Plagiarism यानी साहित्यिक चोरी: 4 स्टेप में जानिए किसी के लिए ये कितना खतरनाक हो सकता है, दर्ज होगा फ्रॉड केस 

प्लेगारिज्म यानी साहित्यिक चोरी को एकेडेमिक कम्युनिटी में न केवल ऐसा गंभीर मुद्दा माना जाता है, जो धोखाधड़ी यानी फ्राॅड केस के बराबर है बल्कि, इसके गंभीर कानूनी परिणाम भी हो सकते हैं। इससे बचने के लिए कुछ जरूरी टिप्स दिए गए हैं, जिन्हें फॉलो करना समझदारी होगी। 

Ashutosh Pathak | Published : Dec 27, 2022 10:30 AM IST

करियर डेस्क। लेखन यानी राइटिंग जब से शुरू हुई है, लेखक यानी राइटर दूसरे राइटर की नकल करते रहे हैं। ब्रिटिश शोधकर्ता एरोनसन जेके ने यह बात अपने रिसर्च पेपर जिसका टाइटल है- प्लीज नकल न करें, में कही है। एन्साइक्लोपीडिया ब्रिटानिका ने प्लागेरिज्म यानी साहित्यिक चोरी को परिभाषित करते हुए लिखा है, किसी अन्य व्यक्ति के लेखन को चुराने और उन्हें अपना खुद का बताने वाले साहित्य। 

बड़ी मात्रा में ऑनलाइन कंटेंट तक पहुंच की वजह से बीते कुछ साल में किसी और के काम को अपना दावा करना न सिर्फ बहुत आसान हो गया है बल्कि, अनियंत्रित भी हो गया है। खास तौर से एकेडेमिक कम्युनिटी में सहित्यिक चोरी यानी प्लागेरिज्म को न केवल ऐसा गंभीर मुद्दा माना जाता है, जो धोखाधड़ी के बराबर है बल्कि, इसके गंभीर कानूनी परिणाम भी हो सकते हैं। हालांकि, साहित्यिक चोरी अनजाने में या जानबूझकर की गई हो सकती है। हालांकि, अगर शख्स साहित्यिक चोरी करते हुए पकड़ा जाता है, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। कई बार अंक खोने से लेकर यह कोर्स से बाहर किए जाने तक की सजा भुगतनी पड़ सकती है। टीचर्स और ट्रेनर्स शुरुआती कुछ साल में स्टूडेंट्स को ट्रेंड या गाइड करते थे, ऐसे में वे साहित्यिक चोरी यानी प्लेगारिज्म में नहीं फंसते थे। यहां हम आपको कुछ ऐसे आसान स्टेप्स की जानकारी दे रहे जो अचानक या अनजाने में हुए प्लेगारिज्म तथा इससे होने वाली संभावित बदनामी से बचा सकती है। 

Latest Videos

1. सोचिए और रिसर्च किजिए  
बेहतर तो ये होगा कि लिखना शुरू करने से पहले अपने आइडिया और थॉट्स को कहीं एक जगह प्वाइंटर्स में लिख लें। इसके बाद इनके छोटे-छोटे टुकड़े में बॉक्स बनाएं, जो आपके अपने शब्दों में तैयार किए गए हों। यही नहीं, उस सब्जेक्ट की थीम पर रिसर्च करना और कंटेंट को एक्सप्लोर करना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। यह कंटेंट स्ट्रक्चर तैयार करने में मददगार साबित होता है। इससे मूल विचार को लिखना आसान हो जाता है और किसी अन्य के मैटर को कॉपी करने का खतरा और जरूरत दोनों खत्म हो जाती है।  

2. कोर्स को पूरी तरह समझें और जानें  
अक्सर, कंटेंट को जस्टिफाई करने या उसे ज्यादा रिच बनाने में थर्ड पार्टी डाटा की जरूरत होती है। हालांकि, जब तक स्रोत को स्पष्ट रूप से स्वीकार किया जाता है, तब तक ऐसा करना ठीक है। बस, कंटेंट को कई स्रोत से उठाना, चाहे वह प्रिंट हो या डिजिटल और उसे अपना बताना अच्छी बात नहीं है। हां, जिस थीम पर कोर्स है, उसे खुद पूरी तरह समझें और सब्जेक्ट पर समझ बढ़ाते हुए कंटेंट को एक्सप्लोर करें। 

