इन 5 कोर्स पर उद्योग-कारोबार की जबरदस्त नजर, मार्केट में तेज है डिमांड.. पढ़ लिया तो समझो आगे लाइफ सेट

डाटा साइंस एंड एनॉलिटिक्स, साइबर सिक्योरिटी, डिजिटल मार्केटिंग जैसे कुछ ऐसे कोर्स हैं, जिनकी न सिर्फ भारत में बल्कि, दुनियाभर में डिमांड तेजी से बढ़ रही है। नियोक्ता ऐसे प्रफेशनल्स को हॉयर करने में दिलचस्पी ले रहे, क्योंकि ये फील्ड अब उनके लिए जरूरत बन गई है। 

करियर डेस्क।  दुनियाभर में बिजनेस, उद्योग और कारोबार में डिजिटाइजेशन यानी डिजिटलीकरण का महत्वपूर्ण असर पिछले कुछ साल में जबरदस्त तरीके से देखने को मिला है। ऐसे में संबंधित की अपस्किलिंग यानी ज्यादा कुशल बनाना बेहद जरूरी हो गया है। यही नहीं, कर्मचारी भी हमेशा तेजी से प्रतिस्पर्धी बाजार यानी कंप्टीटर मार्केट में बने रहने के लिए जरूरी स्किल हासिल करने में मददगार कोर्स और प्रोग्राम की तलाश में रहते हैं। बहुत से इंप्लायर यानी नियोक्ता भी कोर्स का एनॉलिसिस करते हुए ऐसे स्किल्ड कर्मचारी को प्राथमिकता देते हैं। आइए जानते हैं आज के दौर में वे 5 कोर्स और उनके जरिए होने वाली अपस्किलिंग के बारे में, जो महत्वपूर्ण कारोबार, कारोबारी और कर्मचारी के लिए जरूरत का सबब बने हुए है। 

ये पढ़ डाला तो लाइफ.. झिंगालाला

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साइबर सिक्योरिटी में कोर्स:  
डिजिटलीकरण के युग में साइबर अटैक की घटनाएं बढ़ रही हैं। बहुत से लोग साइबर अटैक को संगठित संस्थानों द्वारा शुरू किए गए आतंकवाद के आधुनिक तौर-तरीकों और योजनाबद्ध प्रक्रिया से आगे बढ़ने के रूप में मानते हैं। एक्सपर्ट की मानें तो केवल भारत में अकेले 2022 की पहली तिमाही में ही साइबर हमलों के 18 मिलियन केस सामने आए। इन खतरों की वजह से हमलों के मानक और कंपनियों को होने वाले मौजूदा वित्तीय नुकसान को देखते हुए तमाम संगठन अब अपने साइबर सिक्योरिटी के प्राइमरी यानी बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर जोर दे रहे हैं। ऐसे में साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स की मांग तेजी से बढ़ी है। 

कोर्स इन फुल स्टेक डेवलपमेंट: 
एक फुल-स्टेक डेवलपर सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन के फ्रंट एंड और बैक एंड के विकास में शामिल होता है। वहीं, आसान शब्दों में जानें तो वह डेटाबेस, प्रोग्रामिंग और डी-बगिंग सॉफ्टवेयर या एप्लिकेशन को डिजाइन करने या उसे प्रतिबंधित करने में शामिल है। हालांकि, एक अकेला शख्स करीब-करीब सभी पहलुओं का इंचार्ज होता है, इससे बाहरी यानी एक्सटर्नल सपोर्ट पर निर्भरता कम हो जाती है। ऐसे में फुल-स्टेक डेवलपर्स की डिमांड मार्केट में तेजी से बढ़ रही है। यह डिमांड 2015 से हर साल करीब 35 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि 2024 तक ऐसे फुल स्टेक डेवलपर प्रफेशनल्स के लिए दुनियाभर में 8 लाख 53 हजार से ज्यादा नौकरियां उपलब्ध होंगी।

कोर्स इन डिजिटल मार्केटिंग:  
करीब दो साल पहले आई कोरोना महामारी ने उद्योगों और बिजनेस में डिजिटलीकरण की जरूरत को न सिर्फ बढ़ा दिया है बल्कि, प्रभावी बना दिया है। ऐसे में डिजिटल मार्केटिंग एक्सपर्ट की डिमांड बढ़ी है। एक डिजिटल मार्केटिंग एक्सपर्ट अपने प्रॉडक्ट की मार्केटिंग के लिए सर्च इंजन, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और अलग-अलग वेबसाइट जैसे चैनल्स का उपयोग करता है। यह बड़े पैमान पर व्यूअर्स बेस तक पहुंचने और ज्यादा से ज्यादा ट्रांसफॉरमेशन को सेफ रखने का बेहद प्रभावी तरीका है। रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2022-23 में दुनियाभर में डिजिटल मार्केटिंग के फील्ड में करीब लगभग 8 लाख 60 हजार नौकरी के अवसर हैं। इसके अलावा, मौजूदा वक्त में ज्यादातर कारोबार में 2 लाख 30 हजार स्किल्ड कर्मचारियों या प्रफेशनल्स की जरूरत है। ऐसे में इस फील्ड में आने वाले समय में स्कोप ज्यादा है। 

कोर्स इन डाटा साइंस एंड एनॉलिटिक्स:  
नए और ताजा रुझानों का गहराई से विश्लेषण करें तो स्पष्ट है कि आज की अर्थव्यवस्था में अनिवार्य रूप से डाटा का योगदान है और यही इसे चलाने या कहें बढ़ाने में अहम रोल अदा कर रही है। कंपनियां बाजार के रुझान की भविष्यवाणी करने, इन्वेंट्री का मैनेजमेंट करने और बेहतर कस्टमर सपोर्ट एंड सॉल्युशन पेश करने के लिए डाटा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर भरोसा करती हैं। ऐसे में डाटा साइंस और एनॉलिटिक्स में स्किल्ड लोगों की डिमांड सबसे ज्यादा और ऑल टाइम हाई है। रिपोर्ट्स पर गौर करें तो 2026 तक 11.5 मिलियन जॉब इस फील्ड में आने वाली हैं। इसमें डाटा साइंटिस्ट, डाटा एनालिटिक्स, मशीन लर्निंग स्पेशिलिस्ट, डाटा आर्किटेक्ट और डाटा इंजीनियर्स की डिमांड शामिल है। 

कोर्स इन फाइनेंशिल एनॉलिसिस: 
वैसे तो भारत में वित्तीय विशेषज्ञों की डिमांड हमेशा से अधिक रही है। देश में फिनटेक इंडस्ट्रीज ने इसमें और बढ़ोतरी तथा इसका विकास किया है। ऐसे में इस फील्ड का दायर और ज्यादा बढ़ा है तथा रोल अहम हुआ है। यह फील्ड केवल अब स्टॉक ब्रोकर्स या अकाउंटेंट्स तक सीमित नहीं है। सभी क्षेत्र की कंपनियां अपनी फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम को बढ़ाने और इसके निर्णय लेने की प्रक्रिया को ज्यादा मजबूत बनाने के लिए एक्सपर्ट्स की भर्ती कर रही हैं। जिन प्रोफाइल में इस समय तेजी देखी जा रही है, उनमें फाइनेंशियल एनॉलिटिक्स, अकाउंटेंट्स, चीफ फाइनेंस अफसर और इन्वेस्टमेंट बैंकर शामिल हैं। 

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