वर्ल्ड बेस्ट स्कूल प्राइज फाइनल में भारत का एक स्कूल, पुणे के सुदूर गांव के इस स्कूल की खासियत हैरान कर देगी

भारत के पुणे के सुदूर गांव के स्कूल का चयन होने की जानकारी देते हुए टी4 एजुकेशन एंड द वर्ल्ड्स बेस्ट स्कूल प्राइज के संस्थापक विकास पोटा ने कहा कि हर जगह शिक्षक इस उत्कृष्ट भारतीय स्कूल के उदाहरण से प्रेरित होंगे। इस स्कूल को पुरस्कार मिलने के बाद तमाम स्कूलों के लिए यह आदर्श होगा। कई जगह व्यवस्थाएं ऐसे स्कूलों से प्रेरित होकर बदलेंगी। सरकारें भी ऐसे स्कूलों पर विचार करेंगी।

World's Best School Prizes: पूरे देश में दिल्ली मॉडल के स्कूलों की चर्चा है लेकिन वैश्विक स्तर पर महाराष्ट्र के एक गांव का स्कूल बेहतर शिक्षा और अपनी सामाजिक जागरूकता के लिए दुनिया के टॉप स्कूलों में जगह बना लिया है। यूके में चल रही विश्व के सर्वश्रेष्ठ स्कूल प्रतियोगिता में तीन फाइनलिस्टों में पुणे के एक गांव का स्कूल लिस्टेड हुआ है। कमजोर आय वर्ग वालों के लिए चलाया जा रहा यह स्कूल अपनी सामाजिक सहभागिता में भी सबसे आगे है।

क्या है स्कूल की खासियत?

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महाराण के पुणे क्षेत्र में एक गांव है बोपखेल। इस गांव में पीसीएमसी इंग्लिश मीडिया स्कूल को विश्व शिक्षा सप्ताह के अंतर्गत यूके में चल रही विश्व स्कूल पुरस्कार के तीन फाइनलिस्ट्स में चयन किया गया है। पुणे के सुदूर गांव का यह स्कूल पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप का भी अनोखा नमूना है। यह स्कूल आकांक्षा फाउंडेशन व स्थानीय सरकार के पार्टनरशिप में चलता है। इस स्कूल में पढ़ने वाले अधिकतर छात्र निम्न आय वर्ग वाले हैं।

सामाजिक सरोकारों में भी है बड़ी भूमिका

पीसीएमसी इंग्लिश मीडियम स्कूल बोपखेल, लोकल डॉक्टर्स, ग्रॉसर्स व धर्म गुरुओं के साथ मिलकर ऐसी योजनाओं और कार्यक्रमों को भी आगे बढ़ाता है जिससे स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता की वित्तीय आवश्यकताओं की भी पूर्ति हो सके। यह स्कूल फ्री मेडिकल हेल्थ कैंप्स अपने क्षेत्र में लगवाने का काम करता है साथ ही आसपास के इलाकों में हर प्रकार की मदद के लिए भी तमाम वालंटियर प्रोग्राम्स को चलाता है।

मास्टर शेफ प्रोग्राम बच्चों के लिए...

इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को सही डाइट मिल सके और वह हेल्थ कांसियस बनें इसके लिए मास्टर शेफ प्रोग्राम के तहत एक क्लास चलाया जाता है जिसमें इन बच्चों और उनके परिवारों को बैलेंस्ड डाइट के बारे में पता हो। वह बैलेंस्ड डाइट लेने की कोशिश करें। इस क्लास में बच्चों को रोज एक फल खाने की आदत डाली जाती है। धीरे-धीरे बच्चों की बढ़िया हैबिट का पालन उनका परिवार भी करने लगता है। ऐसे में बच्चों के माध्यम से पूरे परिवार को बैलेंस्ड डाइट, हेल्दी फूड लेने की आदत विकसित करने में भी सहयोग कर अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभा रहा है।

इन संस्थाओं के सहयोग से मिलता है विश्व स्कूल पुरस्कार

विश्व स्कूल पुरस्कार एक्सेंचर, अमेरिकन एक्सप्रेस, यायासन हसनाह, टेम्पलटन वर्ल्ड चैरिटी फाउंडेशन, लेमन फाउंडेशन, डी2एल, मेल्बी ग्रड और यूनिवर्सिडैड कैमिलो जोस सेला के सहयोग से स्थापित किया गया है। इन पुरस्कारों का उद्देश्य सर्वोत्तम स्कूल प्रथाओं को दुनिया के अन्य स्कूलों से साझा करना है जो जीवन को बदल रहे हैं। ऐसे स्कूलों को प्रोत्साहित करना है जो सर्वश्रेष्ठ देकर अपने छात्रों और सामाजिक जीवन में परिवर्तन ला रहे हैं।

किन श्रेणियों में मिलता है यह वर्ल्ड प्राइज

विश्व के सर्वश्रेष्ठ स्कूल पुरस्कार को पांच श्रेणियों में दिया जाता है। इन श्रेणियों में सामुदायिक सहयोग, एनवायरनमेंटल एक्शन, इनोवेशन, प्रतिकूल परिस्थितियों में सर्वाइव करना, स्वस्थ जीवन के लिए किए गए योगदान। स्कूलों को पुरस्कार के लिए चयन आई हुई प्रविष्टियों में से ग्लोबल जजिंग अकादमी द्वारा की जाती है। ये कमेटी हजारों इंट्रीज में टॉप वर्ल्ड स्कूल का चयन करती है। भारत के पुणे के सुदूर गांव के स्कूल का चयन होने की जानकारी देते हुए टी4 एजुकेशन एंड द वर्ल्ड्स बेस्ट स्कूल प्राइज के संस्थापक विकास पोटा ने कहा कि हर जगह शिक्षक इस उत्कृष्ट भारतीय स्कूल के उदाहरण से प्रेरित होंगे। इस स्कूल को पुरस्कार मिलने के बाद तमाम स्कूलों के लिए यह आदर्श होगा। कई जगह व्यवस्थाएं ऐसे स्कूलों से प्रेरित होकर बदलेंगी। सरकारें भी ऐसे स्कूलों पर विचार करेंगी।

पुरस्कार का कुछ हिस्सा फाउंडेशन को देगा स्कूल मैनेजमेंट

पीसीएमसी इंग्लिश मीडियम स्कूल बोपखेल के विश्व सर्वश्रेष्ठ स्कूल पुरस्कार जीतने के बाद स्कूल प्रबंधन ने आकांक्षा फाउंडेशन को पुरस्कार की कुछ राशि दान करेगा। स्कूल प्रबंधन ने बताया कि फाउंडेशन उनके स्कूल का सहयोग करने के अलावा अन्य कई स्कूलों का संचालन करता है। दान की गई धनराशि का एक हिस्सा, फाउंडेशन के दूसरे स्कूलों की बेहतरी के लिए खर्च किया जाएगा।

कितनी है पुरस्कार अमाउंट?

वर्ल्ड बेस्ट स्कूल प्राइज के लिए 250000 अमेरिकी डॉलर है। यह पुरस्कार पांच अलग-अलग कैटेगरी वाले बेस्ट स्कूलों में बांटा जाएगा। यानी प्रत्येक स्कूल के हिस्से 50 हजार अमेरिकी डॉलर होगा।

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