कोरोना वायरस क्राइसिस में UPSC Prelims एग्जाम को लेकर अनिश्चचितता, लेकिन तैयारियां शेड्यूल के मुताबिक

यूपीएससी द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सर्विसेस की प्रारंभिक परीक्षा 31 मई को होनी है, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से इसे लेकर अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है, हालांकि परीक्षा के लिए तैयारियां शेड्यूल के मुताबिक ही की जा रही हैं। 

Manoj Jha | Published : Apr 21, 2020 6:41 AM IST

करियर डेस्क। यूपीएससी द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सर्विसेस की प्रारंभिक परीक्षा 31 मई को होनी है, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से इसे लेकर अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है, हालांकि परीक्षा के लिए तैयारियां शेड्यूल के मुताबिक ही की जा रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि कोरोना महामारी को देखते हुए सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा पर अंतिम निर्णय लेना बाकी है, लेकिन संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) 31 मई की निर्धारित तिथि को परीक्षा आयोजित करने की तैयारी करने में लगा है।

7 लाख कैंडिडेट शामिल होते हैं इस परीक्षा में
बता दें कि यह देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा है। इसमें हर साल औसतन लगभग 7 लाख कैंडिडेट शामिल होते हैं। इस साल 10 लाख कैंडिडेट्स ने परीक्षा में शामिल होने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है, लेकिन उनकी तैयारी कोरोना महामारी के चलते पैदा हुई अनिश्चितता से प्रभावित हुई है। आयोग के एक सदस्य का कहना है कि यह परीक्षा पूरे देश में आयोजित की जाती है और लगभग 10 लाख कैंडिडेट इसके लिए अप्लाई करते हैं। इनमें करीब 7 लाख कैंडिडेट परीक्षा में शामिल होते हैं। अब यह परिस्थितियों पर  निर्भर करेगा कि 31 मई को यह परीक्षा होती है या नहीं।

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परीक्षा केंद्रों का कर लिया गया है चुनाव
हालांकि, यूपीएससी के एक अधिकारी के अनुसार परीक्षा की तैयारी 6 महीने पहले शुरू हो गई थी। सभी जिला कलेक्टरों और जिला मजिस्ट्रेटों ने ज्यादातर स्कूलों और कॉलेजों की पहचान कर ली थी और उनकी लिस्ट तैयार कर ली थी। उस लिस्ट में लगभग 2,500 जगहों को चुना गया है। लेकिन परीक्षा के कई वेन्यू स्कूलों में हैं, जिन्हें क्वारंटाइन सेंटर्स में बदल दिया गया है। ऐसे में, आयोग को एक राज्य से दूसरे राज्य में परीक्षा देने के लिए जाने वाले उम्मीदवारों को लेकर विचार करना पड़ सकता है। यूपीएससी ने आयोग, केंद्र और राज्य सरकारों के उन अधिकारियों को भी चिह्नित किया है, जो आधिकारिक तौर पर परीक्षा की निगरानी करेंगे। परीक्षा आयोजित करने में लगभग 1.6 लाख पदाधिकारी भाग लेते हैं। अधिकारी ने कहा कि हम आम तौर पर परीक्षा से तीन महीने पहले स्टेशनरी और आंसर शीट भेजते हैं, लेकिन यह अभी तक भेजा नहीं जा सका है। फिलहाल, आयोग इस बारे में आश्वस्त नहीं है कि क्या किया जाना चाहिए।

परीक्षा का समय बढ़ाने के लिए मिल रही याचिकाएं
आयोग के एक अधिकारी का कहना है कि परीक्षा को आगे बढ़ाने के लिए यूपीएससी को कई याचिकाएं मिली हैं। एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि छात्रों के लिए एडमिट कार्ड पहले ही बैक-एंड टीम द्वारा तैयार कर लिए गए हैं। हम उन्हें आज जारी कर सकते हैं। लेकिन हमें उनकी उपलब्धता के आधार पर स्थानों को बदलना होगा और अन्य केंद्रों में छात्रों को समायोजित करना होगा। पश्चिम बंगाल में, राज्य सरकार ने मध्य जून तक स्कूलों को बंद कर दिया है। ऐसे में, आयोग राज्य सरकार के सहयोग के बिना परीक्षा आयोजित नहीं कर सकता है। एक अधिकारी ने कहा कि परीक्षा को स्थगित करने पर कैंडिडेट्स को मेन्स की तैयारी के लिए कम समय मिल पाएगा।

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