UPSC Interview GK 2025: रविवार को छुट्टी क्यों मिलती है?

Published : Dec 10, 2025, 10:38 AM IST

UPSC पर्सनालिटी टेस्ट 19 दिसंबर 2025 तक चलेगा। IAS इंटरव्यू में अक्सर बहुत ही सामान्य लेकिन महत्वपूर्ण जीके सवाल पूछे जाते हैं, जैसे- रविवार को छुट्टी क्यों मिलती है? इसके बारे में बचपन से सुनते-देखते आ रहे हैं लेकिन क्या आप इसका जवाब जानते हैं?

PREV
16
UPSC Interview GK Questions 2025: रविवार को छुट्टी कब शुरू हुई?

यूपीएससी पर्सनालिटी टेस्ट 2025 जारी है, जो 19 दिसंबर 2025 तक चलेगा। IAS इंटरव्यू में उम्मीदवारों से देश, दुनिया, इतिहास, प्रशासन, समाज और पर्सनालिटी बेस्ड सवाल पूछे जाते हैं। ऐसे में इंटरव्यू बोर्ड कई बार बहुत सामान्य दिखने वाले लेकिन कॉन्सेप्ट क्लियर करने वाले प्रश्न भी पूछ लेता है। जैसे- रविवार को छुट्टी क्यों मिलती है? यानी, जो जानकारी आप बचपन से सुनते आए हैं, उसकी वास्तविक ऐतिहासिक वजह क्या है आप जानते हैं या नहीं? जानने के लिए आगे पढ़ें।

26
भारत में रविवार को छुट्टी क्यों मिलती है, क्या है इतिहास?

भारत में रविवार की छुट्टी कोई धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि मजदूरों की लंबी लड़ाई का नतीजा है। ब्रिटिश शासन के दौरान मजदूरों से सप्ताह के 7 दिन लगातार काम करवाया जाता था, कोई अवकाश नहीं मिलता था। इस अन्याय को देखकर मजदूर नेता नारायण मेघाजी लोखंडे ने आवाज उठाई और सप्ताह में 1 दिन की छुट्टी की मांग रखी। ब्रिटिश सरकार ने इस मांग को लगभग 7 साल तक मानने से इनकार किया, लेकिन लगातार संघर्ष के बाद 10 जून 1890 को पहली बार रविवार को आधिकारिक छुट्टी घोषित की गई।

36
संडे छुट्टी में मजदूर नेता नारायण मेघाजी लोखंडे का योगदान क्या था?

लोखंडे जी ने भारतीय मजदूर आंदोलन की नींव रखी। उन्होंने ब्रिटिश सरकार को समझाया कि बिना आराम के लगातार 7 दिन काम कराना अमानवीय है। उनकी निरंतर कोशिशों के बाद सरकार को मजबूर होकर रविवार की छुट्टी देनी पड़ी। इसी संघर्ष के कारण उन्हें भारतीय मजदूर आंदोलन का जनक भी कहा जाता है।

46
रविवार को ही छुट्टी क्यों निर्धारित की गई? कोई खास वजह?

ब्रिटिश प्रशासन में रविवार को 'रेस्ट डे' की परंपरा पहले से मौजूद थी। मजदूरों को भी उसी दिन आराम देने के लिए सप्ताह के आखिरी दिन यानी रविवार को अवकाश तय किया गया। तब से आज तक यह परंपरा जारी है।

56
क्या रविवार की छुट्टी भारत में एक साथ लागू हुई थी?

नहीं। 10 जून 1890 को इसे आधिकारिक घोषित किया गया था, लेकिन कई उद्योगों और कार्यालयों में इसे लागू होने में समय लगा। धीरे-धीरे यह पूरे भारत में प्रचलित हुआ और आज लगभग हर सेक्टर में रविवार साप्ताहिक अवकाश माना जाता है।

66
रविवार की छुट्टी का सामाजिक महत्व क्या है?

रविवार की छुट्टी ने मजदूरों के स्वास्थ्य, परिवार, सामाजिक जीवन और प्रोडक्टिविटी पर बहुत सकारात्मक प्रभाव डाला। यह भारत में लेबर राइट्स की पहली बड़ी जीत थी, जिसने आगे चलकर लेबर लॉ का रास्ता तैयार किया।

AT
About the Author

Anita Tanvi

अनीता तन्वी। मीडिया जगत में 15 साल से ज्यादा का अनुभव। मौजूदा समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर एजुकेशन सेगमेंट संभाल रही हैं। इन्होंने जुलाई 2010 में मीडिया इंडस्ट्री में कदम रखा और अपने करियर की शुरुआत प्रभात खबर से की। पहले 6 सालों में, प्रभात खबर, न्यूज विंग और दैनिक भास्कर जैसे प्रमुख प्रिंट मीडिया संस्थानों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, ह्यूमन एंगल और फीचर रिपोर्टिंग पर काम किया। इसके बाद, डिजिटल मीडिया की दिशा में कदम बढ़ाया। इन्हें प्रभात खबर.कॉम में एजुकेशन-जॉब/करियर सेक्शन के साथ-साथ, लाइफस्टाइल, हेल्थ और रीलिजन सेक्शन को भी लीड करने का अनुभव है। इसके अलावा, फोकस और हमारा टीवी चैनलों में इंटरव्यू और न्यूज एंकर के तौर पर भी काम किया है।Read More...
Read more Photos on

Recommended Stories