ग्रेजुएशन के बाद जॉब की तलाश! तो पहले स्किल अपग्रेड करें.. 5 प्वाइंट में समझिए कैसे बदल जाएगी लाइफ  

यह काफी पुराना मगर जांचा-परखा फॉर्मूला है कि जब आप जॉब फील्ड में जाएं और सेलक्शन की बात आए तो यह जरूर तय करना सीखिए कि अंडों को सही टोकरी में रखना क्यों जरूरी है और यह कैसे किया जा सकता है। 

Ashutosh Pathak | Published : Dec 13, 2022 7:28 AM IST

करियर डेस्क। जब कोई स्टूडेंट ग्रेजुएट हो जाता है, तब वह अपने पैरों पर खड़े होने के लिए करियर बनाने के लिए मैदान में उतरता है। बहुत से युवा तुरंत सफल होने की उम्मीद करते हैं। उन्हें इस बात का भरोसा होता है कि वे नौकरी में जबरदस्त तरीके से सफल हो सकते हैं और अपनी छाप छोड़ सकते हैं। हालांकि, कंपनियों में ऐसे एक्सपर्ट होते हैं, जो इन नौसिखिए का लेबल लगे युवाओं में क्षमता की जांच करते हैं। बहुत से युवा पहली ही बार में कई चुनौतियों से रूबरू होते हुए बाधाओं में फंस जाते हैं और ये उनके लिए निराशाजनक हो सकता है। 

हर इंप्लॉयर यानी नियोक्ता चाहता है कि उसके पास जो काम करने आए वो अनुभवी हो, चाहे वह फ्रेशर की क्यों न हो। उन्हें ऐसे लोग चाहिए, जिन पर कम मेहनत करनी पड़े और पहले ही दिन से परफेक्ट काम कर सके। इनका ट्रैक रिकॉर्ड स्टूडेंट के तौर भी अच्छा रहा हो। ऐसे में इसमें कोई हैरानी की बात नहीं कि ग्रेजुएट होने के बाद पहली नौकरी मिलना भी काफी मुश्किल है। खासकर ऐसे समय में जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अस्थिरता का माहौल है। कंपनियां और मल्टीनेशनल कंपनियों अपने प्रस्ताव रद्द कर रही हैं या फिर भर्ती प्रक्रिया को और सख्त कर रही हैं। 

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ग्रेट लर्निंग की ओर से हाल ही में जारी एक रिपोर्ट पर गौर करें तो स्पष्ट होता है कि वे प्रफेनल्स जो करियर की शुरुआत में अपने कौशल यानी स्किल को बढ़ाने पर ज्यादा जोर देते हैं और इसे गंभीरता से लेते हैं, वे कुछ समय बाद अपने सहकर्मियों की तुलना में दोगुना से ज्यादा रिजल्ट देते हैं और पैसा कमाते हैं। जो ऐसा नहीं करते, वे कम वेतन और काम की अलग-अलग चुनौतियों से जूझते रहते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, मॉडर्न जॉब मार्केट में अपस्किलिंग और रीस्किलिंग को काफी तवज्जो दी जाती है। यह डायनेमिक एन्वायर्नमेंट में अप-टू-डेट रहने का बढ़िया तरीका है। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे जरूरी प्वाइंट्स बता रहे हैं, जो युवाओं को जॉब मार्केट में खुद को तैयार करने में मददगार साबित हो सकते हैं। 

सबसे पहले इंडस्ट्री चुनें: एक फॉर्मूला बेस्ड चर्चित कोटेशन है कि यह जानना बेहद जरूरी है कि आपको अंडो को किस टोकरी में रखना सही होगा। यह इसलिए कि जब कभी बदलते परिवेश में ट्रेडिशनल सेटिंग में धन और तकनीक के साथ-साथ स्थिरता की बात आएगी, तो यह फॉर्मूला फायदा पहुंचाएगा। ऐसे में फाइनेंस और टेक्नोलॉजी जैसे उद्योग आपको अच्छी सैलरी का ऑप्शन देने वाले फील्ड साबित हो सकते हैं। बढ़ते डिजिटलीकरण में टेक्नोलॉजी सबसे हॉट फील्ड के तौर पर सामने आई है। खासकर डाटा साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई, एमएल, ब्लॉक चेन जैसी आधुनिक युग वाले तकनीकी क्षेत्र इसको और बूस्ट देते हैं। यही नहीं एक स्टडी में सामने आया है कि 2022 में डाटा साइंस में स्किल डेवलपमेंट में अगले 18 साल यानी वर्ष 2040 तक इसमें काम करने वाले प्रफेशनल्स की सैलरी 57.9 लाख प्रतिवर्ष हो सकती है। हालांकि, ये ऑफर स्किल्ड प्रफेशनल्स को ही मिलेगा। इसी तरह मार्केटिंग प्रफेशनल्स जो अपने स्किल को बढ़ाने पर काम कर रहे, वे अगले 10 साल में अपने अन्य सहकर्मियों की तुलना में 100 प्रतिशत से भी ज्यादा वेतन हासिल कर पाएंगे। 

