यह लड़की बचपन में भैंस चराती थी, जब बड़ी हुई तो रिश्तेदारों ने शादी के लिए दबाव बनाया, लेकिन उसने किसी की एक न सुनी और आखिरकार आईएएस अधिकारी बन कर अपने सपने को सच किया।
करियर डेस्क। यह लड़की बचपन में भैंस चराती थी, जब बड़ी हुई तो रिश्तेदारों ने शादी के लिए दबाव बनाया, लेकिन उसने किसी की एक न सुनी और आखिरकार आईएएस अधिकारी बन कर अपने सपने को सच किया। वानमती नाम की इस लड़की के घर की आर्थिक हालत अच्छी नहीं थी। जब वह स्कूल जाती थीं, तब भी पढ़ाई और घर के कामकाज के साथ उन्हें पशुओं की देख-रेख करनी पड़ती थी। कई बार उन्हें पशुओं को चराने के लिए भी ले जाना पड़ता था। उस समय शायद ही किसी ने सोचा होगा कि यह लड़की बड़ी होकर आईएएस ऑफिसर बनेगी, लेकिन वानमती ने ऐसा कर के एक मिसाल कायम कर दिया।
वानमती केरल के इरोड जिले की रहने वाली हैं। उनका जन्म एक बेहद साधारण परिवार में हुआ, पर वह बचपन से ही पढ़ाई में तेज थीं। जब वह स्कूल जाने लगीं तो वहां हर कक्षा में उन्होंने बहुत ही बढ़िया रिजल्ट लाया, लेकिन घर के काम करने में भी वानमती पीछे नहीं रहती थीं। वह पशुओं के लिए चारा लातीं और भैंसों को चराने भी ले जातीं। जैसे-जैसे वानमती बड़ी होती गईं, उन पर शादी का दबाव भी पड़ने लगा। जब उन्होंने 12वीं पास कर ली तो घर वालों के साथ रिश्तेदारों ने भी शादी के लिए कहना शुरू किया। लेकिन वानमती ने तय कर लिया था कि उन्हें तो आईएएस ऑफिसर बनना है।
आईएएस ऑफिसर बनने की प्रेरणा उन्हें एक टीवी सीरियल देखने से मिली। इसके बाद उन्होंने अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित कर लिया। उन्होंने तय कर लिया था कि चाहे जो भी हो, उन्हें आईएएस ही बनना है। इसके बाद उन्होंने कम्प्यूटर एप्लिकेशन में पोस्ट ग्रैजुएशन किया। घर के खर्चे में मदद करने के लिए उन्होंने एक प्राइवेट बैंक में नौकरी भी कर ली, लेकिन अपना सारा ध्यान आईएएस की तैयारी पर ही केंद्रित रखा।
इसे भी एक अजीब ही बात कहेंगे कि जिस दिन वानमती की आईएएस परीक्षा का इंटरव्यू था, उनके पिता बीमार हो कर अस्पताल में भर्ती हो गए। फिर भी वानमती ने पिता को संभालने के बाद इंटरव्यू दिया और उसमें सफल भी रहीं। वानमती को आईएएस की परीक्षा में दूसरे प्रयास में सफलता मिली। पहली बार जब वे सफल नहीं रहीं तो कई लोगों ने उन्हें हतोत्साहित करने की कोशिश की, लेकिन वे अपने निर्णय पर डिगी रहीं और लगातार तैयारी करती रहीं। साल 2015 में उन्होंने आईएएस की परीक्षा में सफलता मिली।