प्राइवेट स्कूलों ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका, गरीब छात्रों का बकाया भुगतान करे दिल्ली सरकार

बच्चों को नि:शुल्क एवं आवश्यक शिक्षा कानून, 2009 अधिकार के तहत दिल्ली सरकार का शिक्षा निदेशालय (डीओई) आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) और वंचित समूहों (डीजी) को गैर वित्तीय सहायता प्राप्त निजी स्कूलों में नि:शुल्क शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनका खर्च उठाता है।

Asianet News Hindi | Published : Oct 4, 2020 7:30 AM IST

करियर डेस्क.  कई निजी स्कूलों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक ट्रस्ट ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर दिल्ली सरकार को निर्देश देने का अनुरोध किया है कि आर्थिक रूप से कमजोर तबके और वंचित समूहों (economically weaker sections (EWS) and disadvantaged groups (DG) के छात्रों को शिक्षा देने के लिए बकाया राशि का भुगतान करे।

नि:शुल्क एवं आवश्यक शिक्षा कानून, 2009

बच्चों को नि:शुल्क एवं आवश्यक शिक्षा कानून, 2009 अधिकार के तहत दिल्ली सरकार का शिक्षा निदेशालय (डीओई) आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) और वंचित समूहों (डीजी) को गैर वित्तीय सहायता प्राप्त निजी स्कूलों में नि:शुल्क शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनका खर्च उठाता है।

आगामी दिनों में इस पर सुनवाई

दिल्ली स्थित प्राइवेट लैंड पब्लिक स्कूल ट्रस्ट ने वकील ए. पी. सिंह के माध्यम से उच्चतम न्यायालय में बृहस्पतिवार को याचिका दायर की और आगामी दिनों में इस पर सुनवाई हो सकती है।

ईब्ल्यूएस और डीजी श्रेणी के छात्रों की सभी बकाया राशि जारी करे
याचिका में कहा गया है, प्रतिवादी संख्या दो और तीन (क्रमश: डीओई और दिल्ली सरकार) के खिलाफ नोटिस जारी किया जाए कि वे ईब्ल्यूएस और डीजी श्रेणी के छात्रों को गैर वित्तीय सहायता प्राप्त निजी स्कूलों द्वारा शिक्षा देने के लिए सभी बकाया राशि जारी करे। भविष्य में हर तीन महीने पर इसका भुगतान करे ताकि स्कूल ठीक तरीके से अपनी वित्तीय स्थिति का प्रबंधन कर सके।

भुगतान में देरी के कारण दिक्कतों का सामना

सिंह ने कहा कि ट्रस्ट राष्ट्रीय राजधानी के 150 से अधिक निजी स्कूलों का प्रतिनिधित्व करता है जो ईडब्ल्यूएस एवं डीजी श्रेणी के छात्रों को शिक्षा मुहैया कराने के लिए डीओई की तरफ से भुगतान में देरी के कारण दिक्कतों का सामना कर रहे हैं।

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