अब PhD के लिए रिसर्च पेपर की अनिवार्यता खत्म, जानें UGC ने क्यों बदल दिया यह नियम

यूजीसी ने पीएचडी के नियम बदल दिए हैं। अगर कोई पीएचडी कर रहा है या करने जा रहा है तो यह उसके लिए राहत भरी खबर हो सकती है। यूजीसी के नए नियम के अनुसार अब रिसर्च पेपर पब्लिश कराने की अनिवार्यता नहीं होगी।

करियर डेस्क :  पीएचडी (Doctor Of Philosophy) करने जा रहे हैं तो आपके लिए राहत भरी खबर आ रही है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने पीएचडी में रिसर्च पेपर की अनिवार्यता खत्म कर दी है। यूजीसी की आधिकारिक वेबसाइट ugc.ac.in पर नोटिफिकेशन जारी कर इसकी जानकारी दी है। इस नियम के आने के बाद अब पीएचडी थीसिस जमा करने से पहले किसी जर्नल्स में रिसर्च पेपर पब्लिश कराने की अनिवार्यता समाप्त हो गई है। 

अभी तक क्या नियम था
अभी तक के नियम की बात करें तो एमफिल स्कॉलर्स को अपने कोर्स के दौरान कम से कम एक रिसर्च पेपर को किसी कॉन्फ्रेंस में पेश करना रहता था। वहीं, पीएचडी के छात्रों को थीसिस जमा करने से पहले कम से कम दो रिसर्च पेपर कॉन्फ्रेंस या किसी सेमिनार में पेश करना होता था। इसके साथ ही एक रिसर्च पेपर किसी रेफर्ड जर्नल में प्रकाशित करना भी अनिवार्य था।

Latest Videos

क्यों बदला नियम
यूजीसी चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने बताया कि पीएचडी गाइडलाइंस में बदलाव के पीछे की वजह यह है कि ‘वन साइज फिट्स ऑल’ का अप्रोच कतई ठीक नहीं है। सभी फैकल्टी किसी भी विषय को एक नजरिए से देखे यानी उनका समान अप्रोच ठीक नहीं है। एम जगदीश कुमार ने बताया कि ज्यादातर छात्र अपना रिसर्च पेपर जर्नल में प्रकाशित कराने की बजाए कॉन्फ्रेंस में पेश करना पसंद करते हैं। उन्होंने बताया कि रिसर्च पेपर पब्लिश न कराने का मतलब यह नहीं कि अब पीयर रिव्यू जर्नल्स में रिसर्च पेपर पब्लिश कराना ही छात्र छोड़ दें। उन्होंने बताया कि जब कोई छात्र डॉक्टोरल डिग्री के बाद करियर में आगे जाएगा तो उसके पब्लिश रिसर्च पेपर से उसकी प्रोफाइल में  वैल्यू एड होगी।

इसे भी पढ़ें
SSC CHSL 2022 को लेकर बड़ी अपडेट : तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स इस खबर को ध्यान से पढ़ें

मुफ्त में करें लाखों फीस वाला कोर्स : गूगल दे रहा शानदार मौका, मोटी होगी कमाई


 

Share this article
click me!

Latest Videos

Maharashtra Election: CM पद के लिए कई दावेदार, कौन बनेगा महामुकाबले के बाद 'मुख्य' किरदार
Congress LIVE: राहुल गांधी द्वारा कांग्रेस पार्टी की ब्रीफिंग
कानूनी प्रक्रिया: अमेरिकी न्याय विभाग से गिरफ्तारी का वारंट, अब अडानी केस में आगे क्या होगा?
शर्मनाक! सामने बैठी रही महिला फरियादी, मसाज करवाते रहे इंस्पेक्टर साहब #Shorts
Maharashtra Jharkhand Exit Poll से क्यों बढ़ेगी नीतीश और मोदी के हनुमान की बेचैनी, नहीं डोलेगा मन!