
Rajasthan Govt School Teacher Salary: राजस्थान का एजुकेशन डिपार्टमेंट हर साल हजारों शिक्षकों की भर्ती करता है। यहां सरकारी स्कूलों में टीचर की नौकरी न सिर्फ इज्जतदार मानी जाती है, बल्कि सैलरी और सुविधाओं के मामले में भी यह युवाओं की पहली पसंद बन चुकी है। खासकर महिलाओं के लिए यह एक सुरक्षित, स्थायी और फुल बेनिफिट्स वाली नौकरी मानी जाती है। हर साल राज्य सरकार अलग-अलग लेवल के स्कूल टीचर्स की भर्ती निकालती है और सेलेक्टेड कैंडिडेट्स को अच्छी सैलरी के साथ कई भत्ते भी मिलते हैं। जानिए कि राजस्थान में सरकारी स्कूल टीचर को कितनी सैलरी मिलती है और ग्रेड वाइज सैलरी स्ट्रक्चर क्या है।
राजस्थान में प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाने के लिए BSTC या फिर प्री-डीएलएड कोर्स करना जरूरी होता है। ये 2 साल का डिप्लोमा कोर्स होता है, जिसके बाद आप थर्ड ग्रेड टीचर बनने के लिए योग्य हो जाते हैं। थर्ड ग्रेड टीचर की शुरुआती बेसिक सैलरी करीब 9,300 से 33,800 रुपये मंथली होती है, पे लेवल 10 के तहत, अनुभव और प्रमोशन के साथ यह सैलरी 35,000 रुपये या उससे ज्यादा तक पहुंच जाती है। इसके अलावा HRA, CCA जैसे कई अलाउंसेज मिलते हैं। कुल मिलाकर तीसरे ग्रेड टीचर को बेसिक सैलरी का लगभग 34 प्रतिशत तक अतिरिक्त लाभ मिल सकता है जिससे इनकी इन-हैंड सैलरी और बढ़िया हो जाती है।
राजस्थान में टीचर्स की सैलरी ग्रेड के हिसाब से तय की जाती है। जिसमें-
| ग्रेड | पे लेवल | बेसिक सैलरी (रुपए में) | ग्रेड पे (रुपए में) | अनुमानित इन-हैंड सैलरी (रुपए में) |
| फर्स्ट ग्रेड | 12 | 44,300 | 4,800 | 53,687 से 57,678 |
| सेकेंड ग्रेड | 11 | 37,800 | 4,200 | लगभग 45,000 - 50,000 |
| थर्ड ग्रेड | 10 | 33,800 | 3,600 | लगभग 35,000 - 40,000 |
इन सैलरी में अलग-अलग भत्ते और सुविधाएं भी शामिल होती हैं, जिससे टीचर की कुल इनकम और भी बेहतर बन जाती है।
राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के जरिए सिलेक्ट होने वाले फर्स्ट ग्रेड टीचर्स को अच्छी सैलरी और भत्ते मिलते हैं। इनकी इन-हैंड सैलरी करीब 53,687 से 57,678 रुपये प्रति माह होती है। पे मैट्रिक्स लेवल 12 और ग्रेड पे 4,800 के तहत सैलरी दी जाती है। ट्रेनिंग के दौरान भी 27,660 रुपये तक का स्टाइपेंड मिलता है।
ये भी पढ़ें- Success Story: पिता को खोया, डिलीवरी ब्वॉय बनकर पढ़ाई की, अब JPSC अफसर
राजस्थान में हर साल हजारों पदों पर शिक्षक भर्ती होती है। BSTC पास कैंडिडेट्स को प्राइमरी स्कूलों में पोस्टिंग मिलती है। B.Ed या उससे ऊपर के कैंडिडेट्स को सीनियर सेकेंडरी और हाई स्कूल लेवल पर नियुक्त किया जाता है राज्य का शिक्षा विभाग हर साल 3 से 4 अलग-अलग कैटेगरी में वैकेंसी निकालता है।
ये भी पढ़ें- भारत में हर साल कितनी किताबें छपती हैं, देखिए टॉप 10 पब्लिशिंग देश कौन