
UGC Anti Ragging Notice 2025: छात्रों की सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने देशभर के 89 कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज को चिन्हित किया है, जो रैगिंग के खिलाफ तय नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। इस लिस्ट में कुछ सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों जिसमें IIT बॉम्बे, IIT खड़गपुर, IIM रोहतक और AIIMS रायबरेली जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं। जानिए कौन-कौन से बड़े संस्थानों के नाम लिस्ट में शामिल हैं और क्या है पूरा मामला।
UGC द्वारा जारी की गई इस डिफॉल्टर लिस्ट में कुल 89 उच्च शिक्षण संस्थानों के नाम हैं। इनमें शामिल हैं-
UGC का कहना है कि इन संस्थानों ने एंटी-रैगिंग एफिडेविट (Anti-Ragging Undertaking) समय पर जमा नहीं किया है। हर साल छात्रों और उनके अभिभावकों से एक हलफनामा लिया जाना अनिवार्य होता है, जिसमें वे यह स्वीकार करते हैं कि वे रैगिंग में शामिल नहीं होंगे। साथ ही, संस्थानों को भी UGC को रिपोर्ट भेजनी होती है कि उन्होंने एंटी-रैगिंग नियमों का पालन किया है। लेकिन UGC के अनुसार, कई बार याद दिलाने, हेल्पलाइन के कॉल्स और मॉनिटरिंग एजेंसी के दखल के बावजूद इन कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज ने जरूरी डॉक्यूमेंट जमा नहीं किए।
UGC सचिव मनीष जोशी ने चेतावनी दी है कि अगर संस्थान 30 दिनों के भीतर जवाब नहीं देते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जा सकते हैं। ग्रांट्स (funding) बंद की जा सकती है। रिसर्च फंडिंग को रोका जा सकता है। संस्थान की मान्यता या एफिलिएशन तक रद्द हो सकता है।
UGC की Anti-Ragging Regulation 2009 के तहत, हर छात्र को एडमिशन के समय और हर नए एकेडमिक सेशन की शुरुआत में एंटी-रैगिंग हलफनामा भरना जरूरी है। संस्थानों को यह सुनिश्चित करना होता है कि सभी छात्रों से यह प्रक्रिया पूरी करवाई गई है और इसकी रिपोर्ट समय पर UGC को भेजी गई है।
हाल के वर्षों में रैगिंग से जुड़ी कई घटनाएं सामने आई हैं, जिनसे छात्रों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठे हैं। ऐसे में UGC का यह कदम छात्रों को एक सुरक्षित और अच्छा वातावरण देने की दिशा में अहम माना जा रहा है। ऐसे में अगर इतने बड़े-बड़े संस्थान भी नियमों की अनदेखी करेंगे, तो छोटे संस्थानों के लिए क्या उदाहरण बनेगा? UGC का यह सख्त रुख दिखाता है कि छात्रों की सुरक्षा के मामले में अब कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।