कई बार कुछ लोग अपनी मेहनत और लगन से बड़ी उपलब्धि हासिल कर एक मिसाल कायम कर देते हैं। शादीशुदा और एक बच्चे की मां पुष्पलता ने सभी जिम्मेदारियों को संभालते हुए यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल कर ऐसी ही एक मिसाल कायम की है और देश की उन लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणा की स्रोत बन गई हैं जो समाज में अपना एक अलग मुकाम बनाना चाहती हैं।
करियर डेस्क। कई बार कुछ लोग अपनी मेहनत और लगन से बड़ी उपलब्धि हासिल कर एक मिसाल कायम कर देते हैं। शादीशुदा और एक बच्चे की मां पुष्पलता ने सभी जिम्मेदारियों को संभालते हुए यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल कर ऐसी ही एक मिसाल कायम की है और देश की उन लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणा की स्रोत बन गई हैं जो समाज में अपना एक अलग मुकाम बनाना चाहती हैं। बता दें कि पुष्पलता ने शादी के बाद यूपीएससी एग्जाम की तैयारी शुरू की। इसके बाद वे एक बच्चे की मां भी बनीं। वे पहले से प्राइवेट सेक्टर के एक बैंक में जॉब कर रही थीं। लेकिन इस सबके बावजूद उन्होंने आईएएस अधिकारी बनने का जो सपना देखा था, उसे पूरा किया। साल 2017 की यूपीएससी परीक्षा में वे सफल रहीं और उन्हें 80वीं रैंक मिली।
2010 में किया था एमबीए
हरियाणा के मानेसर की रहने वाली पुष्पलता ने साल 2010 में ही एमबीए किया था। इसके बाद उन्होंने प्राइवेट सेक्टर के एक बैंक में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर काम करना शुरू कर दिया। एमबीए करने के पहले उन्होंने एम.एससी. भी की थी। उनके पति का नाम डॉक्टर राजीव यादव है। उनकी जॉब और फैमिली लाइफ अच्छी चल रही थी। लेकिन उनके मन में शुरू से ही यूपीएससी एग्जाम देने की इच्छा थी। उन्होंने साल 2015 में यूपीएससी एग्जाम की तैयारी शुरू की।
परीक्षा की तैयारी के लिए छोड़ दी नौकरी
नौकरी करने और घर की जिम्मेदारियां संभालने के साथ यूपीएससी एग्जाम की तैयारी करने में बड़ी मुश्किल थी। उनका बेटा भी दो साल का हो चुका था। इसलिए उन्होंने नौकरी छोड़ने का फैसला किया। यह कोई आसान फैसला नहीं था। कई लोगों ने उन्हें समझाया कि वे नौकरी करते हुए ही यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करें। लेकिन पुष्पलता ने अपना मन बना लिया था। उन्होंने नौकरी छोड़ कर यूपीएससी एग्जाम की तैयारी करने का फैसला किया।
बिना किसी कोचिंग के की तैयारी
पुष्पलता चाहती थीं कि दिल्ली जा कर परीक्षा की तैयारी करें। लेकिन दिल्ली आने-जाने में समय काफी लगता और वहां रह कर तैयारी करने में कई तरह की समस्याएं थीं। इसलिए उन्होंने घर पर ही रह कर खुद तैयारी करनी शुरू कर दी। उन्होंने सारे सिलेबस की जानकारी ली और किताबें जुटा कर तैयारी में लग गईं। उन्होंने सभी जरूरी किताबों को पढ़ा और लगातार सेल्फ स्टडी पर फोकस किया।
2017 में मिली सफलता
पहली बार में पुष्पलता महज 7 नंबरों से ही पीछे रह गईं और परीक्षा में सफल नहीं हो सकीं, लेकिन इसे उन्होंने एक चुनौती के रूप में लिया। उन्होंने तय कर लिया कि इस परीक्षा में हर हाल में सफल हो कर रहेंगी, चाहे इसके लिए कितना भी संघर्ष क्यों नहीं करना पड़े। आाखिरकार, 2017 के यूपीएससी एग्जाम में सफल होकर पुष्पलता ने अपना सपना तो पूरा किया ही, उनके परिवार वालों के साथ ही मानेसर क्षेत्र में गर्व के साथ लोग उनकी चर्चा करने लगे। पुष्पलता का कहना है कि अगर हम संकल्प ले लें तो कोई भी मुश्किल राह में बाधा नहीं बन सकती।