पेपर बेचने वाले लड़के ने UPSC में रचा इतिहास, अभावों को मात देकर बना IFS ऑफिसर

Published : Nov 06, 2024, 11:30 AM IST
P Balamurugan paperboy to ifs officer

सार

गरीबी और मुश्किलों से जूझते हुए IFS अफसर बने पी. बालामुरुगन की प्रेरणादायक कहानी। अखबार बेचकर पढ़ाई पूरी करने वाले बालामुरुगन ने UPSC परीक्षा में सफलता हासिल कर लाखों युवाओं के लिए मिसाल कायम की।

UPSC Success Story: भारत के सबसे कठिन परीक्षाओं में गिनी जाने वाली UPSC सिविल सर्विसेज परीक्षा में सफलता पाना किसी जंग जीतने से कम नहीं होता। संघर्षों और कठिनाइयों से भरी इस यात्रा को सफलतापूर्वक पार करने वाले लोगों की कहानियां न सिर्फ प्रेरणादायक होती हैं बल्कि ये लाखों युवाओं को भी एक उम्मीद देती हैं। ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है IFS अधिकारी पी. बालामुरुगन की, जिन्होंने अपने जीवन में गरीबी, अभाव और संघर्षों का सामना करते हुए UPSC में सफलता हासिल की।

कठिनाई से भरा बचपन, पिता ने छोड़ दिया परिवार

पी. बालामुरुगन का बचपन आसान नहीं था। 1994 में उनके पिता ने परिवार को छोड़ दिया, जिसके बाद उनकी मां पलनिमल पर आठ बच्चों की जिम्मेदारी आ पड़ी। पलनिमल ने सिर्फ 10वीं तक पढ़ाई की थी, जिससे उनके लिए नौकरी ढूंढ़ना मुश्किल था। मजबूरी में परिवार का भरण-पोषण करने के लिए बालामुरुगन ने अखबार बेचने का काम शुरू किया।

अखबर बेचकर की पढ़ाई, मां का हौसला बना सहारा

अपनी मां के संघर्ष और हौसले को याद करते हुए बालामुरुगन बताते हैं, "मेरी मां ने हमें कभी हारने नहीं दिया।" उनकी मां ने अपने जेवर और एकमात्र जमीन बेचकर एक छोटा सा घर खरीदा, जहां पूरा परिवार एक मामूली छत के नीचे रहता था। बचपन से ही बालामुरुगन ने अखबार बेचकर अपनी पढ़ाई जारी रखी और परिवार की मदद भी की।

शिक्षा के प्रति जुनून

अखबार बेचते समय बालामुरुगन का किताबों से नाता जुड़ गया और यहीं से उनका पढ़ाई के प्रति जुनून शुरू हुआ। उन्होंने पढ़ाई को अपनी प्राथमिकता बनाकर कठिनाईयों को पार करते हुए पढ़ाई जारी रखी। बाद में उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन में ग्रेजुएशन किया और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) में नौकरी हासिल की।

नौकरी छोड़ UPSC की तैयारी

TCS में कुछ साल काम करने के बाद, बालामुरुगन एक IAS अधिकारी के काम से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अपनी अच्छी-खासी नौकरी छोड़ दी और UPSC परीक्षा की तैयारी में लग गए। उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें 2018 में UPSC में सफलता दिलाई और वह भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी बने।

लाखों छात्रों के लिए प्रेरणा

बालामुरुगन की कहानी उन हजारों-लाखों युवाओं के लिए एक प्रेरणा है जो आर्थिक तंगी के कारण अपने सपनों को पीछे छोड़ देते हैं। उन्होंने यह साबित कर दिखाया कि हालात चाहे कितने भी विपरीत क्यों न हों, अगर हौसला और मेहनत का साथ हो तो हर मंजिल पाई जा सकती है।

ये भी पढ़ें

CRPF में शुरुआत और फिर UPSC क्रैक कर IPS बनीं महिला अधिकारी से मिलिए

MBA की पढ़ाई के लिए अमेरिका टॉप चॉइस, महिला आवेदनों में रिकॉर्ड वृद्धि

PREV
AT
About the Author

Anita Tanvi

अनीता तन्वी। मीडिया जगत में 15 साल से ज्यादा का अनुभव। मौजूदा समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर एजुकेशन सेगमेंट संभाल रही हैं। इन्होंने जुलाई 2010 में मीडिया इंडस्ट्री में कदम रखा और अपने करियर की शुरुआत प्रभात खबर से की। पहले 6 सालों में, प्रभात खबर, न्यूज विंग और दैनिक भास्कर जैसे प्रमुख प्रिंट मीडिया संस्थानों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, ह्यूमन एंगल और फीचर रिपोर्टिंग पर काम किया। इसके बाद, डिजिटल मीडिया की दिशा में कदम बढ़ाया। इन्हें प्रभात खबर.कॉम में एजुकेशन-जॉब/करियर सेक्शन के साथ-साथ, लाइफस्टाइल, हेल्थ और रीलिजन सेक्शन को भी लीड करने का अनुभव है। इसके अलावा, फोकस और हमारा टीवी चैनलों में इंटरव्यू और न्यूज एंकर के तौर पर भी काम किया है।Read More...

Recommended Stories

ऑफिस में प्रमोशन नहीं मिल रहा? कहीं आप में भी तो नहीं ये 5 बुरी आदतें
कोहरे के दौरान रेलवे कैसे तय करता है कि कौन सी ट्रेन सबसे पहले रद्द होगी? जानिए