पढ़ाई बीच में छूटने पर भी मिलेगा सर्टिफिकेट, क्या है सरकार की Academic Bank of Credit, जिससे पढ़ाई होगी आसान

आसान भाषा में कहें तो ये एक वर्चुअल स्टोर हाउस है, जो हर स्टूडेंट का डेटा रिकॉर्ड रखेगा। इसके लिए हर कॉलेज और यूनिवर्सिटी को एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट स्कीम में अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा।

Asianet News Hindi | Published : Jul 29, 2021 12:29 PM IST

नई दिल्ली. नई शिक्षा नीति को मंजूरी मिले 1 साल हो चुके हैं। प्राइमरी से लेकर हायर एजुकेशन में एडमिशन लेने तक नई शिक्षा नीति में काफी कुछ बदला है। इसी को आगे बढ़ाते हुए पीएम मोदी एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट स्कीम की शुरुआत करेंगे। इसका फायदा उन छात्रों को मिलेगा, जिन्हें किन्ही कारणों से बीच में ही पढ़ाई छोड़नी पड़ती है। जानते हैं क्या है इस स्कीम का फायदा...?

एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट क्या है? 
आसान भाषा में कहें तो ये एक वर्चुअल स्टोर हाउस है, जो हर स्टूडेंट का डेटा रिकॉर्ड रखेगा। इसके लिए हर कॉलेज और यूनिवर्सिटी को एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट स्कीम में अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा। अगर कोई स्टूडेंट बीच में ही पढ़ाई छोड़कर चला जाता है तो उसे उसे टाइम पीरियड के हिसाब से सर्टिफिकेट दिया जाएगा। 

किस आधार पर सर्टिफिकेट मिलेगा?
सर्टिफिकेट मिलने का आधार बहुत साफ है। पहला साल पास करने पर सर्टिफिकेट, दूसरा साल पास करने पर डिप्लोमा और तीन साल पूरा या कहें कोर्ट पूरा करने पर डिग्री दी जाएगी। 

कैसे काम करेगा एकेडमिक बैंक?
एकेडमिक बैंक में स्टूडेंट का खाता खोला जाएगा। इसके बाद उसे स्पेशल आईडी और स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर का पालन करना होगा। इस योजना का फायदा किसी भी इंस्टीट्यूट के छात्र को मिल सकता है। शर्त सिर्फ इतनी भर होगी कि इंस्टीट्यूट ने अपना रजिस्ट्रेशन इस स्कीम के तहत कराया हो। 

अधिकतम सेल्फ लाइफ 7 साल
ABC में स्टोर क्रेडिट की अधिकतम शेल्फ लाइफ 7 साल होगी। इसके बाद इसका फायदा नहीं मिलेगा। हां, ये अलग बात है कि इंस्टीट्यूटन में अलग नियम हो तो फायदा मिल सकता है। 

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