इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताया कि इस योजना में पहले चरण में 2000 बच्चों का चयन किया गया है। इन बच्चों को स्कूल भेजने पर बालकों को प्रति माह 1000 रुपये और बालिकाओं को प्रति माह 1200 रुपये दिए जाएंगे।
लखनऊ. Bal Shramik Vidya Yojana: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने शुक्रवार को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के मौके पर ‘बाल श्रमिक विद्या योजना’ की शुरुआत की। इस योजना के तहत कामकाजी बच्चों को स्कूल भेजने के लिए सरकार 1200 रुपये प्रति माह तक का सालाना अनुदान देगी। इसके अलावा, कक्षा 8, 9 और 10 पास करने वाले छात्रों को 6000-6000 रुपये की प्रोत्साहन राशि अलग से दी जाएगी।
सीएम आदित्यनाथ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ‘बाल श्रमिक विद्या योजना ‘का उद्घाटन किया। इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताया कि इस योजना में पहले चरण में 2000 बच्चों का चयन किया गया है। इन बच्चों को स्कूल भेजने पर बालकों को प्रति माह 1000 रुपये और बालिकाओं को प्रति माह 1200 रुपये दिए जाएंगे।
पास होने पर बच्चों को 6-6 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि
इनका चयन सर्वाधिक बाल श्रम से जुड़े 57 जिलो से किया गया है। यानी, 2011 की जनगणना के अनुसार इन जिलों में सबसे अधिक बाल श्रमिक हैं। इसके अलावा, कक्षा 8, 9 और 10 पास करने पर छह-छह हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि अलग से मिलेगी।
बता दें, श्रम विभाग बाल श्रमिकों के लिए पहले कैश ट्रांसफर योजना चला रहा था। इसके तहत लाभार्थी बाल श्रमिकों को सालाना आठ हजार रुपये और हर महीने सौ रुपये की छात्रवृत्ति दी जाती थी। सरकार ने इस योजना में बदलाव कर उसे बाल श्रमिक विद्या योजना (BSBY) नाम दिया है।
कैसे होगा चयन?
उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार, कामकाजी बच्चों की पहचान श्रम विभाग के अधिकारियों की ओर से सर्वेक्षण/निरीक्षण में चिन्हित बच्चे, ग्राम पंचायतों, स्थानीय निकायों के अधिशासी अधिकारी, चाइल्ड लाइन अथवा विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा किया जाएगा।
माता या पिता अथवा दोनों किसी असाध्य रोग से ग्रसित हो, तो उनके बच्चों का चयन हो सकता है. इसके लिए गंभीर असाध्य रोग के संबंध में मुख्य चिकित्साधिकारी/चिकित्साधिकारी की ओर से जारी प्रमाणपत्र देना होगा।
भूमिहीन परिवारों व महिला प्रमुख परिवारों के चयन के लिए 2011 की जनगणना के अंतर्गत सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना की सूची का इस्तेमाल किया जाएगा।
प्रत्येक लाभार्थी के चयन की स्वीकृति के बाद उसे ई-ट्रैकिंग सिस्टम पर अपलोड किया जाएगा।