Asianetnews Hindi संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) में सिलेक्ट हुए 100 कैंडिडेट्स की सक्सेज जर्नी (Success Journey) पर एक सीरीज चला रहा है। इसी कड़ी में हमने उर्वशी सेंगर से बातचीत की। आइए जानते हैं उनसे कैंसे सवाल पूछे गए थे।
करियर डेस्क. एक तरफ आर्थिक समस्याएं थीं, दूसरी ओर गाइडेंस की कमी और सामने सिविल सर्विस ज्वाइन करने का लक्ष्य। यह आसान नहीं था। उस पर भी पहले दो अटेम्पट में प्रीलिम्स ही क्लियर नहीं हो सका। ऐसे हालात में ज्यादातर लोग हार मान लेते हैं। लेकिन ग्वालियर की उर्वशी सेंगर अपने संकल्प से पीछे नहीं हटी। UPSC 2020 में उनकी 532वीं रैंक आयी है। उनका कहना है कि वह इंटरव्यू के पहले बहुत एक्साइटेड थी। खुश होकर गयी थी। उन्हें इंटरव्यू वगैरह से डर नहीं लगता है। उनसे कई तरह के सवाल पूछे गए जिनका उन्होंने शानदार जवाब दिया। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) के नतीजे 24 सितंबर, 2021 को जारी किए गए। फाइनल रिजल्ट (Final Result) में कुल 761 कैंडिडेट्स को चुना गया। Asianetnews Hindi संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) में सिलेक्ट हुए 100 कैंडिडेट्स की सक्सेज जर्नी (Success Journey) पर एक सीरीज चला रहा है। इसी कड़ी में हमने उर्वशी सेंगर से बातचीत की। आइए जानते हैं उनसे कैंसे सवाल पूछे गए थे।
मेरा सिर्फ नाम है चयन पैरेंटस का हुआ
वह अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता रविंद्र सिंह सेंगर और मां संतोष सेंगर को देते हुए कहती हैं कि मेरा नाम है, पर सिलेक्शन उनका हुआ है। वह एनसीसी में कैडेट भी थीं। घर से बाहर यदि किसी ने उनको विश्वास दिलाया कि आप यूपीएससी में सफल हो सकते हो तो वह एनसीसी की लक्ष्मी मैम थी। वह हमेशा साथ खड़ी रहने वाली पिलर की तरह हैं। उनकी बड़ी बहन आयुषी सेंगर की शादी हो चुकी है। छोटा भाई आदित्य सेंगर आईआईआईटी नागपुर से कम्प्यूटर साइंस से बीटेक कर रहा है। यह उसका दूसरा वर्ष है। छोटी बहन ज्योति सेंगर फ्रूट सांइस से पोस्ट ग्रेजुएशन कर रही है।
इंटरव्यू को लेकर थी एक्साइटेड
उर्वशी कहती हैं कि वह इंटरव्यू के पहले बहुत एक्साइटेड थी। खुश होकर गयी थी। उन्हें इंटरव्यू वगैरह से डर नहीं लगता है। उन्हें बात करना पसंद है। स्टेज पर परफॉर्म करना पसंद है। स्टेज पर बोलना पसंद है। वह ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में कमेंट्री भी करती थी। इसलिए उन्होंने कोई मॉक वगैरह भी नहीं दिया था। इंटरव्यू के एक दिन पहले मैं समय से सो गयी थी। वह बहुत स्पष्ट थी जो चीज उन्हें नहीं आती है, तो उसके लिए वह माफी मांग लेंगी और यदि आती है तो अच्छे से बता दूंगी।
सवाल- आप ग्वालियर से हैं, आपका ज्योग्राफी आपश्नल है, ग्वालियर की अरबन प्लानिंग कीजिए?
जवाब- ग्वालियर एक पानी की कमी वाले क्षेत्र में आता है। बुंदेलखंड का पार्ट है। उधर पानी की बहुत ज्यादा समस्या है। ज्योग्राफी से हम चंबल वाली डकैती को भी लिंक कर सकते हैं। ग्वालियर को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दूसरी मोस्ट एअर पोल्यूटेड सिटी बताया था क्योंकि यहां पेड़ नहीं है। तो जब मैं प्लानिंग करूंगी तो ग्रीन बेल्ट बनायी जाएगी। अलग से अबर्न फॉरेस्ट्री का प्लान चलाया जाएगा। जिससे पानी की अटेंशन भी बढ़ेगी और एयर पॉल्यूशन की समस्या भी कम होगी। इसके अलावा स्थानीय नदियों को राजस्थान के रिवर मॉडल की तरह रिवाइव किया जाएगा। नई-नई टेक्नोलॉजी है, उसके अनुसार अर्बन प्लानिंग होगी। गैरकानूनी इनक्रोचमेंट हटाया जाएगा।
सवाल- उड़ीसा ने नेशनल हाकी टीम को स्पांसर किया है, तुम्हे नहीं लगता है कि उसको अपनी स्टेट टीम को स्पांसर करना चाहिए था?
जवाब- मुझे प्राउड फील होता है। इवेंचुअली उड़ीसा भी इंडिया का पार्ट है। अगर इंडियन टीम अच्छा परफॉर्म कर रही है तो इवेंचुअली उसके लाभ उड़ीसा को भी मिलेंगे, क्योंकि उनकी टीम बहुत ज्यादा मोटिवेट होगी। वह समय आएगा कि उनकी स्टेट टीम भी अपना बहुत अच्छा परफॉर्म करेगी। बाकि मैं पूरी तरह सपोर्ट करती हूं।
सवाल- ऐसा कहते हैं कि जब भी कोई नई टेक्नोलाजी आती है तो यह अधिक जॉब क्रिएट करती है, इसको substantiate करो?
जवाब- कई सारे रिपोर्ट हैं और तथ्य कहते हैं कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जब आएगी, उससे ज्यादा जॉब क्रिएट होंगी। ये अलग बात है कि नए सेक्टर में क्रिएट होगी, तो उसके लिए हमें जरूरी है कि तब तक हम रिस्किलिंग और अपस्किलिंग पर ध्यान दें।
सवाल- स्किल डेवलपमेंट के लिए सरकार कुछ कर रही है क्या?
जवाब- कौशल विकास योजना है। न्यू एजूकेशन पॉलिसी आई है, उसमें छठवीं क्लास से ही स्किल डेवपलमेंट पर बहुत ज्यादा जोर दिया गया है।
समय को भगवान मानो
पढ़ाई में कांटिन्यूटी होनी चाहिए, एक चीज दस बार पढ़ो। दस चीज एक बार नहीं पढ़ो। समय को भगवान मानो। ऐसे नहीं करना चाहिए कि एक दिन पढ़ लिया और फिर चार दिन नहीं पढ़ा। चार दिन पढ़ा फिर दो दिन नहीं पढ़ा। इस तरह नहीं करना चाहिए। आपको अनुशासन में रहकर अपने टाइम टेबल के हिसाब से पढ़ाई करनी चाहिए। जो भी निगेटिव चीजें आए तो उसे पॉजिटिव में कनवर्ट करने की कोशिश करो। जैसे की मेरे पास यह नहीं है। एक्सक्यूज करने की बजाए अपना काम शुरू कर दो। एक दिन ऐसा होगा कि सब कुछ तुम्हारे पास भी होगा।
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