स्किल पर फोकस करें: अपनी स्किल बढ़ाने से आपको आने वाले समय में बहुत से नए अवसर और इंकम के सोर्स मिलेंगे। यह आपको दुनियाभर की कंपनियों की ओर से मांगे जाने वाले डोमेन और स्किल के सागर से परिचित करा सकता है। इसे ऐसे समझिए, नए स्किल में ट्रेंड होने के बाद एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रफेशनल अपने अन्य ऐसे साथियों की तुलना में करीब 4 गुना ज्यादा कमा सकता है, जिन्होंने स्किल बढ़ाने पर फोकस नहीं किया। उनके पास केवल पारंपरिक ज्ञान और समान स्तर का एक्सपर्टाइजेशन ही रहेगा। एक प्रफेशनल जिसने अपनी अपस्किलिंग नहीं की है, वह 60 साल की उम्र तक अपनी रिटायरमेंट इंकम सोर्स डेवलप कर पाएगा, जबकि एक स्टैंडर्ड प्रफेशनल 50 साल तक की उम्र में ही अपनी रिटायरमेंट इंकम सोर्स डेवलप कर लेगा। जी हां, करीब 10 साल का अंतर सामने दिख रहा। दरअसल, इंडस्ट्री नए और पुराने स्किल को आसानी से पहचान कर लेती हैं और इसका असर काम और सैलरी दोनों पर दिखता है। 

रिसर्च और डाटा के साथ सही इंस्टीट्यूट का चुनाव: ऐसे कई तरीके हैं, जिनके जरिए आप अपने ज्ञान का स्तर बढ़ा सकते हैं। हालांकि, केवल कागज पर सर्टिफिकेट हासिल करने के बजाय स्ट्रेंथ डेवलपमेंट पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। ऐसी कई कंपनियां हैं जो स्किल डेवलपमेंट फील्ड में काम कर रहे इंस्टीट्यूट से सीधे संपर्क में रहती हैं और वहां से अच्छे पैकेज पर प्लेसमेंट करती हैं। 

कंपनियों के लिए राइट च्वाइस: स्किल को समय-समय पर अपडेट करते रहने से आपके करियर में रौनक आ जाती है। सैलरी दूसरों की अपेक्षा ज्यादा और जल्दी बढ़ती है। सोशल और इंडस्ट्रीयल दोनों संपर्क बढ़ते हैं। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी आपकी डिमांड बढ़ जाती है। ऐसे में कंपनियां जानती है कि आप उनके राइट च्वाइस हो सकते हैं। इसके साथ ही अपने नेटवर्किंग पर भी ध्यान दें, जिससे बेहतर जगह आपका सही इस्तेमाल हो और फायदा दोनों को मिलेगा। 

ऐसा पोर्टफोलियो बनाएं जो प्रासंगिक यानी रेलेवेंट हो: दरअसल, ऐसा इसलिए क्योंकि पोर्टफोलियो ही आपकी पहचान है। इसे पहले कि जब आप किसी इंप्लॉयर से मिलने जाएं और अपनी बात कहने जाएं, उससे पहले आपका पोर्टफोलियो आपके बारे में बहुत कुछ बता चुका होगा। ऐसे में यह तय करने में अलर्ट रहे कि आपका पोर्टफोलियो बिल्कुल फ्रेश और आज के ट्रेंड के हिसाब से तैयार किया गया हो। यह आपकी प्रतिभा और क्षमता को भी प्रदर्शित करता है। अपने अनुभवों को खुलकर बताएं, इसमें शर्माएं नहीं। 

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