क्या आप जानते हैं "खुद मियां फजीहत" का मतलब? 6 मजेदार मुहावरे

Published : Jan 06, 2025, 10:00 AM IST
Muhavare In Hindi

सार

Muhavare in Hindi: परीक्षाओं में पूछे जाने वाले मुश्किल मुहावरों को समझिए आसान भाषा में। रोचक उदाहरणों के साथ जानिए 'खुदा मेहरबान तो गधा पहलवान' जैसे मुहावरों का सही अर्थ।

Muhavare in Hindi: हमारी हिंदी भाषा में मुहावरों का एक अनोखा संसार है, जो न केवल भाषा को रोचक बनाता है, बल्कि उसके माध्यम से गहरी बातें सरलता से समझाई जाती हैं। खासकर प्रतियोगी परीक्षाओं में क्षेत्रीय और पारंपरिक मुहावरों का महत्व और भी बढ़ जाता है। ये मुहावरे न केवल हमारी सांस्कृतिक विरासत को जीवंत बनाए रखते हैं, बल्कि हमारी सोचने-समझने की क्षमता को भी बढ़ाते हैं। कई बार परीक्षाओं में ऐसे मुहावरों से जुड़े प्रश्न आते हैं, जिनका अर्थ जानना और सही तरीके से समझना आपकी तैयारी को एक नई दिशा दे सकता है। जानिए कुछ कठिन और महत्वपूर्ण मुहावरों को उनके विस्तृत अर्थ और उदाहरणों के साथ।

मुहावरा- "खुदा मेहरबान तो गधा पहलवान"

मुहावरे का अर्थ: जब किस्मत अच्छी हो तो अयोग्य व्यक्ति भी सफल हो सकता है। यह मुहावरा यह समझाने के लिए उपयोग किया जाता है कि कभी-कभी भाग्य के कारण व्यक्ति को ऐसी सफलता मिलती है, जिसके वह योग्य भी नहीं होता।

मुहावरा- "आंधी के आगे दीया जलाना"

मुहावरे का अर्थ: बहुत कठिन परिस्थितियों में असंभव कार्य करने की कोशिश करना। यह मुहावरा यह दर्शाता है कि व्यक्ति को विपरीत परिस्थितियों में भी हार नहीं माननी चाहिए, चाहे सफलता की संभावना कितनी ही कम क्यों न हो।

मुहावरा- "खिचड़ी पकाना"

मुहावरे का अर्थ: चुपचाप किसी योजना को बनाना या गुप्त बातों की चर्चा करना। यह मुहावरा उन परिस्थितियों को दर्शाता है जब लोग किसी गुप्त योजना को अंजाम देने के लिए चुपचाप बातचीत कर रहे होते हैं।

मुहावरा- "गुल खिलाना"

मुहावरे का अर्थ: कुछ ऐसा करना जो अप्रत्याशित हो या आश्चर्यचकित कर दे। यह मुहावरा सकारात्मक और नकारात्मक दोनों संदर्भों में उपयोग होता है, जैसे कोई अद्भुत उपलब्धि या अचानक हुई समस्या।

मुहावरा- "खेल खतम, पैसा हजम"

मुहावरे का अर्थ: काम पूरा होने के बाद अपने हिस्से का लाभ उठाना। यह मुहावरा किसी काम के खत्म होने के बाद आराम करने और उसका फल भोगने की भावना को दर्शाता है।

मुहावरा- "खुद मियां फजीहत"

मुहावरे का अर्थ: अपनी गलती से खुद को शर्मिंदा करना। यह मुहावरा उन परिस्थितियों में उपयोग होता है, जब व्यक्ति अपनी गलतियों से अपनी ही बेइज्जती कर लेता है।

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Anita Tanvi

अनीता तन्वी। मीडिया जगत में 15 साल से ज्यादा का अनुभव। मौजूदा समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर एजुकेशन सेगमेंट संभाल रही हैं। इन्होंने जुलाई 2010 में मीडिया इंडस्ट्री में कदम रखा और अपने करियर की शुरुआत प्रभात खबर से की। पहले 6 सालों में, प्रभात खबर, न्यूज विंग और दैनिक भास्कर जैसे प्रमुख प्रिंट मीडिया संस्थानों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, ह्यूमन एंगल और फीचर रिपोर्टिंग पर काम किया। इसके बाद, डिजिटल मीडिया की दिशा में कदम बढ़ाया। इन्हें प्रभात खबर.कॉम में एजुकेशन-जॉब/करियर सेक्शन के साथ-साथ, लाइफस्टाइल, हेल्थ और रीलिजन सेक्शन को भी लीड करने का अनुभव है। इसके अलावा, फोकस और हमारा टीवी चैनलों में इंटरव्यू और न्यूज एंकर के तौर पर भी काम किया है।Read More...

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