आज हम बताते हैं, कुछ ऐसी टिप्स, जो माता-पिता को अपने बच्चों की घर पर पढ़ाई करने और एग्जाम की तैयारी करने में मदद करते हैं।
करियर डेस्क : कोरोना (Coronavirus) महामारी के प्रकोप के चलते एक बार फिर बच्चों के स्कूल बंद (School Shutdown) हो गए हैं और सारा बर्डन एक बार फिर पेरेंट्स के ऊपर आ गया है। ऊपर से इस समय एग्जाम का माहौल भी चल रहा है। हालांकि, अभी तक ये क्लियर नहीं है कि बच्चों के एग्जाम ऑनलाइन होंगे या ऑफलाइन मोड में होंगे? लेकिन बच्चों की तैयारी तो 100 परसेंट होनी चाहिए। ऐसे में बच्चों के स्कूल बंद होने के बाद कैसे आप उनकी पढ़ाई और एग्जाम के लिए तैयारी करवा सकते हैं, इसके लिए हम आपको देते हैं कुछ जरूरी टिप्स...
स्टडी एरिया बनाएं
बच्चों की पढ़ाई के लिए घर में एक स्पेशल जगह बनाएं, जहां पर अच्छी इंटरनेट कनेक्टिविटी हो और बच्चे बिना किसी बाधा के आरामदायक तरीके से पढ़ सकें। याद रखें कि इस स्टडी एरिया में ज्यादा लोगों का आना-जाना ना होता हो और बच्चों को यहां पर एक पॉजिटिव माहौल में मिले।
अपनी अवधारणाओं को मजबूत करें
बच्चों को पढ़ाने के लिए आपको अपना समय उन्हें डेडीकेट करना होगा। इसे आप एक चैलेंज की तरह लें कि किस तरह से आप बच्चों को पढ़ा सकते हैं। कई बार ऐसा हो सकता है कि किसी विषय में आपको भी महारत हासिल नही होती है, ऐसे में आप ऑनलाइन उपलब्ध कई सारी सामग्रियों का इस्तेमाल करके अपने बच्चों के डाउट्स को क्लियर कर सकते हैं।
एक रूटीन बनाएं
अक्सर हमने देखा है कि लोग टाइम टेबल तो बना देते हैं लेकिन उस टाइम टेबल पर अमल नहीं कर पाते है। लेकिन ऐसे समय आपको एक सही रूटीन बनाने की जरूरत है, इसलिए एक ऐसा टाइम टेबल बनाएं जिसमें आपके पास घर के काम के साथ-साथ बच्चों को पढ़ाना और उनकी परीक्षा की तैयारी को पूरा करवाने का समय हो। इसके लिए आप दोपहर के बाद का समय चुन सकते हैं जब अमूमन घर के सभी लोग बाहर होते हैं या फिर किसी काम में व्यस्त होते हैं।
पढ़ाते समय उनकी टीचर बनें
जब भी आप अपने बच्चे को पढ़ाएं तो याद रखें कि इस समय आपको उनकी टीचर की तरह बिहेव करना है, ना कि उनकी मां की तरह। बच्चा अगर कोई सवाल पूछता है तो उसका जवाब आपको उसी सहजता और संयम से देना है जैसा कि उसकी टीचर उसे बताती है।
प्रैक्टिस रिवाइज एंड प्रैक्टिस मोर
इस रूटीन को आपको अपनाना है कि आप प्रैक्टिस करें, उसका रिवीजन करें और फिर और प्रैक्टिस करें, क्योंकि यह आप को बेहतर बनाने में मदद करेगी। एक बार जब आप एक नया विषय कवर कर लेते हैं, तो उसकी प्रैक्टिस और रिवीजन जरूर करें। ऐसा नहीं कि एक बार आपने बच्चे को पढ़ा दिया, तो उसके बाद उसे दोबारा पढ़ाने की जरूरत नहीं है। बच्चों की याददाश्त को ताजा करने के लिए आपको इसको दोहराना बहुत जरूरी होता है।
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