UP के प्राइमरी स्कूलों में भी लागू होगा Happiness Curriculum, जानें इस कोर्स से बच्चों को क्या होगा फायदा

Published : Dec 20, 2021, 09:41 AM IST
UP के प्राइमरी स्कूलों में भी लागू होगा Happiness Curriculum, जानें इस कोर्स से बच्चों को क्या होगा फायदा

सार

हैप्पीनेस करिकुलम का लागू करने का उदेश्य है विद्यार्थियों में प्रकृति, समाज और देश के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाना। इस परियोजना के तहत उत्तर प्रदेश के 15 जिलों के 10-10 स्कूलों यानी 150 स्कूलों को इस पाठ्यक्रम पर काम करने के लिए कहा गया है।

करियर डेस्क. उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों (primary schools) में  हैप्पीनेस करिकुलम (Happiness Curriculum) लागू करने की तैयारी चल रही है। हैप्पीनेस करिकुलम का लागू करने का उदेश्य है विद्यार्थियों में प्रकृति, समाज और देश के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाना। इस परियोजना के तहत उत्तर प्रदेश के 15 जिलों के 10-10 स्कूलों यानी 150 स्कूलों को इस पाठ्यक्रम पर काम करने के लिए कहा गया है। बता दें कि छत्तीसगढ़ (CG) और दिल्ली (Delhi) में पहले से ही ये कोर्स चलाए जा रहे हैं। 

शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान (सीमैट) में छह दिवसीय कार्यशाला में हिस्सा लेने आए राज्य प्रभारी (हैप्पीनेस करिकुलम) डॉ. सौरभ मालवीय ने बताया कि इस पाठ्यक्रम के जरिए विद्यार्थियों को स्वयं, परिवार, समाज, प्रकृति और देश के बीच अंतर्संबंधों को समझने में मदद मिलेगी। इस पाठ्यक्रम को उत्तर प्रदेश की भौगोलिक और सांस्कृतिक परिस्थितियों को ध्यान में रखकर विकसित किया जा रहा है। पहली से 8वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को प्रतिदिन इस पाठ्यक्रम का अभ्यास कराया जाएगा।

तैयार की जाएंगी किताबें
मालवीय ने बताया कि इस परियोजना के तहत उत्तर प्रदेश के 15 जिलों के 10-10 स्कूलों यानी 150 स्कूलों को इस कोर्स पर काम करने के लिए कहा गया है। इसमें पहली से 5वीं तक के बच्चों के लिए पांच पुस्तकें तैयार की जाएंगी। इसी क्रम में अपने क्षेत्र में पहचाने गए 32 अध्यापकों की कार्यशाला आयोजित कर पाठ्यक्रम की विषय वस्तु तैयार की जा रही है। अगले वर्ष अप्रैल से शुरू होने वाले नए सत्र से इस पाठ्यक्रम को लागू करने की तैयारी है।

अगस्त से चल रही है तैयारी
इस पाठ्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने के लिए अगस्त से ही व्याख्यानों का आयोजन किया जा रहा है जिसमें शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया और इस टीम ने उनके साथ संवाद किया, अभी तक आठ व्याख्यानों का आयोजन हो चुका है। यूपी में प्राथमिक विद्यालयों की संख्या 1,30,000 है जहां सात लाख शिक्षक कार्यरत हैं। यूपी सरकार बाद में इसे सभी स्कूलों में लागू करने पर विचार कर सकती है।

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