Career in Sign Language: साइन लैंग्वेज इंटरप्रेटर बन लाएं जीवन में 'रोशनी', जानें कोर्स, एलिजिबिलिटी और स्कोप

हर साल 23 सितंबर को इंटरनेशन साइन लैंग्वेजेज डे मनाया जाता है। साइन लैंग्वेज इंटरप्रेटर बन करियर को ऊंचाईयों पर पहुंचाने के साथ समाज में बोलने और सुनने में असमर्थ लोगों की मदद कर सकते हैं। भारत से लेकर विदेश तक प्रोफशनल्स की डिमांड है। 

करियर डेस्क : हर साल 23 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस मनाया जाता है। इसे इंग्लिश में इंटरनेशनल डे ऑफ साइन लैंग्वेजेस(International Day of Sign Languages 2022) कहते हैं। इस दिन दुनियाभर के ऐसे लोग जो बोलने और सुनने में असमर्थ हैं, उनके जीवन में साइन लैंग्वेज के योगदान और महत्व को दिखाया जाता है। अक्षम लोगों को अपनी बात कहने और समझने के लिए हाथों और उंगलियों की अलग-अलग मुद्राओं के संकेतों का इस्तेमाल किया जाता है। वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ द डीफ (WFD) की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में 7 करोड़ से ज्यादा लोग ऐसे हैं, जिन्हें इस भाषा की जरूरत है। 300 से ज्यादा सांकेतिक भाषाएं विश्वभर में इस्तेमाल में लाई जाती हैं। इस फील्ड में करियर (Career in Sign Language) की भी ढेर सारी अपॉर्च्युनिटी है।

साइन लैंग्वेज में करियर
दुनिया में कई लोग ऐसे हैं, जो जन्म से ही न सुन पाते हैं और ना ही बोल पाते हैं और कुछ ऐसे हैं, जो किसी एक्सीडेंट की वजह से अपनी ये शक्ति खो देते हैं। ऐसे में तीसरे शख्स से कम्युनिकेट करने के लिए उन्हें किसी के मदद की जरूरत पड़ती है। जो सांकेतिक भाषा (Sign Language) में उनकी बता को समझा सके। इसी शख्स को इंटरप्रेटर (Interpreter Jobs) कहा जाता है। एक इंटरप्रेटर बन आप अक्षम लोगों के जीवन में उम्मीद की रोशनी जगा सकते हैं और करियर को आगे ले जा सकते हैं। 

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साइन लैंग्वेज को समझिए
बोल या सुन न पाने वाले लोगों की भावनाएं, आइडियाज और शब्दों के इशारों को समझने के लिए प्रोफेशनल की जरूरत पड़ती है। कई संस्थान साइन लैंग्वेज कोर्स (Sign Language Course) करवाते हैं। अगर आप भी साइन लैंग्वेज एक्सपर्ट बनना चाहते हैं तो इससे संबंधित कोर्स कर अपना करियर बना सकते हैं। 

साइन लैंग्वेज में कोर्स
भारत में कई ऐसे संस्थान हैं, जहां से आप साइन लैंग्वेज कोर्स कर सकते हैं। फॉरेन में भी इस कोर्स को करने के बाद ढेर सारे अवसर आते हैं। साइन लैंग्वेज इंटरप्रेटर बनने के लिए आप डिप्लोमा, सर्टिफिकेट और ग्रेजुएशन लेवल पर कोर्स कर सकते हैं। कई स्कूल और कॉलेजों में ऐसे बच्चों को साथ सामान्य बच्चे भी साइन लैंग्रवैज सीख रहे हैं। आप इन कोर्स को कर ऐसे स्कूल में पढ़ा सकते हैं। अपना खुद का स्कूल खोल सकते हैं और विदेश में भी जॉब कर सकते हैं।

यहां से कर सकते हैं कोर्स
डियन साइन लैंग्वेज रिसर्च एंड ट्रेनिंग सेंटर (ISLRTC), नई दिल्ली
रिहैबिलिटेशन काउंसिल ऑफ़ इंडिया (RCI), नई दिल्ली
रामकृष्ण मिशन विवेकानंद विश्वविद्यालय, पश्चिम बंगाल

करियर स्कोप
एजुकेशन फील्ड
सरकारी क्षेत्र
मीडिया हाउस
परफॉर्मिंग आर्ट
मेंटल हेल्थ
मेडिकल फील्ड 

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