21 फरवरी को मनाया जाता है 'अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस', बहुभाषावाद को बढ़ावा देने रखी गई ये थीम

दुनिया संस्कृतियों से भरी है। इसी कल्चरल डाइवर्सिटी को प्रोमोट करने के लिए 21 फरवरी एक खास दिन है जो मातृभाषा की हिमायत करता है। यूनिस्को के द्वारा 20 साल से भी अधिक समय से अंतर्राष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस मनाया जा रहा है।

Asianet News Hindi | Published : Feb 21, 2021 8:29 AM IST / Updated: Feb 22 2021, 04:02 PM IST

करियर डेस्क.  International Mother Language Day 2021: दुनियाभर में 21 फरवरी को "अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस" मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य दुनिया भर में अपनी भाषा-संस्कृति (Language culture) के प्रति लोगों में रुझान पैदा करना और जागरुकता फैलाना है। वर्ष 1999 में मातृभाषा दिवस मनाने की घोषणा यूनेस्को (UNESCO) द्वारा की गई थी। वर्ष 2000 में पहली बार इस दिन को "अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस" के रूप में मनाया गया था।

क्या आप इस दिन के बारे में कुछ जानते हैं? क्या आपने जानते हैं अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस क्यों मनाया जाता है ? या दुनिया में कितनी भाषाएं बोली जाती है?

आइए जानते हैं अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस क्यों खास होता है ?

दुनिया संस्कृतियों से भरी है। इसी कल्चरल डाइवर्सिटी को प्रोमोट करने के लिए 21 फरवरी एक खास दिन है जो मातृभाषा की हिमायत करता है। यूनिस्को के द्वारा 20 साल से भी अधिक समय से अंतर्राष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस मनाया जा रहा है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य दुनिया में मौजूद अलग-अलग भाषाओं को बढ़ावा देना है।

"अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस" के लिए यूनेस्को द्वारा हर साल एक थीम (विषय) निर्धारित की जाती है। इस दिन दुनिया भर में भाषा और संस्कृति से जुड़े अलग-अलग तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। ज्यादातर कार्यक्रम निर्धारित की गयी थीम पर ही आधारित होते हैं। इस साल 2021 में इसकी थीम रखी गई है, “Fostering multilingualism for inclusion in education and society” यानि "शिक्षा और समाज में समावेश के लिए बहुभाषावाद को बढ़ावा देना।"

 

 

जाने इस दिन का इतिहास

वर्ष 1952 में ढाका यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा अपनी मातृभाषा का अस्तित्व बनाए रखने के लिए 21 फरवरी को एक आंदोलन किया गया था। इसमें शहीद हुए युवाओं की स्मृति में ही यूनेस्को ने पहली बार वर्ष 1999 में 21 फरवरी को मातृभाषा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। इस दिवस को पहली बार वर्ष 2000 में "अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस" के रूप में मनाया गया था।

ये है इस दिन को मनाने का उद्देश्य

मदर लैंग्वेज की मदद से ना सिर्फ रीजनल लैंग्वेज के बारे में जानने-समझने में सहूलियत मिलती है बल्कि एक दूसरे से बातचीत करना भी आसान बन जाता है। मानव जीवन में भाषा की अहम भूमिका है एकदूसरे से बातचीत करने और विचार साझा करने में भाषा ही अहम मीडियम है। भाषा के ज़रिये ही देश और विदेशों के साथ संवाद स्थापित किया जा सकता है।  इसके महत्त्व को समझाने ही "अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस" मनाया जाता है। इस दिन को मनाये जाने का उद्देश्य विश्व भर में भाषायी और सांस्कृतिक विविधता एवं बहुभाषिता का प्रसार करना और दुनिया में विभिन्न मातृभाषाओं के प्रति जागरुकता लाना है। लुप्त होतीं मातृभाषाओं को सम्मान देना भी इस दिवस का उद्देश्य है।

विश्व भर में बोली जाती हैं इतनी भाषाएं

दुनिया में करीब 7 हजार भाषाएं बोली जाती हैं। इनमें अंग्रेजी, जैपनीज़, स्पैनिश,  हिंदी, बांग्ला, रूसी, पंजाबी, पुर्तगाली, अरबी भाषा शामिल हैं।  संयुक्त राष्ट्र के अनुसार लगभग 6900 प्रमुख भाषाएं हैं जो विश्व भर में बोली जाती हैं। इनमें से 90 प्रतिशत भाषाएं बोलने वाले लोग एक लाख से भी कम हैं। भारत की बात करें तो 1961 की जनगणना के अनुसार, भारत में 1652 भाषाएं बोली जाती हैं।

बहुभाषावाद को बढ़ावा देना कई देशों ने मिलाया हाथ

भाषा की विविधता को बढ़ाने कई देश मिलकर काम कर रहे हैं। इसके तहत अब एक क्षेत्र का व्यक्ति, दूसरे क्षेत्र के व्यक्ति की मातृ भाषा को ना सिर्फ जान पाएगा बल्कि सीख भी सकेगा। बता दें कि भारत सहित कई बड़े देशों में भाषा को सरल और सुगम बनाने के लिए कई तरह की योजनाएं भी तैयार की जा रही है। वहीं, विश्वविद्यालयों में भी भाषा को लेकर नए कोर्सेज तैयार किए जा रहे हैं, ताकि छात्रों को विभिन्न भाषाओं की जानकारी मिल सके।

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