देशभर में यूनिवर्सिटी फाइनल ईयर एग्जाम्स को लेकर आई बड़ी अपडेट, सितंबर में हो सकती हैं परीक्षाएं

यूजीसी ने सुप्रीम कोर्ट में 50 पेज का हलफनामा दायर किया है। इसमें बताया गया है कि यूजीसी ने परीक्षाओं को लेकर काफी लचीला रुख अपनाया है और यही वजह है कि आफलाइन और आनलाइन दोनों माध्यमों से परीक्षाएं आयोजित करने की छूट दी गई है।

Asianet News Hindi | Published : Jul 31, 2020 3:03 PM IST

करियर डेस्क. University Final year Exams 2020: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grant Commission) यानी यूजीसी (UGC) ने सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान फाइनल ईयर एग्जाम्स को लेकर अपनी संशोधित गाइडलाइंस का बचाव किया है।

यूजीसी की गाइडलाइंस के अनुसार देशभर में 30 सितंबर से पहले सभी यूनिवर्सिटीज को अपने फाइनल ईयर के एग्जाम आयोजित कराने जरूरी हैं। फाइनल ईयर एग्जाम होंगे या नहीं, इसे लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। हालांकि अब इस मामले में बड़ी अपडेट सामने आई है।

सुप्रीम कोर्ट ने UGC से मांगा उसका पक्ष

दरअसल, फाइनल ईयर एग्जाम आयोजित करने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है और कोर्ट ने इस पर यूजीसी (UGC) को उसका पक्ष रखने के लिए कहा था। 

इसके जवाब में यूजीसी की ओर से हलफनामा दायर कर साफ कर दिया गया है कि उसके हिसाब से फाइनल ईयर एग्जाम होने चाहिए और इसके लिए देश की सभी यूनिवर्सिटीज को बता दिया गया है कि 30 सितंबर से पहले परीक्षाएं आयोजित करा ली जाएं। अब इस मामले में शुक्रवार 31 जुलाई को भी सुनवाई जारी रहेगी।

​हलफनामे में क्या लिखा है? 

यूजीसी ने सुप्रीम कोर्ट में 50 पेज का हलफनामा दायर किया है। इसमें बताया गया है कि यूजीसी ने परीक्षाओं को लेकर काफी लचीला रुख अपनाया है और यही वजह है कि आफलाइन और आनलाइन दोनों माध्यमों से परीक्षाएं आयोजित करने की छूट दी गई है। 

स्टूडेट्स बाद में भी दे सकेंगे परीक्षा

साथ ही जो स्टूडेंट्स परीक्षा में हिस्सा नहीं ले पाते वे बाद में परीक्षा दे सकते हैं। बता दें कि शिव सेना की यूथ विंग युवा सेना ने यूजीसी के 6 जुलाई को जारी की गई गाइडलाइंस को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

हलफनामा दायर करते हुए यूजीसी ने शीर्ष कोर्ट से सभी याचिकाओं को खारिज करने की अपील की है। यूजीसी के अनुसार अगर फाइनल ईयर एग्जाम आयोजित नहीं होते हैं तो हायर एजुकेशन का स्तर प्रभावित होगा। बता दें कि कोरोना वायरस के चलते देशभर में परीक्षाएं या तो स्थगित कर दी गईं हैं या फिर उन्हें रद्द करने का फैसला किया गया है। 

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