Paper leaks mess: पेपर लीक पर यूपी सरकार का सख्त कानून, दोषियों को उम्रकैद और 1 Cr तक जुर्माना

Paper leaks mess: उत्तर प्रदेश में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा और आरओ-एआरओ परीक्षा के पेपर लीक के मद्देनजर यूपी सरकार ने यूपी सार्वजनिक परीक्षा अध्यादेश, 2024 का प्रस्ताव दिया है। जिसमें पेपर लीक दोषियों के लिए कठोर सजा के प्रावधान हैं।

Anita Tanvi | Published : Jun 25, 2024 1:04 PM IST / Updated: Jun 25 2024, 06:43 PM IST

Paper leaks mess: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा और आरओ-एआरओ परीक्षा के पेपर लीक के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अध्यादेश, 2024 का प्रस्ताव दिया है। इस प्रस्ताव को राज्य कैबिनेट ने मंजूरी भी दे दी है। अध्यादेश में पेपर लीक या परीक्षा में गड़बड़ी करने वाले दोषी के लिए आजीवन कारावास और 1 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।

कैबिनेट बैठक में पारित किया गया अध्यादेश

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पेपर लीक मामलों को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को एक अध्यादेश जारी करने का प्रस्ताव पारित कर दिया, जिसमें परीक्षा प्रश्न पत्र लीक में शामिल लोगों के लिए कठोर सजा का प्रावधान है। इसके तहत दोषी को दो साल से लेकर आजीवन कारावास तक की जेल की सजा और 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। पेपर लीक और ऐसे अन्य अपराधों को रोकने के लिए अध्यादेश का प्रस्ताव मंगलवार को कैबिनेट बैठक में पारित कर दिया गया।

जमानत के भी सख्त प्रावधान

उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अध्यादेश के तहत सभी पेपर लीक और परीक्षा में बड़बड़ी करने वाले अपराधों को गैर-जमानती बना दिया गया है। अपराधों की सुनवाई सत्र अदालतों द्वारा होगी और ये गैर-क्षमनीय होंगे। इसमें जमानत के सख्त प्रावधान होंगे।

अध्यादेश में शामिल की गई ये परीक्षाएं

इस अध्यादेश में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, यूपी अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड, यूपी बोर्ड, राज्य विश्वविद्यालयों और उनके द्वारा नामित प्राधिकरण, निकायों या एजेंसियों द्वारा आयोजित परीक्षाओं को शामिल किया गया है। साथ ही इसमें सरकारी नौकरियों में कंफर्मेशन और प्रमोशन के लिए आयोजित परीक्षाओं को भी शामिल किया गया है।

फर्जी क्वेश्चन पेपर बांटना, फर्जी वेबसाइट बनाना भी कानून के तहत दंडनीय

अध्यादेश के तहत फर्जी  क्वेश्चन पेपर बांटना और फर्जी रोजगार वेबसाइट बनाना भी दंडनीय अपराध है। सुत्रों के अनुसार यदि कोई परीक्षा प्रभावित होती है, तो इसके कारण होने वाले वित्तीय बोझ की वसूली भी इसमें शामिल पाए जाने वाले लोगों से की जाएगी। अध्यादेश के तहत परीक्षाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डालने में दोषी पाई जाने वाली कंपनियों और सर्विस देनेवालों को हमेशा के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया जायेगा।

सीएम योगी ने की थी घोषणा पेपर लीक के लिए लाया जाएगा कानून

बता दें कि राज्य में विभिन्न परीक्षाओं में गड़बड़ी की घटना सामने आई थी। फरवरी में 60,000 से अधिक पुलिस कांस्टेबलों की भर्ती के लिए एक परीक्षा पेपर लीक के कारण रद्द कर दी गई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद घोषणा की थी कि पेपर लीक को रोकने के लिए एक कानून लाया जाएगा जिसमें ऐसी गतिविधियों में शामिल गिरोहों का भंडाफोड़ करने के लिए सख्त प्रावधान होंगे। जिसके बाद यह कानून लाया गया है।

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