करोड़ों की जॉब छोड़ की UPSC की तैयारी! बने टॉपर, कनिष्क कटारिया की प्रेरक कहानी

IIT से पासआउट कनिष्क कटारिया ने करोड़ों की नौकरी छोड़ UPSC की तैयारी की और पहले ही प्रयास में टॉप किया। जानिए उनकी प्रेरणादायक कहानी।

UPSC Success Story: IIT के पूर्व छात्र रहे कनिष्क कटारिया की कहानी उन लोगों के लिए एक प्रेरणा है, जो जिंदगी में बड़े सपने देखते हैं और उन्हें पूरा करने के लिए हर रिस्क उठाने को तैयार रहते हैं। राजस्थान के जयपुर से ताल्लुक रखने वाले और IIT बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएट कनिष्क ने विदेश में एक शानदार जॉब और करोड़ों की सैलरी छोड़कर कुछ ऐसा किया जिसे बहुत से लोग करने की हिम्मत भी नहीं कर पाते।

करोड़ों की नौकरी छोड़ी, पब्लिक सर्विस का सपना चुना

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IIT बॉम्बे से पासआउट होने के बाद, कनिष्क ने दक्षिण कोरिया में Samsung कंपनी में काम करना शुरू किया, जहां उन्हें करीब 1 करोड़ रुपये की सैलरी मिल रही थी। लेकिन उनके दिल में एक अलग सपना धड़क रहा था। ये सपना था पब्लिक सर्विस में जाने का। उनके पिता संवर मल वर्मा, जो खुद एक IAS अधिकारी थे, से प्रेरित होकर उन्होंने भी इसी दिशा में कदम बढ़ाने का फैसला किया।

UPSC की तैयारी और पहला प्रयास ही बना सफलता की मिसाल

कनिष्क ने 2017 में अपनी जॉब छोड़ दी और जयपुर लौटकर UPSC की कठिन परीक्षा की तैयारी शुरू की। उन्होंने अपना पूरा ध्यान और मेहनत इस परीक्षा में झोंक दी। नतीजा यह हुआ कि पहले ही प्रयास में कनिष्क ने 2018 UPSC परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल की। उनकी यह उपलब्धि एक बड़ी मिसाल बन गई।

UPSC में हासिल किए शानदार नंबर

कनिष्क ने UPSC में मैथ्स को अपना ऑप्शनल सब्जेक्ट चुना और मुख्य परीक्षा में 942 नंबर हासिल किए। इसके साथ ही पर्सनालिटी टेस्ट में उन्होंने 179 नंबर पाए। कुल मिलाकर, 2025 में से 1121 अंक प्राप्त किए और टॉप रैंक हासिल की। IIT JEE में भी कनिष्क ने कमाल किया था, जहां उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 44 पाई थी।

आज कहां हैं कनिष्क कटारिया?

UPSC में टॉप करने के बाद कनिष्क आज राजस्थान सरकार के कार्मिक विभाग (Department of Personnel) में जॉइंट सेक्रेटरी के पद पर कार्यरत हैं। उनके इस साहसिक कदम और सफलता ने उन्हें लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बना दिया है। कनिष्क कटारिया की कहानी यह साबित करती है कि बड़े सपनों को पूरा करने के लिए सिर्फ कड़ी मेहनत ही नहीं, बल्कि कुछ बड़ा छोड़ने का साहस भी चाहिए। उनकी यात्रा ने यह साबित कर दिया कि अगर आप अपने सपनों के पीछे जुनून के साथ लग जाएं, तो आप किसी भी लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं।

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