राज्य नहीं तय कर सकते CBSE की तरह मार्किंग क्राइटेरिया, सुप्रीम कोर्ट को केन्द्र का जवाब

सीबीएसई ने 12वीं कक्षा के रिजल्ट के लिए एक पोर्टल बनाया है ताकि अंकों/ग्रेड का व्यवस्थित ढंग से आंकलन किया जा सके।

Asianet News Hindi | Published : Jun 22, 2021 11:01 AM IST / Updated: Jun 22 2021, 05:08 PM IST

नई दिल्ली. सीबीएसई बोर्ड द्वारा 12वीं की परीक्षा की मार्किंग क्राइटेरिया घोषित करने के बाद केन्द्र सरकार ने राज्यों के बोर्ड एग्जाम को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बड़ी बात कही है। केन्द्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा- सीबीएसई, आईसीएसई और 32 राज्यों की बोर्ड परीक्षाओं का मार्किंग क्राइटेरिया एक जैसा नहीं हो सकता है क्योंकि सभी बोर्ड ऑटोनॉमस हैं।

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सुप्रीम कोर्ट में सीबीएसई की सीनियर सेकेंड्री की कंपार्टमेंट परीक्षाओं, प्राइवेट और रीपिट एग्जाम के साथ-साथ विभिन्न राज्यों में कक्षा 12 बोर्ड परीक्षाओं को लेकर दायर की गई याचिकाओं की सुनवाई के दौरान केन्द्र ने ये बता कही है। बता दें कि ईवैल्यूएशन क्राइटेरिया निर्धारित करने के लिए दायर एक जनहित याचिका की सुनवाई के साथ ही की गयी। 

रिजल्ट के लिए पोर्टल भी बनाया
सीबीएसई ने 12वीं कक्षा के रिजल्ट के लिए एक पोर्टल बनाया है ताकि अंकों/ग्रेड का व्यवस्थित ढंग से आंकलन किया जा सके। बोर्ड के आईटी विभाग ने एक पोर्टल तैयार किया है जो बारहवीं कक्षा के परिणामों की गणना के लिए सभी संबंधित स्कूलों को सुविधा देगा। 

सीबीएसई का फॉर्मूला
10वीं के 5 विषय में से 3 विषय के सबसे अच्छे मार्क को लिया जाएगा। 11वीं के पांचों विषय का एवरेज लिया निकाला जाएगा और 12वीं के प्री-बोर्ड एग्जाम के साथ प्रैक्टिकल का नंबर लिया जाएगा। 10वीं और 11वीं के नंबर का 30% और 12वीं के नंबर के 40% के आधार पर रिजल्ट तैयार किया जाएगा

क्यों रद्द हुए थे एग्जाम
कोरोना संक्रमण के कारण 1 जून को पीएम मोदी की अध्यक्षता में सीबीएसई बोर्ड परीक्षा को रद्द करने का निर्देश दिए गए थे। 
 

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