डॉ शिवानी वर्मा को मिला DRDO में प्रथम पुरस्कार, रिसर्च में बताया अंधेरे में कैसे हो सकती है इंसान की पहचान

डॉ वर्मा प्रतियोगिता की व्यक्तिगत श्रेणी में पांच शीर्ष पुरस्कार विजेताओं में से एक हैं। डीआरडीओ की वेबसाइट पर रिजल्ट घोषित किया गया है। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 9, 2021 5:44 AM IST

करियर डेस्क. एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंसेज एंड टेक्नॉलोजी (Amity Institute of Space Science and Technology), नोएडा की डॉ. शिवानी वर्मा (Dr Shivani Verma) को  डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) द्वारा आयोजित एक प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार मिला है। डॉ. शिवानी वर्मा की रिसर्च के अनुसार, शारीरिक मानकों के आधार पर किसी व्यक्ति की पहचान का पता लगाया जा सकता है भले ही उसका चेहरा ढका हुआ हो या वो एक अंधेरा स्थान पर हो।

इसे भी पढ़ें- AC, PC या AMP, क्या आप जानते हैं डॉक्टर के लिखे इन शब्दों का मतलब, जानें इनके Fullform

पांच विजेताओं से एक हैं शिवानी वर्मा
नवोन्मेषी सिद्धांत ‘शारीरीक मापदंड के जरिए किसी व्यक्ति का एआई के आधार पर पता लगाना’ ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की ‘डेयर टू ड्रीम 2.0’ नवोन्मेषी प्रतिस्पर्धा में पुरस्कार जीता है। डॉ वर्मा प्रतियोगिता की व्यक्तिगत श्रेणी में पांच शीर्ष पुरस्कार विजेताओं में से एक हैं। डीआरडीओ की वेबसाइट पर रिजल्ट घोषित किया गया है।  शिवानी वर्मा के कॉन्सेप्ट के अनुसार, बुद्धि के अनुमान से पहचान प्रणाली विकसित होती है। जो किसी व्यक्ति के शारीरिक मापदंडों के आधार पर पहचान की उच्च सटीकता के साथ होती है। जहां बायोमेट्रिक और चेहरे की पहचान तकनीक पर्याप्त नहीं होती हैं।

90 फीसदी अनुदान देगा DRDO
डॉ एम एस प्रसाद, निदेशक (एआईएसएसटी) के मार्गदर्शन में डॉ वर्मा ने ये कॉन्सेप्ट तैयार किया है। उन्होंने कहा कि डीआरडीओ ने अब चार सप्ताह में प्रौद्योगिकी विकास कोष (Technology Development Fund) प्रोजेक्ट के प्रपोजल को मांगा है। उन्होंने कहा कि इसे मंजूरी मिलने के बाद, डीआरडीओ 24 महीनों में accelerated technology development या 10 करोड़ रुपये तक के परियोजना मूल्य पर 90 प्रतिशत अनुदान प्रदान करेगा।

इसे भी पढ़ें- CBSE 12th board: असेसमेंट के लिए दिए गए नए निर्देश, ऐसे बांटे जाएंगे थ्योरी और प्रैक्टिकल के नंबर


क्या है डेयर टू ड्रीम
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की पांचवीं पुण्यतिथि पर शुरू हुई, डीआरडीओ की "डेयर टू ड्रीम" योजना देश में रक्षा और एयरोस्पेस प्रौद्योगिकियों में कुछ नया करने वाले व्यक्तियों और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है। 

Share this article
click me!