नीट पेपर लीक मामले में रोज नये खुलासे हो रहे हैं। जांच में जुटी ईओयू की टीम ने नीट सहित कई पेपर लीक में महारत संजीव मुखिया के नये राज खोले हैं।
नीट पेपर लीक में अभ्यर्थियों से 30 से 40 लाख रुपये वसूलने वाला संजीव मुखिया स्टाम्प पेपर पर नीट परीक्षा पास कराने की गारंटी देता था।
रिपोर्ट के अनुसार संजीव मुखिया जिस पैरेंट्स या कैंडिडेट से डील करता था उससे एक हजार रुपये के स्टाम्प पेपर पर टर्म-कंडीशन के साथ साइन करा लेता था।
किसी भी बैंक की पीडीसी चेक भी लेता था। खर्चे के नाम पर कुछ एडवांस भी लिये जाते थे। स्टांप पेपर के जरिए वह परीक्षा पास कराने की गारंटी देता था।
पेपर लीक के गोरख धंधे से संजीव मुखिया की कमाई इतनी बढ़ गई थी कि उसने 2020 में अपनी पत्नी को विधानसभा टिकट दिलाने के लिए दो पार्टियों को 50-50 लाख का चंदा भी दिया।
संजीव मुखिया की पत्नी को एक बड़े राजनीतिक दल से विधानसभा चुनाव का टिकट मिल भी गया। हालांकि वह चुनाव हार गई।
संजीव मुखिया ने कैंडिडेट्स को फंसाने के लिए एजेंट रखे हुए थे जो कमीशन पर उसे छात्र लाकर देते थे।
नीट मामले में झारखंड के देवघर से पकड़े गये 6 आरोपियों में से 5 नालंदा जिले के ही हैं और संजीव मुखिया के लिए काम करते थे।