3. प्रूफरीड और रिव्यू करें  
लिखने के बाद फाइनल स्टेप लेने से पहले अपने राइटिंग को प्रूफरीड करें, मगर केवल टाइपो और स्पेलिंग्स को लेकर नहीं बल्कि, वेब लिंक्स, एट्रिब्यूशन और दूसरी अन्य जरूरी फैक्ट्स। यह जरूर देख लें कि आप ज्यादा से ज्यादा चीजों का लिंक दे सकते हैं, जिससे रिव्यू करने वाला पूरे कंटेंट को आसानी से प्रूफ कर सके। सबमिट करने से पहले अपने सहयोगियों से अपने कंटेंट का रिव्यू करवाना भी एक अच्छा तरीका हो सकता है। अक्सर, कई बार ऐसी पहल या नए व्यक्ति का कंटेंट पढ़ने से इसमें अंतर आ ही जाता है और यह बेहतर कदम साबित हो सकता है। 

4. प्लेगारिज्म टूल्स अपने पास रखें 
अपने कंटेंट को फाइनल सबमिट करने से पहले प्लेगारिज्म टूल्स के जरिए चेक कर लेना सबसे अच्छा तरीका हो सकता है। ऐसे टूल्स न केवल आपकी मदद कर सकते हैं बल्कि, आपको अनजाने में होने वाली गलतियों से भी बचाते हैं। एक बार जब आप प्लेगारिज्म टूल्स चलाते हैं, तो यह आपके असाइमेंट्स की तुलना पहले से प्रकाशित हो चुके दूसरे काम से भी करता है और किसी भी तरह की समानता या नकल की डिटेल दे देता है, जिसे आप ठीक कर सकते हैं। वैसे तो यह मुश्किल है, मगर प्लेगारिज्म को खत्म करना है तो स्टूडेंट्स को शुरुआत में इसके खतरे और नुकसान से रूबरू कराना होगा। टीचर्स स्टूडेंट्स की हर उत्सुकता का समाधान करें और इसके बिना किसी डर के लीक से हटकर आइडियाज बनाने को प्रेरित करें। कोर्स की किताबों में जो कंटेंट हैं, उन्हें स्टूडेंट को प्रोत्साहित करके नॉन टेक्सट बुक रिएक्शन के उदाहरण के तौर पर समझाना और बताना चाहिए। अंत में एकेडेमिक इंटीग्रिटी यानी शैक्षणिक अखंडता के कांसेप्ट को हर इंस्टीट्यूशन में कोर्स के पहले ही छात्रों से रूबरू करा दिया जाए। खासकर हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशन में यह बेहद जरूरी होगा और मददगार भी साबित होगा। 

खबरें और भी हैं..

न रहें न निराश करें मन को.. इन 5 शख्सियतों की लाइफ में फुल डेडिकेशन स्टोरी एक बार जरूर पढ़ लें  

देश के Top-10 ऐसे CEO जिन्होंने खुद को बना लिया ब्रांड.. आपको भी जानना चाहिए उनकी सैलरी और कंपनी की डिटेल 

Share this article
click me!

Latest Videos

कौन थी महालक्ष्मीः हेमंत से शादी-अशरफ से दोस्ती, नतीजा- बॉडी के 40 टुकड़े । Bengaluru Mahalakshmi
आखिर क्यों 32 दिन में दोबारा जेलेंस्की से मिले PM Modi, सामने आया बड़ा प्लान
गैस से क्रेडिट कार्ड तक...1 अक्टूबर से बदल जाएंगे 5 नियम । 1 October New Rule
कौन है संजय शिदें? बदलापुर कांड के आरोपी को दी मौत, दाऊद के भाई को किया था अरेस्ट । Badlapur
सिर्फ एक क्लिक आपको पहुंचा सकता है जेल, आपके फोन में भी तो नहीं हैं ऐसे वीडियो । Child Pornography