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Covid-19 के बाद पहली बार स्कूल जा रहा है आपका बच्चा, तो भेजने से पहले बरते ये 10 सावधानियां
करियर डेस्क : जैसे-जैसे करोना संक्रमण (corona virus) की रफ्तार धीमी हो रही है, वैसे-वैसे रूटीन लाइफ भी ट्रैक पर आती जा रही है। इस बीच कई राज्यों ने स्कूलों पर से प्रतिबंध हटा दिया है और पहली क्लास से बारहवीं तक के बच्चों की क्लासेस (School Reopen) लगानी शुरू कर दी है। लेकिन अब भी ऐसे कई अभिभावक है, जो अपने बच्चे को स्कूल भेजने से घबरा रहे हैं। उनके मन में बार-बार यही सवाल आ रहा है कि बच्चे कैसे स्कूल में अपनी केयर करेंगे और उनके स्कूल जाने वो कहीं संक्रमित ना हो जाए? तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि कैसे आप अपने बच्चे की केयर कर सकते हैं और अगर वह स्कूल जा रहा है तो उससे पहले आपको क्या क्या सावधानी बरतनी चाहिए...
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पिछले 2 सालों से कई पेरेंट्स को यह चिंता है कि उनके बच्चे का सोशल डेवलपमेंट नहीं हो रहा है। ऑनलाइन क्लासेज अटेंड करके बच्चे का दिमाग उतना डेवलप नहीं हो पा रहा जितना कि स्कूल जाने से होता है, क्योंकि सकूल में वह ना सिर्फ पढ़ाई करता है बल्कि दोस्ती, शेयरिंग, एक दूसरे की फिक्र और डिसिप्लिन भी सीखता है। ऐसे में अब जब स्कूल शुरू हो गए हैं तो पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल तो भेजना चाहते हैं लेकिन उन्हें चिंता सता रही है।
कोरोना संक्रमण की रफ्तार भले ही थोड़ी धीमी हुई है लेकिन यह संक्रमण अभी भी दुनिया से गया नहीं है और कई देशों में इसके केस बढ़ते जा रहे हैं, जिसके चलते वहां लॉकडाउन भी लगाना पड़ा है। ऐसी स्थिति भारत में ना हो, इसलिए मास्क लगाना अभी भी जरूरी है। खासकर उन बच्चों के लिए जो स्कूल में 4 से 5 घंटे तक का समय बिताते हैं।
बच्चों को स्कूल भेजने से पहले अच्छी क्वालिटी का मास्क उन्हें पहनाएं और बच्चों को यह सीख जरूर दें कि बार-बार अपने मास्क को ना छुए, क्योंकि अपने नाक से मास्क उतारने से या उसे टच करने से वायरस आपके मुंह के अंदर जा सकते हैं। अगर आपका बच्चा कंफर्टेबल हो तो उसे फेस शील्ड लगाकर स्कूल भेज सकते हैं।
बच्चों के बैग में कॉपी, किताबों के अलावा एक अच्छा हैंड सैनिटाइजर, हैंडवाश और कुछ टिशू पेपर जरूर रखें। बच्चे को बताएं कि जब भी वह कुछ करें तो अपने हाथों को अच्छे से वॉश करें और टॉवल की जगह टिशू पेपर से हाथ पोंछ कर उसे फेंक दें।
बच्चा जिस भी गाड़ी से स्कूल जाता है, चाहे वह वैन हो या स्कूल बस, ध्यान रखें कि उसमें बच्चे एक दूसरे से दूरी पर बैठें और उनकी सीट्स को प्रॉपर सैनेटाइज किया गया हो।
इतना ही नहीं क्लासेस में भी बच्चों को परस्पर दूरी पर बैठना बहुत ज्यादा जरूरी है, क्योंकि हमें यह नहीं पता कि अगला बच्चा कहां से आ रहा है और उसके परिवार में कौन-कौन लोग शामिल है। ऐसे में बच्चे को यह ट्रेनिंग जरूर दें कि एक दूसरे से दूरी बनाकर रखें और 1 सीट पर 1 बच्चा ही बैठे।
अक्सर हमने देखा है कि बच्चों की ऐसी आदत होती है कि वह जिस भी पेन या पेंसिल से लिखते हैं, उसे अपने मुंह में डाल लेते हैं। लेकिन बच्चों को सख्त हिदायत दें कि अपने पेन पेंसिल को या किसी भी चीज को मुंह में ना डालें।
अगर बच्चा किसी और बच्चे की टेबल या कुर्सी पर जा रहा है या उनसे बात कर रहा है तो मास्क पहने और वहां से आने के बाद अपने हाथों को सैनिटाइज जरूर करें।
बच्चों को यह ट्रेनिंग जरूर दें कि किसी भी दरवाजे या खिड़की को खोलने के लिए अपने हाथ का उपयोग ना करें बल्कि अपनी कोहनी से या फिर उसके हैंडल पर टिशू पेपर लगाकर ही उसका गेट खोलें। इससे जर्म्स बच्चों के हाथ पर नहीं आते हैं।
स्कूल से आने के बाद भी बच्चों को सीधे बेडरूम में ना जाने दें। पहले उन्हें अच्छे से हाथ मुंह धोने के लिए कहे या फिर नहाने के लिए बोले। उसके बाद ही परिवार के अन्य सदस्यों के संपर्क में उन्हें आने दें।
इसके साथ ही बच्चों की किताबें, पेन, पेंसिल, बैग, वॉटर बॉटल और लंच बॉक्स को रोज साफ करें। किताबों और अन्य स्टेशनरी आइटम के ऊपर डिसइनफेक्ट स्प्रे करें और बोतल-लंच बॉक्स को अच्छे से गर्म पानी से धोएं।
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