेमिंग स्टार्टअप्स में काम करते थे। वे बहुत परेशान हैं और अब नई जॉब्स ढूंढ रहे हैं।
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