NEET Exam में चेकिंग के दौरान बजा अलार्म, रोती-गिड़गिड़ाती छात्राओं से जबरन उतरवा लिए अंडरगारमेंट्स, अब FIR

एक छात्रा के पिता ने बताया कि स्टाफ ने छात्राओं को जबरन अंडरवियर उतारने को कहा था। बच्चे बहुत असहज थे। उनमें से कई रो रहे थे। अगर ऐसा है, तो वे फ्रिस्किंग यानी टटोलकर अंडरगारमेंट्स की जांच कर सकते थे। लेकिन उन्हें हटाया क्यों? नीट बुलेटिन में ऐसा कोई नियम नहीं हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jul 19, 2022 5:51 AM IST / Updated: Jul 19 2022, 11:44 AM IST

करियर डेस्क : केरल (Kerala) के कोल्लम (Kollam) में नीट परीक्षा (NEET UG Exam 2022) के दौरान छात्राओं के इनरवियर उतरवाने का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है। विरोध होता देख केरल पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है। मामले की जांच भी शुरू हो गई है। बता दें कि रविवार को अयूर के एक निजी शिक्षण संस्थान में नीट परीक्षा का केंद्र बनाया गया था। जब छात्राएं पेपर देने पहुंची तो चैकिंग के दौरान ब्रा में लगे हुक की वजह से मेटल डिटेक्टर की बीप बज रही थी, जिसके बाद उनके अंडरगारमेंट्स उतरवा लिए गए। जब छात्राओं ने इसका विरोध किया तो मामले ने तूल पकड़ लिया।

छात्रा के बयान पर FIR
पुलिस ने एक छात्रा के बयान पर एक्शन लिया है। महिला अधिकारियों की एक टीम ने छात्रा से बातचीत की और फिर केस दर्ज किया। पुलिस की तरफ से बताया गया है कि मामले में जांच शुरू की गई है। कथित तौर पर ऐसा करने में जो भी लोग शामिल हैं, उन्हें जल्द ही अरेस्ट कर लिया जाएगा। पुलिस ने बताया कि आईपीसी की धारा 354 और 509 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

इस घटना को लेकर आक्रोश
इधर, नीट जैसे देश की सबसे बड़ी प्रवेश परीक्षा में हुई इस अपमानजनक घटना की कई युवा संगठनों ने कड़े शब्दों में निंदा की है और दोषियों पर जल्द से जल्द एक्शन की मांग ही है। कई संगठनों ने इस घटना के विरोध में प्रदर्शन भी किया। दूसरी तरफ केरल राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी इस मामले को संज्ञान में लिया है और जांच के आदेश दिए हैं। आयोग ने कोल्लम ग्रामीण पुलिस अधीक्षक को 15 दिनों के अंदर रिपोर्ट देने को कहा है।

केरल उच्च शिक्षा मंत्री की प्रतिक्रिया
वहीं, केरल की उच्च शिक्षा मंत्री आर. बिंदु ने इस मामले में सोमवार को बोलते हुए कहा कि यह परीक्षा किसी सरकारी एजेंसी ने नहीं कराई है। जो भी हुआ है वो बड़ी चूक है। ऐसी घटना किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हम एग्जाम सेंटर और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी से (NTA) से शिकायत करेंगे।

क्या है पूरा मामला
दरअसल, रविवार को परीक्षा देने पहुंची छात्राओं की चेकिंग के दौरान ब्रा में लगे हुक की वजह से मेटल डिटेक्टर की बीप बज रही थी, जिसके बाद उनके अंडरगारमेंट्स उतरवा लिए गए। जिससे छात्राओं को शर्मिंदगी भी झेलनी पड़ी। छात्राओं का कहना है कि जब उन्होंने ब्रा निकालने से मना किया, तो महिला कर्मचारी ने एग्जाम में नहीं बैठने देने को कहा। बताया जा रहा है कि लड़कियों से जींस तक उतारने को कहा गया। छात्राओं ने बताया कि जब वे पेपर देकर बाहर निकलीं, तो उन्होंने देखा कि सबके अंडरगारमेंट्स एक ही बॉक्स में रखे हुए थे। इससे उन्हें काफी अपमानित महसूस होना पड़ा। शिकायत करने वाली छात्रा के पिता ने बताया कि उनकी बेटी अब भी उसी सदमें में है। उन्हें परीक्षा में तीन घंटे से ज्यादा समय बिना अंडरगारमेंट्स के बैठना पड़ा। उनकी बेटी ने नीट बुलेटिन के अनुसार ही कपड़े पहने थे। बावजूद इसके बदसलूकी की गई है।

कॉलेज ने दी सफाई
यह पूरा मामला मार्थोमा इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी का है। इस घटना से कॉलेज मैनेजमेंट ने इनकार किया है। कॉलेज मैनेजमेंट ने सफाई देते हुए कहा है कि उनका कोई भी कर्मचारी तलाशी प्रक्रिया में शामिल नहीं था। बायोमेट्रिक अटेंडेंस नो करने और फ्रिस्किंग के लिए दो एजेंसियों को काम सौंपा गया था। हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि इस पर क्या नियम हैं। एजेंसी का स्टाफ ही इन सबकी जांच करता है। कुछ मामलों में जब बच्चे हमारे पास रोते हुए आए, शॉल पहनने की अनुमति मांगते हुए, हमने हस्तक्षेप किया और उन्हें ऐसा करने की अनुमति दी।

क्या है एग्जाम का नियम
बता दें कि परीक्षा नियम के अनुसार, अगर कोई स्टूडेंट पेपर देने जा रहा है तो एग्जाम हॉल में किसी तरह का धातु का सामान नहीं पहन सकता। इसका उद्देश्य है परीक्षा में नकल को रोकना। नीट की एडवाइजरी में बेल्ट पहनकर न जाने का जिक्र तो है लेकिन अंडरगारमेंट्स जैसी चीजों का जिक्र नहीं है। जिससे इस मामले ने तूल पकड़ लिया है।

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