Unemployment Allowance: 1 जनवरी से बदलेगा नियम, इन डिग्री होल्डर कैंडिडेट्स को नहीं करनी पड़ेगी ट्रेनिंग

Published : Nov 26, 2021, 11:24 AM IST
Unemployment Allowance: 1 जनवरी से बदलेगा नियम, इन डिग्री होल्डर कैंडिडेट्स को नहीं करनी पड़ेगी ट्रेनिंग

सार

जो छात्र प्रोफेशनल कोर्स कर चुके हैं उन्हें 3 महीने की स्किल ट्रेनिंग नहीं करनी होगी। ऐसे आवेदनकर्तओं को विभाग को सूचना देनी होगी जिन्होंने बीएड, बीटेक, एमबीबीएस, बीएससी नर्सिंग, बीफार्मा डिग्री या डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कर रखा है।

करियर डेस्क.  राजस्थान में बेरोजगार (Unemployment) युवाओं को ‘मुख्यमंत्री युवा संबल योजना 2021’ के तहत बेरोजगारी भत्ता (Unemployment Allowance) प्राप्त करने के लिये प्रतिदिन चार घंटे अनिवार्य रूप से प्रशिक्षण लेना होगा। कुछ पेशेवर डिग्री/ डिप्लोमा पाठ्यक्रम को छोड़कर युवाओं को भी भत्ते का लाभ लेने के लिये न्यूनतम 90 दिनों का कौशल प्रशिक्षण प्राप्त करना होगा। राजस्थान सरकार (Government of Rajasthan) ने योजना के लिये संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं जो एक जनवरी 2022 से लागू होंगे। इसे सरकार ने 2019 में कौशल और रोजगार से जोड़कर लागू किया था।  

इन डिग्री होल्डरों को नहीं करनी होगा ट्रेनिंग
हालांकि जो छात्र प्रोफेशनल कोर्स कर चुके हैं उन्हें 3 महीने की स्किल ट्रेनिंग नहीं करनी होगी। ऐसे आवेदनकर्तओं को विभाग को सूचना देनी होगी जिन्होंने बीएड, बीटेक, एमबीबीएस, बीएससी नर्सिंग, बीफार्मा डिग्री या डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कर रखा है। ऐसे आवेदकों को स्किल ट्रेनिंग की जरूरत नहीं है। इस योजना में पात्रता की शर्तें पूरी करने पर आवेदन सत्यापित कर दिया जाएगा।

किसे मिलता है लाभ
राज्य सरकार पुरुष युवाओं को चार हजार रुपये प्रतिमाह और महिलाओं, ट्रांसजेंडरों तथा विकलांग युवाओं को साढ़े चार हजार रुपये प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता देती है। योजना का लाभ उठाने के लिये मुख्य मानदंड में आवेदक स्नातक होना और परिवार की वार्षिक आय 2 लाख रुपये से कम होना अनिवार्य है।

3 महीने की ट्रेनिंग का जिम्मा आरएसएलडीसी के पास है। अब तक जो स्किल ट्रेनिंग कोर्स हैं वे स्नातक लेवल के नहीं हैं। ऐसे में अब बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदनकर्ताओं को ट्रेनिंग कराने के लिए उनकी डिग्री के अनुसार कोर्स तैयार किए जाएंगे। हालांकि ट्रेनिंग से छूट के लिए आवेदक को स्किल ट्रेनिंग या प्रोफेशनल कोर्स का सर्टिफिकेट अपलोड करना होगा। सत्यापन के बाद ही ट्रेनिंग से छूट मिल सकेगी।

ड्रेस कोड भी होगा लागू
राज्य सरकार ने अनिवार्य प्रशिक्षण के अलावा ऐसे बेरोजगार युवाओं के लिये ड्रेस कोड लागू करने का भी फैसला किया है। उन्हें टी शर्ट, जैकेट, टोपी दी जाएगी जो उन्हें ड्यूटी के दौरान पहननी होगी और यह वर्दी योजना के लाभार्थी के रूप में प्रशिक्षु की पहचान करेगा।

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