उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के पेपर लीक और वायरल क्वेश्चन पेपर के सभी आरोपों की जांच के लिए एक आंतरिक समिति गठित की है। जानें पूरी डिटेल
उत्तर प्रदेश के अधिकारियों ने यूपी पुलिस कांस्टेबल पेपर लीक की अफवाहों को लेकर साफ कहा है कि कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के क्वेश्चन पेपर लीक नहीं हुए हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित किये जा रहे पेपर, आसंरशीट और दावे फर्जी हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड (UPPBPB) ने कैंडिडेट्स को आश्वासन दिया है कि परीक्षा सफलता पूर्वक संपन्न हुई है और पेपर लीक की खबरें अफवाह हैं।
दोनों दिन शांतिपूर्ण संपन्न हुई परीक्षा
डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा है कि परीक्षा शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई है। राज्य के सभी 2385 केन्द्रों पर दोनों दिन और चारों शिफ्ट में परीक्षा के दौरान पुलिस एवं प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी लगातार सभी जिलों का दौरा करते रहे। 17 फरवरी और 18 फरवरी को आयोजित परीक्षा में लगभग 48 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे।
पेपर लीक के आरोपों की जांच के लिए इंटरनल कमेटी का गठन
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने आंतरिक समिति का गठन किया है जो सोशल मीडिया पर कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के पेपर लीक और वायरल क्वेश्चन पेपर के सभी फर्जी आरोपों की जांच करेगी। भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष रेणुका मिश्रा के अनुसार सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही फर्जी खबरों को देखते हुए बोर्ड ने एक इंटरनल कमेटी का गठन किया है।
अशोक कुमार सिंह कमेटी प्रमुख
भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष रेणुका मिश्रा के अनुसार अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) रैंक के अधिकारी अशोक कुमार सिंह कमेटी के प्रमुख होंगे। उन्होंने कहा कि आगे की कार्रवाई उसी के अनुसार तय की जाएगी। वायरल क्वेश्चन पेपर और आंसरशीट के संबंध में जांच की जाएगी। यह समिति बोर्ड के भीतर है।
परीक्षा से पहले कोई भी पेपर सोशल मीडिया पर अपलोड नहीं हुआ
उन्होंने आगे कहा परीक्षा से पहले कोई भी पेपर सोशल मीडिया पर अपलोड नहीं किया गया था। परीक्षा संपन्न होने के बाद फर्जी सूचना सोशल मीडिया के जरिए फैलाई गई। परीक्षा के बाद वैसे भी क्वेश्चन पेपर कैंडिडेट्स के पास होता है और वे साथ ले जा सकते हैं।
60,244 पुलिस कांस्टेबलों की भर्ती के लिए परीक्षा
बता दें कि यूपी राज्य सरकार पुलिस बल को और मजबूत करने के लिए 60,244 पुलिस कांस्टेबलों की भर्ती के लिए 17 और 18 फरवरी को राज्य के सभी 75 जिलों के 2385 केंद्रों पर परीक्षा आयोजित की गईं थी।
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