कम ही ऐसे कैंडिडेट होते हैं जो पहले ही प्रयास में यूपीएसससी की कठिन परीक्षा पास कर लें और वह भी बिना कोई कोचिंग लिए। प्रियांक किशोर ने महज 22 साल की उम्र में पहले ही प्रयास में यूपीएससी एग्जाम में सफलता हासिल की।
करियर डेस्क। कम ही ऐसे कैंडिडेट होते हैं जो पहले ही प्रयास में यूपीएसससी की कठिन परीक्षा पास कर लें और वह भी बिना कोई कोचिंग लिए। प्रियांक किशोर ने महज 22 साल की उम्र में पहले ही प्रयास में यूपीएससी एग्जाम में सफलता हासिल की। उनकी सफलता की कहानी युवाओं को प्रेरणा देने वाली है। साल 2018 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में 274वीं रैंक हासिल की थी।
प्रियांक का यूपीएससी का रिजल्ट अप्रैल, 2019 में आया। उस समय वे दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में पोस्ट ग्रैजुएशन कर रहे थे। उनकी शुरुआती पढ़ाई जमशेदपुर में हुई। सेंट जेवियर्स स्कूल, श्यामली से 12वीं करने के बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज में एडमिशन लिया। वहां से ग्रैजुएशन करने के बाद उन्होंने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में नामांकन करा लिया। प्रियांक का कहना है कि सिविल सर्विस की परीक्षा देने की प्रेरणा उन्हें अपने पिता से मिली। उनके पिता कमल किशोर डीएसपी हैं। वे मूल रूप से आरा, बिहार के रहने वाले हैं।
प्रियांक का कहना है कि यूपीएससी परीक्षा में सफलता के लिए निबंध लेखन पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है। उनका कहना है कि उनसे निबंध लेखन की तैयारी में चूक हुई, बावजूद वे परीक्षा में सफल रहे। यूपीएससी एग्जाम देने वाले कैंडिडेट्स को सलाह देते हुए प्रियांक कहते हैं कि उन्हें निबंध लेखन पर फोकस करना चाहिए और नए-नए विषयों पर निबंध लेखन करना चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि यूपीएससी परीक्षा में वही विषय लेने चाहिए. जो कैंडिडेट्स ने ग्रैजुएशन और पोस्ट ग्रैजुएशन में लिए हों। इससे तैयारी ठीक होती है।
प्रियांक ने कहा कि सफलता के लिए मानसिक और भावनात्मक स्तर पर मजबूत रहना जरूरी होता है। सामान्य ज्ञान की जानकारी भी सही होनी चाहिए। परीक्षा में उत्तर सीधा लिखना चाहिए। घुमा-फिरा कर सवालों के जवाब देना ठीक नहीं रहता। उन्होंने यह भी कहा कि कैंडिडेट्स को लगातार उत्तर लिखने का अभ्यास करना चाहिए। अगर पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली तो इससे निराश हुए बगैर दोगुने उत्साह के साथ आगे की तैयारी करनी चाहिए।