इंटरनेशनल माउंटन डे के लिए पहली बार 1992 में संयुक्त राष्ट्र की ओर से एक प्रस्ताव सामने आया था। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2002 को संयुक्त राष्ट्र इंटरनेशनल माउंटन डे घोषित किया।
करियर डेस्क. 11 दिसंबर को हर साल इंटरनेशनल माउंटन डे (International Mountain Day ) के रूप में मनाया जाता है। इंटरनेशनल माउंटन डे बनाने की पीछे वजह पर्वतों का संरक्षण (environments),जलवायु परिवर्तन, इनके विकास और संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक (International Mountain Day creates awareness) करना है। वनों के नष्ट होने, पहाड़ों को लगातार काटे जाने जैसी चीजों पर लोगों का ध्यान आकर्षित किया जाता है जिससे कि लोग पर्वतों के प्रति अपने दायित्वों को समझ सकें।
दुनिया में पर्वतों का महत्व बहुत ही जरुरी है। बहुत जरूरी है कि पर्वतीय क्षेत्रों का ध्यान रखा जाए इसलिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2002 को संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय पर्वत वर्ष का एलान किया गया और 2003 के 11 दिसंबर से इंटरनेशनल माउंटेन डे मनाने का संकल्प लिया गया। हर वर्ष विश्व के कई सारे लोग पर्वतों के संरक्षण के लिए आगे आते हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा पर्वतों के लिए एक विषय को भी तय किया जाता है, जिस पर विभिन्न देश कार्य करते हैं। इंटरनेशनल माउंटन डे के लिए पहली बार 1992 में संयुक्त राष्ट्र की ओर से एक प्रस्ताव सामने आया था। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2002 को संयुक्त राष्ट्र इंटरनेशनल माउंटन डे घोषित किया।
क्या है इस साल की थीम
इंटरनेशनल माउंटन डे की हर साल थीम अलग-अलग होती है। इस बार थीम 'सस्टेनेबल माउंटेन टूरिज्म' है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, पर्वतीय पर्यटन वैश्विक पर्यटन का लगभग 15-20 प्रतिशत आकर्षित करता है। पहाड़ों में सतत पर्यटन को अतिरिक्त और वैकल्पिक आजीविका विकल्प बनाने और परिदृश्य और जैव विविधता संरक्षण के अलावा गरीबी उन्मूलन, सामाजिक समावेशन को बढ़ावा देने में योगदान के रूप में देखा जा सकता है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा "यह प्राकृतिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को संरक्षित करने, स्थानीय शिल्प और उच्च मूल्य वाले उत्पादों को बढ़ावा देने और स्थानीय त्योहारों जैसे कई पारंपरिक प्रथाओं का जश्न मनाने का एक तरीका है।"
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