सोनम वांगचुक कौन हैं? जानिए लेह-लद्दाख आंदोलन के बीच चर्चा में क्यों ‘थ्री इडियट्स’ के असली रैंचो

Published : Sep 24, 2025, 06:07 PM ISTUpdated : Sep 24, 2025, 06:16 PM IST
Sonam Wangchuck

सार

Sonam Wangchuk: लद्दाख में हालिया आंदोलन और बंद के बीच सोनम वांगचुक फिर चर्चा में हैं। जानिए कौन हैं सोनम वांगचुक, उनका ‘थ्री इडियट्स’ से कनेक्शन, भूख हड़ताल और लद्दाख को राज्य का दर्जा दिलाने की उनकी लड़ाई के बारे में।

Who is Sonam Wangchuk: लद्दाख इन दिनों एक बड़े आंदोलन और राजनीतिक हलचल की वजह से सुर्खियों में है। यहां के लोग पूर्ण राज्य का दर्जा और संवैधानिक अधिकार की मांग कर रहे हैं। इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं सोनम वांगचुक। 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग करके केंद्रशासित प्रदेश बना दिया गया था। शुरुआत में लोगों को लगा कि यह कदम सही है, लेकिन धीरे-धीरे यह डर बढ़ा कि बिना विधानसभा और खास अधिकारों के लद्दाख की पहचान खतरे में पड़ सकती है। यही वजह है कि अब लोग पूर्ण राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची के तहत सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।

कौन हैं सोनम वांगचुक?

सोनम वांगचुक एक इंजीनियर हैं, साथ ही शिक्षा सुधारक और पर्यावरण प्रेमी के रूप में भी जाने जाते हैं। उन्होंने सौर ऊर्जा और पर्यावरण के अनुकूल तकनीक के क्षेत्र में अपनी खास पहचान बनाई है। उन्होंने SECMOL कैंपस बनाया, जो पूरी तरह से जीवाश्म ईंधन से मुक्त है। इसके अलावा वे लद्दाख की एकमात्र पत्रिका लदगास मेलोंग के संपादक रह चुके हैं और कई सामाजिक संगठनों से जुड़े रहे हैं।

सोनम वांगचुक चर्चा में क्यों

एक शिक्षा सुधारक और पर्यावरण प्रेमी होने के साथ ही सोनम वांगचुक अब लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची में शामिल करने की लड़ाई के प्रतीक बन चुके हैं। इसी मांग को लेकर लद्दाख बौद्ध एसोसिएशन (LAB) की युवा शाखा ने 35 दिन की भूख हड़ताल शुरू की, जिसका नेतृत्व सोनम वांगचुक कर रहे हैं। भूख हड़ताल को 15 दिन हो गए हैं। इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों की हालत बिगड़ी, जिससे आंदोलन में गुस्सा बढ़ गया। छात्रों और स्थानीय लोगों ने उनके समर्थन में प्रदर्शन और बंद किया। कुछ युवा प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया, जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले और लाठीचार्ज किया। कुछ प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय बीजेपी ऑफिस और CRPF की गाड़ियों के पास आग भी लगाई। हालांकि अब प्रदर्शन को हिंसक होते देख कर सोनम वांगचुक ने भूख हड़ताल खत्म कर दी है और लोगों से शांति की अपील की है।

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सोनम वांगचुक का शुरुआती जीवन और एजुकेशन क्वालिफिकेशन

सोनम वांगचुक का जन्म 1 सितंबर 1966 को लद्दाख के छोटे से गांव उले टोकपो में हुआ। उस समय उनका गांव केवल 5 घरों का था। पढ़ाई-लिखाई की कमी के कारण उनकी मां ने उन्हें 8 साल की उम्र तक घर पर ही अपनी मातृभाषा में पढ़ाया। उसके बाद वांगचुक ने स्कूल जाना शुरू किया, लेकिन भाषा न समझ आने की वजह से वहां ज्यादा समय नहीं बिता सके। 1977 में उन्होंने दिल्ली के विशेष केंद्रीय विद्यालय में दाखिला लिया, जो सीमांत इलाकों के बच्चों के लिए मुफ्त रेजिडेंशियल स्कूल था। सोनम वांगचुक ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया, जबकि उनके पिता चाहते थे कि वह सिविल इंजीनियर बनें। अपने पिता के विरोध और फीस न देने के बावजूद, वांगचुक ने 10वीं के छात्रों को पढ़ाकर अपनी पढ़ाई का खर्च खुद उठाया। इसके बाद उन्होंने एनआईटी श्रीनगर से इंजीनियरिंग पूरी की और फ्रांस के CRAterre School of Architecture, Grenoble से अर्थन आर्किटेक्चर में मास्टर्स किया।

फिल्म ‘थ्री इडियट्स’ से जुड़ी पहचान

सोनम वांगचुक सिर्फ राजनीतिक आंदोलन और अपने इनोवेशन के लिए चर्चित नहीं हैं। वे बॉलीवुड फिल्म ‘थ्री इडियट्स’ में आमिर खान द्वारा निभाए गए ‘रैंचो’ किरदार की असली प्रेरणा रहे हैं। फिल्म में दिखाया गया यह किरदार उनकी असली जिंदगी पर आधारित था। जिसका असली नाम फुंसुक वांगडू था।

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Anita Tanvi

अनीता तन्वी। मीडिया जगत में 15 साल से ज्यादा का अनुभव। मौजूदा समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर एजुकेशन सेगमेंट संभाल रही हैं। इन्होंने जुलाई 2010 में मीडिया इंडस्ट्री में कदम रखा और अपने करियर की शुरुआत प्रभात खबर से की। पहले 6 सालों में, प्रभात खबर, न्यूज विंग और दैनिक भास्कर जैसे प्रमुख प्रिंट मीडिया संस्थानों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, ह्यूमन एंगल और फीचर रिपोर्टिंग पर काम किया। इसके बाद, डिजिटल मीडिया की दिशा में कदम बढ़ाया। इन्हें प्रभात खबर.कॉम में एजुकेशन-जॉब/करियर सेक्शन के साथ-साथ, लाइफस्टाइल, हेल्थ और रीलिजन सेक्शन को भी लीड करने का अनुभव है। इसके अलावा, फोकस और हमारा टीवी चैनलों में इंटरव्यू और न्यूज एंकर के तौर पर भी काम किया है।Read More...
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