सद्गुरु ने NCERT टेक्स्टबुक में भारत नाम के इस्तेमाल पर की चर्चा, कहा भारत शब्द का कोई अर्थ नहीं यदि ऑफिशियली इसे नहीं बदला जाता

एनसीईआरटी टेक्स्टबुक में देश का नाम भारत या इंडिया को लेकर सद्गुरु ने अपनी बात रखी। कहा यद्यपि राष्ट्र हमारे लिए सब कुछ है, फिर भी 'भारत' शब्द का कोई अर्थ नहीं है, यदि हम आधिकारिक तौर पर राष्ट्र का नाम बदलने में असमर्थ या अनिच्छुक हैं।

Anita Tanvi | Published : Jun 19, 2024 9:38 AM IST / Updated: Jun 19 2024, 03:18 PM IST

भारत या इंडिया, एनसीईआरटी टेक्स्टबुक में देश का नाम क्या हो इस मुद्दे पर सद्गुरु ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के माध्यम से अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा जब अंग्रेज हमारे देश से चले गए तो हमें 'भारत' नाम पुनः प्राप्त करना चाहिए था। एक नाम से ही सब कुछ नहीं होगा, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि देश का नाम ऐसा रखा जाए जो हर किसी के दिल में गूंजे। हालांकि राष्ट्र हमारे लिए सब कुछ है, फिर भी 'भारत' शब्द का कोई अर्थ नहीं है, यदि हम आधिकारिक तौर पर राष्ट्र का नाम बदलने में असमर्थ या अनिच्छुक हैं, तो अब समय आ गया है कि हम कम से कम 'भारत' को अपनी दैनिक बोलचाल में लाएं। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ियों को यह अवश्य जानना चाहिए कि भारत का अस्तित्व भारत के जन्म से बहुत पहले से था। इससे पहले मामले में NCERT डायरेक्टर दिनेश प्रसाद सकलानी ने साफ शब्दों में कहा है कि स्कूल के टेक्स्टबुक्स में भारत और इंडिया दोनों शब्दों का इस्तेमाल होगा, जैसा कि पहले से ही होता रहा है। किसी एक शब्द का इस्तेमाल करने पर बहस करना फिजूल है।

 

 

जी 20 सम्मेलन के दौरान ऑफिशियली चर्चा में आया था भारत शब्द

देश का नाम भारत या इंडिया तो पहले से ही लिया जाता रहा है। लेकिन भारत नाम को ऑफिशियली करने पर चर्चा पिछले साल जी 20 सम्मेलन के बाद शुरू हुई। पहली बार आधिकारिक तौर पर पिछले साल सरकार ने President of India के बजाय President of Bharat के नाम पर जी20 निमंत्रण भेजा था। बाद में, नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेमप्लेट पर भी इंडिया के बजाय भारत लिखा गया था जिसपर चर्चा शुरू हो गई थी।

एनसीईआरटी की एक उच्च-स्तरीय समिति की सिफारिश

पिछले साल ही, स्कूल करिकुलम को संशोधित करने के लिए एनसीईआरटी द्वारा गठित सोशल साइंस की एक उच्च-स्तरीय समिति ने यह सिफारिश की थी कि सभी कक्षाओं के लिए पाठ्यपुस्तकों में "इंडिया" को "भारत" से बदल दिया जाए। सी आई इसाक के नेतृत्व वाली समिति ने "प्राचीन इतिहास" के बजाय "शास्त्रीय इतिहास" शुरू करने और सभी विषयों के करिकुलम में भारतीय ज्ञान प्रणाली को शामिल करने का भी सुझाव दिया था। समिति ने सर्वसम्मति से सिफारिश की थी कि भारत नाम का उपयोग सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए पाठ्यपुस्तकों में किया जाना चाहिए। भारत एक सदियों पुराना नाम है। भारत नाम का उपयोग प्राचीन ग्रंथों जैसे विष्णु पुराण में किया गया है, जो 7,000 वर्ष पुराना है। वहीं एनसीईआरटी ने पहले भी कहा था कि पैनल की सिफारिशों पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

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