30 जनवरी और 23 मार्च को मनाया जाता है Shaheed Diwas, जानें दोनों के बीच क्या है अंतर

महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था। उनके पिता करमचंद गांधी ब्रिटिश राज के समय काठियावाड़ की छोटी सी रियासत (पोरबंदर) के दीवान थे।

करियर डेस्क. भारत में 30 जनवरी को शहीद दिवस (Shaheed Diwas ) के रूप में मनाया जाता है। 30 जनवरी 1948 को बिड़ला हाउस में शाम की प्रार्थना के दौरान नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की हत्या कर दी थी। तब से इस दिन को शहीद दिवस (Mahatma Gandhi 74th death anniversary) के तौर पर याद किया जाता है। वह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेता थे। उनका पूरा नाम मोहनदास करम चंद गांधी था। महात्मा गांधी राजनीतिक के साथ-साथ आध्यात्मिक नेता थे और उन्हें प्यार से बापू के नाम से पुकारा जाता था। इसके साथ ही 23 मार्च को भी शहीद दिवस के तौर पर मनाया जाता है। आइए जानते हैं दोनों शहीद दिवस में क्या अंतर है।

महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था। उनके पिता करमचंद गांधी ब्रिटिश राज के समय काठियावाड़ की छोटी सी रियासत (पोरबंदर) के दीवान थे। उनकी माता पुतलीबाई परनामी वैश्य समुदाय की थीं। महात्मा गांधी की स्कूली शिक्षा अल्फ्रेड हाई स्कूल राजकोट से हुई। इसके बाद वह 4 सितंबर 1888 को गांधी यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में कानून की पढ़ाई करने और बैरिस्टर बनने के लिए इंग्लैंड चले गए। 

Latest Videos

बापू की पुण्यतिथि को देश शहीद दिवस के तौर पर मनाते हुए महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करता है। इस मौके पर दिल्ली के राजघाट स्थित गांधी जी की समाधि पर भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री पहुंचते हैं और स्वतंत्रता संग्राम में गांधी जी के योगदान को याद कर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं। देश के सशस्त्र बलों के शहीदों को सलामी दी जाती है। पूरे देश में बापू की याद और शहीदों की याद में दो मिनट का मौन रखा जाता है।

23 मार्च के शहीद दिवस से अंतर
भारत में 30 जनवरी के अलावा 23 मार्च को भी शहीद दिवस के तौर पर मनाया जाता है। कई लोग दो अलग अलग तारीख पर शहीद दिवस मनाने को लेकर कंफ्यूज रहते हैं। लेकिन दोनों शहीद दिवस में अंतर है। 30 जनवरी को महात्मा गांधी की हत्या हुई थी, तो वहीं 23 मार्च 1931 को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गई थी। इसलिए 23 मार्च को अमर शहीदों की याद में अमर शहीद दिवस मनाया जाता है।

दक्षिण अफ्रीका में किया आंदोलन
महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के प्रति नस्लीय भेदभाव के विरोध में आंदोलन किया था। इसके बाद भारत आकर उन्होंने 1917 में बिहार में चंपारण सत्याग्रह किया। इसके बाद गुजरात के खेड़ा गांव में उन्होंने किसानों के पक्ष में खेड़ा आंदोलन किया। फिर 1919 में अंग्रेजों के लाए गए रॉलेट एक्ट का विरोध किया। इसके बाद 1920 में असहयोग आंदोलन किया। 1930 में नमक सत्याग्रह। 1942 में अंग्रेजों के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन किया।

इसे भी पढ़ें- UPSC ने जारी किया IFS Mains 2021 का एग्जाम शेड्यूल, इन शहरों में बनाए गए हैं एग्जाम सेंटर

क्या है RRB NTPC भर्ती विवाद: छात्र क्यों कर रहे विरोध, जानें इस एग्जाम से जुड़े सारे सवालों के जवाब

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

महाकुंभ 2025: प्रभु राम ने यहां किया था विश्राम, जानें गदा माधव मंदिर का धार्मिक महत्व
UP पुलिस का ये कैसा रवैया, मौत के गम में तड़प रहे परिजनों को खाकी ने और रुलाया
ट्रेनों के संचालन से मेडिकल ऑब्जरवेशन रूम तक, महाकुंभ 2025 को लेकर रेलवे की खास तैयारी
VIDEO: पहली बार देखें साधुओं का भयानक डांस, महाकुंभ 2025 में बाबाओं की जोरदार एंट्री
महाकुंभ 2025: खूबसूरत पेड़ भी करेंगे श्रद्धालुओं का वेलकम #Shorts #mahakumbh2025