कोरोना योद्धाओं के बच्चों के लिए आरक्षित की गईं MBBS की इतनी सीटें, यहां पढ़ें सभी जरूरी डिटेल्स

सरकार ने शिक्षण सत्र 2020-21 में केन्द्र के कोटे से एमबीबीएस पाठ्यक्रम की पांच सीटें कोरोना योद्धाओं के बच्चों के लिए आरक्षित कर दी है।

करियर डेस्क.  MBBS Seats Reserved  For Covid warriors Children:  कोरोना काल में जब पूरी दुनिया थम गई। जिंदगी को बचाने लोग घरों में कैद कर दिए गए। ऐसी महमारी जिसमें करोड़ों की तादाद में लोग जान गंवा चुके हैं उसमें चिकित्सा विभाग से जुड़े लोग डटे रहे। ऐसे में उन्हें सच्चे दिल से सम्मानित करने सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। 

सरकार ने शिक्षण सत्र 2020-21 में केन्द्र के कोटे से एमबीबीएस पाठ्यक्रम की पांच सीटें कोरोना योद्धाओं के बच्चों के लिए आरक्षित कर दी है।

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केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि इस कदम का लक्ष्य उन कोरोना योद्धाओं का सम्मान करना है जिनकी मृत्यु कोविड-19 के कारण या महामारी संबंधी ड्यूटी के दौरान हुई है।

 

 

एमबीबीएस जुड़ेगी नयी श्रेणी ‘कोरोना योद्धाओं के बच्चे’

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने केन्द्र के कोटे से एमबीबीएस में दाखिले के दिशा-निर्देशों में नयी श्रेणी ‘कोरोना योद्धाओं के बच्चे’ जोड़ा है। राष्ट्रीय परीक्षा अकादमी द्वारा करायी गई नीट-2020 में प्राप्त रैंक के आधार पर भरे गए ऑनलाइन आवेदनों के माध्यम से मेडिकल काउंसिल कमेटी इन छात्रों का चयन करेगी।

योद्धाओं के बलिदान का सम्मान

हर्षवर्धन ने कहा, ‘यह उन कोरोना योद्धाओं के बलिदान का सम्मान होगा जिन्होंने निस्वार्थ भाव से अपना कर्तव्य और मानव धर्म निभाया है।’’ रेखांकित करते हुए कि 50 लाख रुपये की बीमा योजना की घोषणा के दौरान ही सरकार द्वारा ‘कोरोना योद्धा’ की परिभाषा तय कर दी गई थी।

मंत्री ने कहा, ‘‘कोरोना योद्धा में सामुदायिक स्वास्थ्य कर्मियों सहित, ऐसे सभी स्वास्थ्यकर्मी आते हैं, जो कोविड-19 मरीजों की सीधे-सीधे देखभाल कर रहे हैं या फिर इसके कारण जिनके जीवन को खतरा है।’

राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश तय करेंगे मानदंड

उन्होंने कहा, इसमें ‘राज्य/केन्द्र सरकार के अस्पताल, केन्द्र/राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वायत अस्पताल, एम्स और राष्ट्रीय महत्व के संस्थान और कोविड-19 नियंत्रण के लिए केन्द्र द्वारा तय अस्पतालों के कर्मचारी, निजी अस्पतालों के कर्मचारी, अवकाश प्राप्त/स्वयंसेवक/स्थानीय शहरी निकाय/संविदाकर्मी/दिहाड़ी मजदूर/अस्थाई कर्मचारी/आउटसोर्स कर्मचारी आदि सभी आएंगे।’ दाखिले के लिए मानदंड राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश तय करेंगे।

कोविड महामारी में देश में सैकड़ों मेडिकल कर्मचारियों ने अपनी जानें गंवाई हैं। ऐसे में सरकार के इस फैसले की सोशल मीडिया पर जमकर वाहवाही हो रही है। 

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